दुनिया के सबसे बड़े Cryptocurrency Exchange Binance ने South Africa में अपने यूज़र्स के लिए ट्रांसफर से जुड़ी नई स्ट्रिक्ट गाइडलाइंस की घोषणा की है। ये बदलाव लोकल रेगुलेटरी रूल्स के कंप्लायंस में किए जा रहे हैं और इसका प्रभाव विशेष रूप से डिपॉज़िट और विदड्रॉल प्रोसेस पर पड़ेगा। ये नए नियम 30 April 2025 से लागू होंगे, जबकि यूज़र्स को 24 April से अपने अकाउंट्स में दोबारा लॉगिन करने की आवश्यकता होगी।
Binance ने यह स्पष्ट किया है कि यह डिसीजन लोकल लीगल रूल्स के तहत लिया गया है, ताकि वह South Africa में कानूनी रूप से अपनी सेवाएं जारी रख सके। कंपनी का कहना है कि वह पूरी तरह से नियमों का पालन करते हुए अपने यूज़र्स को सर्विस प्रोवाइड करने के लिए कमिटेड है।
अब Binance Users को क्रिप्टो सेंड करते समय या रिसीव करते समय सेंडर या रिसीवर की पूरी जानकारी देनी होगी।
अगर कोई यूज़र फंड रिसीव कर रहा है, तो उसे सेंडर का नाम और उसकी जानकारी देनी होगी।
वहीं, अगर कोई यूज़र फंड विथड्रॉ कर रहा है, तो उसे रिसीवर का नाम, देश और अगर उसका फंड किसी एक्सचेंज में जा रहा है तो उस एक्सचेंज का नाम भी बताना होगा।
अगर कोई यूज़र अपने ही नाम पर, किसी दूसरी एक्सचेंज में ट्रांसफर कर रहा है, तो उसे केवल उस एक्सचेंज का नाम देना होगा। यह बदलाव उन यूज़र्स के लिए राहत की बात हो सकती है जो अक्सर अपने अकाउंट्स के बीच ट्रांसफर करते हैं।
Binance ने बताया है कि यह नई प्रोसेस यूज़र इंटरफेस में भी दिखाई देगी। जैसे ही यूज़र कोई डिपॉज़िट या विदड्रॉल शुरू करेगा, एक पॉप-अप प्रॉम्प्ट के ज़रिए उसकी जरूरी जानकारी ली जाएगी। जब तक ये डिटेल्स नहीं दी जाएंगी, ट्रांसफर आगे नहीं बढ़ पाएगा।
Binance ने फिलहाल यह स्पष्ट नहीं किया है कि इसी तरह के नियम दूसरे देशों में भी लागू होंगे या नहीं। लेकिन हाल ही में India में Binance ने सभी यूज़र्स को KYC Alert किया था, जिसमें नए और मौजूदा सभी यूज़र्स को दोबारा KYC Verification कराने को कहा था, जो AML (Anti-Money Laundering) नियमों के तहत आता है। इससे पता चलता है कि Binance अपनी ग्लोबल कंप्लायंस स्ट्रेटेजी को तेजी से लागू कर रहा है।
Binance का यह कदम South African में यूज़र्स के लिए गंभीर लेकिन जरूरी बदलाव लेकर आया है। अब हर ट्रांसफर पहले से कहीं ज्यादा ट्रांसपेरेंट और लीगल फ्रेमवर्क के अनुसार होगा। इस बदलाव से न केवल फाइनेंशियल क्राइम्स पर लगाम लगेगी, बल्कि यूज़र्स की सुरक्षा भी बढ़ेगी। साथ ही, इससे यह भी साफ होता है कि आने वाले समय में अन्य देशों में भी इसी तरह के नियम देखे जा सकते हैं।
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