ADA मार्केट कैप | ₹2,308.04 Cr |
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ADA फुली डाइल्यूटेड वैल्यूएशन | ₹2,885.00 Cr |
ADA सर्कुलेटिंग सप्लाई | 36,010,655,200.00 |
ADA टोटल सप्लाई | 45,000,000,000.00 |
ADA मैक्स सप्लाई | 45,000,000,000.00 |
Cardano (ADA) एक डिसेंट्रलाइज्ड, ओपन-सोर्स ब्लॉकचेन प्लेटफॉर्म है, जिसका उद्देश्य स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स और डिसेंट्रलाइज्ड एप्लिकेशन्स (dApps) के लिए एक सुरक्षित, टिकाऊ और स्केलेबल इंफ्रास्ट्रक्चर प्रदान करना है। इसकी स्थापना Ethereum के को-फाउंडर Charles Hoskinson ने की थी और इसका डेवलपमेंट IOHK (Input Output Hong Kong) द्वारा किया गया। Cardano का मुख्य उद्देश्य मौजूदा ब्लॉकचेन की समस्याओं, जैसे स्केलेबिलिटी, सस्टेनेबिलिटी और इंटरऑपरेबिलिटी को हल करना है।
ADA टोकन Cardano ब्लॉकचेन की क्रिप्टोकरेंसी है, जो 2017 में लॉन्च हुई थी। इसका नाम गणितज्ञ Ada Lovelace के नाम पर रखा गया है। Cardano का यूनिक proof-of-stake (PoS) कंसेंसस मैकेनिज्म, Ouroboros, इसे ऊर्जा-कुशल और टिकाऊ बनाता है। ADA Token का उपयोग कई उद्देश्यों के लिए किया जाता है, जैसे स्टैकिंग, स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स, DeFi एप्लिकेशन्स, और NFTs।
Cardano का स्टेकिंग सिस्टम अधिक एनर्जी-एफ्फिशिएंट है, क्योंकि यह ADA की मात्रा के आधार पर वेलिडेटर्स का चयन करता है। इसके अलावा, Cardano का PoS सिस्टम Bitcoin के PoW सिस्टम से अलग है, जो इसे तेज़ और अधिक स्केलेबल बनाता है।
Cardano और Bitcoin के बीच प्रमुख अंतर हैं जैसे कंसेंसस मैकेनिज्म (PoS बनाम PoW), ट्रांज़ैक्शन टाइम (20 सेकंड बनाम 10 मिनट), और TPS (250 बनाम 7)। Cardano का इंटरऑपरेबिलिटी पर ध्यान केंद्रित है, जबकि Bitcoin सीमित इंटरऑपरेबिलिटी प्रदान करता है।
ADA में निवेश करने से पहले मार्केट रिसर्च और अस्थिरता को समझना आवश्यक है। Cardano की तकनीकी और विकास दृष्टिकोण मजबूत है, लेकिन क्रिप्टो की अस्थिरता और नियामकीय अनिश्चितताएं भी निवेशकों के लिए जोखिम हो सकती हैं। What is Cardano (Cardano क्या है)
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Cardano का कंसेंसस मैकेनिज्म Proof of Stake (PoS) है, जिसे Ouroboros कहा जाता है। यह Proof of Work (PoW) से अधिक एनर्जी-एफ्फिशिएंट है और ब्लॉकचेन पर ट्रांजेक्शन्स को वैलिडेट करने के लिए ADA टोकन का उपयोग करता है।
Cardano Proof of Stake (PoS) कंसेंसस मैकेनिज्म का उपयोग करता है, जबकि Bitcoin Proof of Work (PoW) का उपयोग करता है। Cardano का ट्रांजेक्शन टाइम 20 सेकंड है, जबकि Bitcoin का 10 मिनट। इसके अलावा, Cardano का सप्लाई लिमिट 45 अरब है, जबकि Bitcoin का 21 मिलियन है।
ADA Token का उपयोग करेंसी और प्राइस ट्रांसफर, स्टेकिंग, स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स, डेलीगेशन, DeFi एप्लिकेशन्स में उपयोग, NFT बनाने और खरीदने और Cardano Blockchain की गवर्नेंस में किया जाता है।
Cardano में स्टेकिंग का मतलब ADA Token को स्टेक पूल में एलोकेट करना है ताकि नेटवर्क के Proof of Stake (PoS) कंसेंसस मैकेनिज्म में भाग लिया जा सके। इससे नेटवर्क के विकास और डिसेंट्रलाइजेशन को बढ़ावा मिलता है। What is Staking in Cardano
Ouroboros, Cardano का Proof of Stake (PoS) कंसेंसस मैकेनिज्म है, जो एक एनर्जी-एफ्फिशिएंट और सिक्योर तरीका प्रदान करता है ट्रांजेक्शन्स को वैलिडेट करने के लिए। यह Bitcoin के Proof of Work (PoW) से अधिक प्रभावी है।
हां, Cardano Blockchain पर आप NFTs (Non-Fungible Tokens) बना सकते हैं, खरीद सकते हैं और बेच सकते हैं। Cardano NFT Marketplace का विकास हो रहा है और यह DeFi और अन्य ऐप्स के लिए भी उपयुक्त है।
Cardano का Proof of Stake (PoS) सिस्टम उसे अधिक स्केलेबल बनाता है। Cardano में प्रति सेकंड 250 ट्रांजेक्शन्स (TPS) की क्षमता है, जबकि Bitcoin में यह सिर्फ 7 TPS है, जिससे Cardano अधिक ट्रांजेक्शन्स को प्रोसेस कर सकता है।
Cardano (ADA) में निवेश एक अच्छा विकल्प हो सकता है यदि आप ब्लॉकचेन के लॉन्गटर्म डेवलपमेंट को समझते हैं। हालांकि, सभी क्रिप्टोकरंसी की तरह, ADA भी मार्केट की अस्थिरता और रेगुलेटरी अनिश्चितताओं के अधीन है, इसलिए निवेश करने से पहले पूरी रिसर्च करना आवश्यक है।
Cardano का गवर्नेंस सिस्टम ऑन-चेन है, जिससे ADA होल्डर्स सीधे प्लेटफॉर्म की दिशा और निर्णयों में भाग ले सकते हैं। यह डिसेंट्रलाइजेशन को बढ़ावा देता है और Cardano के निर्णयों को और अधिक पारदर्शी बनाता है।
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