क्रिप्टोकरेंसी मार्केट दुनिया के सबसे लोकप्रिय मार्केट में से एक हैं, यह मार्केट लोगों को न केवल मालामाल करता आया है, बल्कि निवेश का एक नया विकल्प भी देता आया है। इस विकल्प ने नए निवेशकों के साथ में ट्रेडिशनल निवेशकों को भी मार्केट में इन्वेस्ट करने के लिए आकर्षित किया है। आज से 15 साल पहले Bitcoin के साथ में क्रिप्टो मार्केट की शुरुआत हुई थी। जिसे 2009 में Satoshi Nakamoto द्वारा क्रिएट किया गया था। तब से अब तक मार्केट में लाखों क्रिप्टोकरेंसियां लॉन्च हो चुकी हैं, जिनमें से कुछ एक ने तो Bitcoin की तरह ही लोकप्रियता हासिल की है। लेकिन आज भी क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में Bitcoin का डोमिनेंस पूरी तरह से बरक़रार है, जिसका ही परिणाम है कि इसने 2024 में अपना ऑल टाइम हाई बनाते हुए 70,000 डॉलर का आंकड़ा पार किया है। जो बताता हैं कि आज भी निवेशक इस क्रिप्टोकरेंसी में निवेश को कितना सही और सुरक्षित मानते हैं। लेकिन अगर 2009 में BTC के क्रिएट हो जाने के बाद किसी और के मन में यह विचार नहीं अता कि मार्केट में BTC के आलावा भी क्रिप्टोकरेंसियां हो सकती हैं, तो क्या होता। सबसे पहले तो हमें Ethereum जैसी बेहतरीन क्रिप्टोकरेंसी नहीं मिल पाती और न ही इसके फाउंडर Vitalik Buterine क्रिप्टो मिलेनियर बन पाते।
लगातार डेवलप हो रहे क्रिप्टोकरेंसी स्पेस में वर्तमान में Bitcoin एक लीडिंग फ़ोर्स के रूप में खड़ा हुआ है। BTC न केवल एक लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी है, बल्कि डिसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस का सिंबल भी है। वर्तमान में पूरी दुनिया का ध्यान अपने ऊपर आकर्षित कर रहा Bitcoin अगर एक मात्र क्रिप्टोकरेंसी होता तो इसके कई फायदे और नुकसान होते, जो कि एक यूनिक लेंडस्केप बनाते और पूरे डिजिटल करेंसी स्पेस के भविष्य को आकार देते।
फायदे
अगर BTC ही एक मात्र क्रिप्टो होती तो सारे प्रोजेक्ट एक ही ब्लॉकचेन पर यानी Bitcoin पर होते, जिससे डेटा शेयरिंग आसान और सुव्यवस्थित होती। साथ ही क्रिप्टो इकोसिस्टम के अंदर इनोवेशन, कोलैबोरेशन और सीमलेस कम्युनिकेशन को बढ़ावा दिया जा सकता था।
BTC का एक मात्र क्रिप्टो होने से गवर्नमेंट के लिए ब्लॉकचेन ट्रेकिंग और रेगुलेट करना सरल हो जाता। इसके साथ ही ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के ट्रांसपरेंट नेचर के चलते एक मात्र क्रिप्टो होने का बेनिफिट Bitcoin को मिलता और यह लीगल करंसी के रूप में स्वीकार की जा सकती थी।
Bitcoin को सभी के द्वारा स्वीकार किये जाने से सेंट्रलाइज्ड प्लेटफॉर्म्स की मोनोपॉली ख़त्म हो जाती, जिससे क्रिएटर इकॉनोमी बन पाती और एंड यूजर्स अपने प्रोडक्ट्स पर अधिक कंट्रोल कर पाते। साथ ही रिवॉर्ड और बोनस सीधे एंड यूजर्स तक पहुँच पाते।
Bitcoin (BTC) को सभी के द्वारा स्वीकृत किये जाने से शायद Bitcoin के रहस्यमय क्रिएटर Satoshi Nakamoto की मिस्ट्री सुलझ जाती और हो सकता है कि Satoshi सबके सामने अपनी पहचान को उजागर कर देते। जिससे BTC का क्रिएटर होने का दावा करने वाले लोगों पर अंकुश लग जाता।
नुकसान
अगर Bitcoin एक मात्र क्रिप्टोकरेंसी होती तो इसका सबसे बड़ा नुकसान होता ब्लॉकचेन का लिमिटेशन। दरअसल Bitcoin ब्लॉकचेन में स्केलेबिलिटी और स्पीड जैसे कुछ लिमिटेशन है। यह लिमिटेशन क्रिप्टोकरेंसी स्पेस की ग्रोथ को बाधित कर सकते थे। जिससे क्रिप्टोकरेंसी स्पेस इतना विकसित नहीं हो पाता जितना वर्तमान में है।
क्रिप्टोकरेंसी मार्केट का कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन लगभग $1.32 ट्रिलियन ही रह जाता, जो वतर्मान में Bitcoin का मार्केट कैप है। इससे सबसे बड़ा नुकसान यह होता कि बाकी के $1.32 ट्रिलियन इकॉनोमी में नहीं जुड़ पाते और मार्केट का विस्तार नहीं हो पाता।
BTC का एक मात्र क्रिप्टोकरेंसी होने से लेयर 2 ब्लॉकचेन सॉल्यूशन प्राप्त नहीं हो पाते, जिससे टेक्नोलॉजिकल एडवांसमेंट की कमी हो जाती। साथ ही साथ यह NFT और Metaverse जैसी इमर्जिंग टेक्नोलॉजी की फिजिबिलिटी भी प्रभावित हो सकती थी, जिसके चलते इनका व्यापक रूप से एडॉप्शन नहीं हो पाता।
क्रिप्टो स्पेस में BTC के अलावा भी कई क्रिप्टोकरेंसिया होने से जॉब, इन्फ्लुएंसर और डेवलपमेंट के जो अवसर क्रिएट हुए हैं वह सिर्फ Bitcoin के एक मात्र क्रिप्टो होने से नहीं बन पाते। वहीँ लिमिटेड सप्लाई वाले Bitcoin की मांग बढ़ने से इसकी कीमत में भी बढ़ोतरी होती, जिससे इसकी गैस फ़ीस इतनी ज्यादा बढ़ जाती की उपयोगिता ही समाप्त हो जाती।
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