Crypto Market में लगातार बढ़ते Spot Crypto ETF Inflow और Altcoins ETF Approvals ने ट्रेडिशनल फाइनेंशियल वर्ल्ड के लिए नई दिशा तय कर दी है। इसी माहौल में दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी एसेट मैनेजर कंपनी Vanguard, जिसके पास लगभग $11 ट्रिलियन से अधिक की एसेट्स हैं, ने अपना रुख बदलते हुए अब प्लेटफ़ॉर्म पर Bitcoin, Ethereum, XRP और Solana ETFs की ट्रेडिंग की अनुमति दे दी है।
यह निर्णय उस नीति के बिल्कुल उलट है जिसमें जनवरी 2024 में Vanguard ने Spot Bitcoin ETF की ट्रेडिंग रोक दी थी। अब इस अपडेट के बाद “Does Vanguard Have a Crypto ETF? का जवाब बदल चुका है। कंपनी अपने ग्राहकों को Crypto-linked Products तक पहुंच दे रही है, जो क्रिप्टोकरेंसी में इन्स्टिट्यूशनल एडॉप्शन की दिशा में एक बड़ा कदम है।
इस दुनिया के दुसरे सबसे बड़े एसेट मेनेजर की Crypto ETF Policy में यह बड़ा बदलाव नए CEO Salim Ramji के आने के करीब 17 महीने बाद हुआ। Ramji पहले BlackRock में iShares और Index Investing Department के प्रमुख रहे हैं। BlackRock वह कंपनी है जिसने iShares Bitcoin Trust (IBIT) लॉन्च किया, Sosovalue के अनुसार यह लगभग $70 Billion AUM के साथ आज दुनिया का सबसे बड़ा Bitcoin Exchange Traded Fund बन चुका है।
Ramji का रेगुलेटरी बैकग्राउंड और अनुभव, इसकी पुरानी Conservative Policy से उलट साबित हुआ। जहां पहले कंपनी का मानना था कि डिजिटल एसेट्स Long-term Investment Philosophy के अनुरूप नहीं हैं, वहीं अब वह इस फैक्ट को स्वीकार कर रही है कि Crypto ETF की इन्वेस्टर्स के बीच बड़ी डिमांड है।
महत्वपूर्ण बात यह है कि इसने सिर्फ इसकी ट्रेडिंग की अनुमति दी है। यह नए क्रिप्टो प्रोडक्ट लॉन्च नहीं कर रहा, बल्कि पहले लगाए गए इंटरनल ब्लॉक को हटाया है। इसका सीधा मतलब है कि Vanguard यूजर्स अब BlackRock, Fidelity, Franklin Templeton जैसी कंपनियों द्वारा लॉन्च किए गए Spot Bitcoin ETFs भी ट्रेड कर सकेंगे।
हालांकि रिपोर्ट्स के अनुसार, Memecoin-linked ETFs प्लेटफ़ॉर्म पर अब भी नहीं आएंगे।
Vanguard ने US SEC की “Speculative Asset Class” डेफिनेशन का हवाला देते हुए कहा कि Memecoins में फंडामेंटल यूटिलिटी और इन्वेस्टर प्रोटेक्शन के लिए एसेट बेकिंग की कमी होती है। यही कारण है कि कंपनी क्रिप्टो इकोसिस्टम के अंदर भी केवल फंडामेंटल L1 एसेट और Altcoins ETF पर भरोसा दिखा रही है।
यह दृष्टिकोण दिखाता है कि यह इन्वेस्टमेंट प्लेटफार्म क्रिप्टो को Gold या Non-core Asset Classes की तरह व्यवहार कर रहा है यानी निवेशक को पहुंच मिलेगी, लेकिन कंपनी अपनी इन्वेस्टिंग फिलोसोफी नहीं बदल रही है।
नहीं। Vanguard अपना खुद का Crypto ETF लॉन्च नहीं कर रहा। यह केवल यूजर्स को बाहरी फर्मों द्वारा लॉन्च किए गए Exchange Traded Funds की ट्रेडिंग की सुविधा दे रहा है। इनमें से भी यह केवल Bitcoin, Ethereum, XRP और Solana ETFs जैसी Top Cryptocurrency को मान्यता दे रहा है। इसके रुख में इस बड़े बदलाव का कारण इन्वेस्टर डिमांड, मार्केट कॉम्पिटिशन और Regulated Framework के कारण बढ़ता लीगल सपोर्ट है।
इस Crypto News के सामने आते ही, Cryptocurrency Exchange Traded Fund इकोसिस्टम में कुछ महत्वपूर्ण बदलावों की उम्मीद की जा रही है:
इसका यह कदम दिखाता है कि 2025 में Cryptocurrency ETF यह Cryptocurrency Alternative Investment Layer से रेगुलेटेड फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट में बदल रहा है।
क्रिप्टो मार्केट आज भी ऐसे दौर से गुजर रहा है जहाँ सेंटिमेंट और रेगुलेशन साथ साथ चल रहे हैं। Vanguard का डिसिजन ट्रेडिशनल मार्केट की स्वीकार्यता की तरह है, कि Crypto ETFs मॉडर्न पोर्टफोलियो का हिस्सा बन चुके हैं।
पिछले 6 वर्षों की Crypto Reporting के दौरान मैंने देखा है कि क्रिप्टो एडॉप्शन हमेशा एक जैसा नहीं रहा। लेकिन जब Vanguard, BlackRock और Fidelity जैसे इन्स्टिट्यूशन एक दिशा में कदम बढ़ाते हैं, तो उसका प्रभाव रिटेल ट्रेडर्स पर नहीं बल्कि लॉन्ग टर्म कैपिटल एलोकेशन पर पड़ता है।
Disclaimer: यह लेख वित्तीय सलाह नहीं है। क्रिप्टो ETFs Regulated Markets में आते हैं, लेकिन Underlying Assets अभी भी उच्च जोखिम वाले हैं। निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य करें।
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