भारत में क्रिप्टोकरेंसी इंडस्ट्री Budget 2025 से सकारात्मक और प्रगतिशील बदलावों की उम्मीद कर रही है। भारत क्रिप्टोकरेंसी अपनाने के मामले में ग्लोबल लेवल पर एक अग्रणी राष्ट्र बन चुका है। हालांकि, Budget 2022 में लागू किए गए टैक्स और अन्य नियमों के कारण इस सेक्टर को कुछ गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। इन नियमों में प्रमुख हैं क्रिप्टो ट्रांजैक्शन पर 1% TDS (Tax Deducted at Source) और प्रॉफिट के मुकाबले घाटे की भरपाई पर रोक। इन कड़े प्रावधानों के कारण क्रिप्टो कम्युनिटी में निराशा का माहौल था, लेकिन अब 2025 के केंद्रीय बजट से कम्युनिटी की उम्मीदें फिर से जाग गई हैं। हालाँकि Union Budget 2024 से क्रिप्टो कम्युनिटी को कुछ ख़ास हाथ नहीं लगा था, जिससे कम्युनिटी एक बार फिर असमंजस की स्थिति में दिख रही है।
क्रिप्टो इंडस्ट्री ने हाल के वर्षों में शानदार वृद्धि देखी है, लेकिन भारत में इसे मुख्यधारा में पूरी तरह से समाहित करने के लिए सुधार की आवश्यकता है। 2022 के बजट में सरकार ने क्रिप्टो से होने वाली आय पर 30% टैक्स लगा दिया, जो कि अन्य निवेशों के मुकाबले काफी अधिक था। इसके अलावा, क्रिप्टो ट्रांजैक्शन पर 1% TDS भी लागू किया गया, जिससे निवेशकों को कठिनाइयाँ उत्पन्न हुईं, खासकर उन निवेशकों के लिए जिनकी ट्रांजैक्शन संख्या अधिक होती है। इन प्रावधानों के कारण, क्रिप्टो के प्रति निवेशकों की भागीदारी में गिरावट आई है और मार्केट में लिक्विडिटी की समस्या भी उत्पन्न हुई है।
क्रिप्टो कम्युनिटी अब सरकार से अपेक्षाएँ रखती है कि Union Budget 2025 में इन मुद्दों पर विचार किया जाएगा। सबसे महत्वपूर्ण मांग है, सेक्शन 194S के तहत क्रिप्टो ट्रांजैक्शन पर लागू 1% TDS को घटाकर 0.01% किया जाए। कम्युनिटी का तर्क है कि इस कदम से निवेशकों को निवेश करने में प्रोत्साहन मिलेगा और ट्रेडिंग वॉल्यूम में वृद्धि होगी। इसके अलावा, इस सेक्शन के तहत क्रिप्टो ट्रांजैक्शन की सीमा को भी 50 हजार रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने की बात की जा रही है, जिससे निवेशकों को और अधिक फ्लेक्सिबिलिटी मिलेगी।
इसके अलावा, क्रिप्टो कम्युनिटी ने सरकार से यह भी मांग की है कि क्रिप्टो इनकम पर लगने वाले 30% टैक्स पर भी फिर से विचार किया जाए। कम्युनिटी का मानना हैं कि एक सिंपल और फ्लेक्सिबल टैक्स स्ट्रक्चर होने से निवेशकों के बीच विश्वास पैदा होगा और Cryptocurrency Trading एक्टिविटी भी बढ़ेगी।
केंद्रीय बजट 2025 में क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी कुछ गंभीर चुनौतियों का समाधान होने की संभावना है। क्रिप्टो कम्युनिटी ने जो उम्मीदें जताई हैं, वे न केवल इस सेक्टर की ग्रोथ रेट को प्रभावित करेंगी, बल्कि निवेशकों का भरोसा भी बढ़ाएंगी। सरकार द्वारा इन प्रस्तावों पर गंभीरता से विचार करने से भारत में क्रिप्टोकरेंसी का फ्यूचर और भी सुनहेरा हो सकता है। अगर इन सुधारों को लागू किया जाता है, तो न केवल भारत में क्रिप्टो एडॉप्शन की गति तेज होगी, बल्कि भारत ग्लोबल क्रिप्टो मार्केट में एक प्रमुख खिलाड़ी बना सकता है।
यह भी पढ़िए: Jio Coin Tata के Neu Coin से किस तरह है अलग, जाने विस्तार सेरोहित त्रिपाठी एक सीनियर क्रिप्टो कंटेंट राइटर और ब्लॉकचेन रिसर्चर हैं, जिनके पास 13+ वर्षों का अनुभव है। जिसमें बीते कुछ वर्षों से उनका फोकस विशेष रूप से क्रिप्टोकरेंसी और ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर रहा है। वे ऑन-चेन मेट्रिक्स, डेफी ट्रेंड्स, प्राइस मूवमेंट्स और टोकनॉमिक्स का व्यावहारिक ज्ञान रखते हैं। उनकी विशेषज्ञता डेटा-ड्रिवन आर्टिकल्स, डीप मार्केट रिसर्च, SEO-ऑप्टिमाइज्ड कंटेंट और इंडस्ट्री-फोकस्ड एनालिसिस तैयार करने में है।
रोहित वर्तमान में Crypto Hindi News में टीम लीड और हेड ऑफ कंटेंट के रूप में कार्यरत हैं। जहाँ लगातार कंटेंट डिलीवर करके, रोहित ने खुद को हिंदी क्रिप्टो मीडिया स्पेस में एक भरोसेमंद और प्रभावशाली आवाज़ के रूप में स्थापित किया है। उनका कंटेंट रिलायबल डेटा सोर्स, ऑन-चेन टूल्स और मार्केट रिसर्च से प्राप्त फैक्ट्स पर आधारित होता है। वे हर आर्टिकल में एक्यूरेसी, ट्रांसपेरेंसी और रीडर्स को वैल्यू देने को प्राथमिकता देते हैं।
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