Orissa Court का बड़ा बयान: भारत में क्रिप्टो डीलिंग इलीगल नहीं
उड़ीसा हाई कोर्ट ने स्टेटमेंट दिया कि क्रिप्टोकरेंसी डीलिंग भारत में इलीगल नहीं मानी जा सकती, जिससे निवेशकों को बड़ी राहत मिली है।
न्यायमूर्ति शशिकांत मिश्रा की एकल पीठ ने पोंजी/MLM स्कीम के आरोपों का सामना कर रहे दो व्यक्तियों को जमानत दी है, क्योंकि उनके खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं था।
कोर्ट ने कहा कि क्रिप्टो में किया गया निवेश OPID Act के तहत डिपॉजिट नहीं माना जा सकता है, जिससे क्रिप्टोकरेंसी में निवेशकों की सुरक्षा बढ़ती है।
आरोपियों पर Yes World Token में निवेश करवाने और बोनस का लालच देकर लोगों को लुभाने का आरोप था, लेकिन कोर्ट ने इसे अवैध नहीं माना।
कोर्ट ने कहा कि आरोपियों ने किसी व्यक्ति को बेईमानी से संपत्ति देने के लिए प्रेरित नहीं किया और ना ही कोई फंड ट्रांसफर हुआ है।
भारत सरकार क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग प्रॉफिट पर 30% टैक्स और 1% TDS लेती है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि क्रिप्टोकरेंसी अवैध नहीं है।
किसी भी क्रिप्टो एक्सचेंज को भारत में अपनी सेवाएं देने के लिए FIU के साथ रजिस्टर्ड होना अनिवार्य है, जो क्रिप्टो ट्रेडिंग को वैलिड बनाता है।