Celestia ने हाल ही में अपना नया Testnet mamo-1 लॉन्च किया है, जिसका मुख्य उद्देश्य नेटवर्क की स्केलेबिलिटी को नए एक्स्ट्रीम्स तक ले जाना है। यह Testnet, जो कि भविष्य के Mainnet अपग्रेड्स के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, हाई डेटा थ्रूपुट को सपोर्ट करने के लिए डिजाइन किया गया है। mamo-1 हर 6 सेकंड में 128MB के ब्लॉक्स तैयार करता है, और इसकी डेटा प्रोसेसिंग स्पीड 21.33MB/s है। यह Celestia के पुराने नेटवर्क से 16 गुना ज्यादा तेज़ है। इस Testnet की सफलता, Celestia की स्केलेबिलिटी को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है।
बेहतर नेटवर्क परफॉरमेंस: mamo-1 Testnet के जरिए Celestia अब ज्यादा डेटा प्रोसेस कर पाएगा। इसका मतलब यह है कि इसकी नेटवर्क कैपेसिटी में सुधार होगा, जिससे ज्यादा यूज़र्स और ट्रांजैक्शन्स को बिना किसी प्रॉब्लम के हैंडल किया जा सकेगा।
फ़ास्ट ट्रांजैक्शन स्पीड: mamo-1 में 128MB के ब्लॉक्स को हर 6 सेकंड में जनरेट करता है। इसका मतलब यह है कि नेटवर्क बहुत फ़ास्ट काम करेगा और यूज़र्स को बिना किसी रुकावट के ट्रांज़ैक्शन की सुविधा मिलेगी।
कम ट्रांजैक्शन फीस: जब नेटवर्क ज्यादा फ़ास्ट और एफिशिएंट होता है, तो ट्रांजैक्शन फीस भी कम हो जाती है। क्योंकि जब नेटवर्क ज्यादा लोड को आसानी से संभाल सकता है, तो फीस पर असर नहीं पड़ेगा और यूज़र्स को अफोर्डेबल सर्विस मिलती है।
स्केलेबल dApps: ज्यादा फ़ास्ट नेटवर्क का मतलब है कि इस पर बड़ी संख्या में डिसेंट्रलाइज़्ड एप्लिकेशन्स (dApps) आसानी से चलाए जा सकेंगे। इसके लिए ज़्यादा डेटा प्रोसेसिंग की पावर जरूरी होती है। mamo-1 इसका बेहतर सोल्युशन प्रदान करता है।
बेहतर डेटा ट्रांसफर: mamo-1 में एक नया डेटा ट्रांसफर प्रोटोकॉल Vacuum लागू किया गया है, जिससे डेटा स्पीड और भी फ़ास्ट हो जाती है। यह डेटा को नेटवर्क पर सही से ट्रांसफर करने में मदद करता है, जिससे यूज़र्स एक्सपीरियंस बेहतर हो जाता है।
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mamo-1 का एक खास फीचर नया डेटा ट्रांसफर प्रोटोकॉल है, जिसे Vacuum कहा गया है। यह प्रोटोकॉल नेटवर्क पर डेटा फ्लड करने की जगह सिर्फ उन पीयर्स को डेटा भेजता है जो उसकी रिक्वेस्ट करते हैं। इससे अनावश्यक ट्रैफिक कम होता है और सिस्टम ज्यादा एफिशियंट हो जाता है। Vacuum प्रोटोकॉल वेलिडेटर्स को अपने डेटा को अनाउंस करने की सुविधा देता है, ताकि अगर किसी एक वेलिडेटर के पास पूरा डेटा नहीं है, तो वह बैकअप डेटा के जरिए मिसिंग पार्ट्स को रिबिल्ड कर सके।
जब भी कोई नया नेटवर्क या टेक्नोलॉजी तैयार होती है, तो उसे सबसे पहले टेस्ट किया जाता है। इसके लिए Testnet का इस्तेमाल होता है। Testnet में डेवलपर्स अपने नए फीचर्स और अपग्रेड को टेस्ट करते हैं ताकि वे देख सकें कि नेटवर्क सही से काम कर रहा है या नहीं। जब सबकुछ सही हो जाता है और वो नेटवर्क सभी यूज़र्स के लिए लाइव होता है, तो उसे Mainnet कहा जाता है।
Celestia का अगला टारगेट 1GB के ब्लॉक्स को सपोर्ट करना है। अगर यह टारगेट पूरा होता है, तो Celestia और भी ज्यादा डेटा प्रोसेस कर पाएगा। इससे बड़े पैमाने पर डेटा को आसानी से हैंडल किया जा सकेगा, जो ब्लॉकचेन की कैपेसिटी को और बढ़ाएगा।
mamo-1, Celestia Blockchain टेक्नोलॉजी की भविष्य की योजनाओं के लिए महत्वपूर्ण है। इसका फ़ास्ट डेटा प्रोसेसिंग और इम्प्रूवड सिस्टम यह दर्शाते हैं कि यह बड़े पैमाने पर डेटा प्रोसेसिंग करने वाले डिसेन्ट्रलाइज़्ड ऐप्स के लिए एक सूटेबल सोल्युशन हो सकता है। अगर Celestia आगे भी इस दिशा में सुधार करता रहा, तो यह अपने फ्यूचर टार्गेट्स को आसानी से पूरा कर सकता है।
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