क्रिप्टो वर्ल्ड में सिक्योरिटी हमेशा सबसे बड़ी प्राथमिकता रही है, लेकिन हाल ही में XRP Ledger की एक प्रमुख JavaScript Library xrpl.js में एक गंभीर सिक्योरिटी Vulnerability पाई गई, जिससे नेटवर्क की सुरक्षा पर बड़ा खतरा मंडरा गया। यह बग इतना खतरनाक था कि इससे यूजर्स की प्राइवेट कीज़ और वॉलेट्स तक खतरा पहुंच सकता था।
हाल की खबरों के अनुसार, CoinSwitch की रिपोर्ट है की Ripple भारत का टॉप Trading Coin है। Ripple ने Shiba Inu और Bitcoin जैसी बड़ी Cryptocurrency को भी पीछे छोड़ दिया है।
xrpl.js एक पॉपुलर JavaScript Library है जिसका इस्तेमाल XRP Ledger Network से जुड़ने और ट्रांज़ैक्शन के लिए किया जाता है। इस लाइब्रेरी को XRP Ledger Foundation मेंटेन करती है और इसे Ripple भी XRP Blockchain के साथ काम करने के लिए रिकमेंड करता है।
हाल ही में इस लाइब्रेरी के वर्जन 4.2.1 से 4.2.4 तक के अपडेट्स में एक बैकडोर (Malicious Code) पाया गया था। इस बग की खोज Aikido Security नामक ब्लॉकचेन सिक्योरिटी फर्म ने की थी। उनकी रिपोर्ट के अनुसार, इस बैकडोर के ज़रिए अटैकर्स यूज़र्स की प्राइवेट कीज़ चुरा सकते थे और उनके वॉलेट्स को खाली कर सकते थे।
यह बैकडोर कोड यूज़र की प्राइवेट की Wallet Seeds और Mnemonics को एक अटैकर-कंट्रोल्ड डोमेन (0x9c[.]xyz) पर भेज देता था। सबसे खतरनाक बात यह रही कि कुछ ही समय में कई इन्फेक्टेड वर्जन लॉन्च किए गए, जिससे यह अंदाजा लगाया गया कि अटैकर्स डिटेक्शन से बचने के अलग-अलग तरीके ट्राय कर रहे थे।
यह अटैक बड़े पैमाने पर हो सकता था क्योंकि xrpl.js Library को हर हफ्ते 1.4 लाख से ज्यादा बार डाउनलोड किया जाता है। अगर इस बग का समय रहते पता न चलता, तो हजारों यूजर्स के वॉलेट्स से फंड चोरी हो सकते थे।
इस घटना से यह साफ हो गया है कि क्रिप्टो वर्ल्ड में सिक्योरिटी को हल्के में नहीं लिया जा सकता। डेवलपर्स और यूजर्स दोनों को सावधान रहने की ज़रूरत है। समय पर एक्शन लेने के चलते इस बार बड़ा नुकसान टल गया, लेकिन आने वाले समय में ऐसे अटैक्स से बचाव के लिए और कड़े सुरक्षा उपायों की ज़रूरत है।
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