G20 में Argentina, Australia, Argentina, Australia, Brazil, Canada, China, France, Germany, India, Indonesia, Italy, Japan, Mexico, Russia, Saudi Arabia, South Africa, South Korea, Turkey, the United Kingdom, United States और European Union शामिल है। G20 के सभी देश AI को ग्लोबल डिजिटल इकॉनमी की समृद्धि और विस्तार के लिए एक उपकरण के रूप में देखते है। हालाँकि G20 सदस्य देशों ने AI के जिम्मेदार उपयोग और विकास को सुनिश्चित करने के लिए डेटा प्रोटेक्शन, उचित मानवीय निरीक्षण और नैतिकता के बारे में वर्तमान चिंताओं को संबोधित करने की सलाह दी है। इसके अलावा, सदस्यों ने 2019 में तैयार किए गए प्रिंसिपल्स ड्राफ्ट के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की है जो भरोसेमंद AI बनाने के लिए अंतरराष्ट्रीय नियमों और सहयोग की रूपरेखा तैयार करता है। G20 ने प्रो-इनोवेशन रेगुलेटरी एप्रोच अपनाने पर भी सहमति व्यक्त की है, जो संभावित रूप से किसी भी संबंधित जोखिम को कम करते हुए AI के अधिकतम लाभ प्राप्त करने में मदद कर सकता है। जिम्मेदार AI के निर्माण के अभियान का उद्देश्य दुनिया भर में शांति और समृद्धि को आगे बढ़ाने के लिए United Nations (UN) द्वारा निर्धारित 17 सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स (SDGs) को प्राप्त करना भी होगा।
भारत की फाइनेंस मिनिस्टर Nirmala Sitharaman ने पुष्टि की है कि G20 सदस्य एक ग्लोबल क्रिप्टो फ्रेमवर्क स्थापित करने की दिशा में काम कर रहे हैं। समिट के दौरान, Sitharaman ने दुनिया भर में क्रिप्टोकरंसी को रेगुलेट करने में मदद के लिए वैश्विक सहयोग की आवश्यकता पर प्रकाश डाला है। इसके अलावा पिछले महीने प्राइम मिनिस्टर Narendra Modi ने भी G20 समिट के दौरान क्रिप्टो पर नियम तैयार करने के लिए ग्लोबल कोर्पोरेशन की बात कही थी। साथ ही AI पर भी PM Modi ने यही प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। उन्होंने कहा था कि आज पूरा विश्व AI को लेकर उत्साह दिखा रहा है, प्रत्येक क्षेत्र में AI का इस्तेमाल किया जाने लगा है। AI का इतनी जल्दी विकास होना चिंता का विषय बनता जा रहा है। PM Modi का मानना है कि ब्लॉकचेन और क्रिप्टोकरंसी की तरह AI पर भी एक ही नियम और कानून बनाए जाने की आवश्यकता है।
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