भारत के Delhi-National Capital Region (NCR) से तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है, जिन पर अमेरिका और कनाडा के वरिष्ठ नागरिकों को ठगने के लिए एक बड़ा स्कैम चलाने का आरोप है। आरोपियों ने Local Law Enforcement Officials के रूप में अपनी पहचान छिपाकर Bitcoin के जरिए 260 करोड़ रुपये (30.6 मिलियन डॉलर) का Scam किया।
Central Bureau of Investigation of India (CBI) ने शुक्रवार को इन गिरफ्तारियों की घोषणा की और एक Complex Cryptocurrency Scam का खुलासा किया, जिसमें तीन व्यक्तियों ने दिल्ली और नोएडा में फर्जी कॉल सेंटर चलाए थे। एजेंसी ने यह भी बताया कि ठगों ने मुख्य रूप से विदेशी लॉ एनफोर्समेंट एजेंसियों, अमेज़न सपोर्ट, माइक्रोसॉफ्ट टेक सपोर्ट और अन्य सर्विस के रिप्रेजेन्टेटिव के रूप में स्वयं को पेश किया और इनसे ठगी की।
CBI Agents के अनुसार, इस Scam को तुषार खरबंदा, गौरव मलिक और अंकित जैन नामक तीन व्यक्तियों ने अंजाम दिया। पुलिस ने बताया कि अंकित जैन ने Crypto Wallets का मैनेजमेंट किया और चोरी किए गए Bitcoin को नकद में बदलने का काम किया। उन्होंने अपने डिजिटल वॉलेट्स में 316 से ज्यादा Bitcoin इकट्ठे किए, जिन्हें बाद में उनके दुबई स्थित साथी द्वारा ट्रांसफॉर्म किया गया और निकाला भी गया।
CBI ने कहा कि ठगों ने अपनी योजना को लागू करने के लिए 150 से ज्यादा Tele Caller का इस्तेमाल किया। एक मामले में, खरबंदा ने रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (RCMP) का अधिकारी बनकर पीड़ितों को यह विश्वास दिलाया कि उनकी पहचान का गलत तरीके से इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके कारण पीड़ितों ने दबाव में आकर 93,000 कनाडाई डॉलर से ज्यादा Bitcoin ATM के जरिए Cryptocurrency में ट्रांसफर कर दिए, जो ठगों के वॉलेट से जुड़े थे।
जांच के दौरान, CBI ने पीड़ितों के रेसिडेंटल और ऑफिशियल जगहों पर छापे मारे और डिजिटल टूल्स को जब्त किया, जिसमें स्कैम की प्लानिंग के लिए स्क्रिप्ट्स मिलीं, जिनमें US Social Security Administration Officials की नकल और स्कैम के रोकथाम विभागों से स्कैम संबंधी बातचीत शामिल थी।
CBI ने कहा कि यह कार्रवाई RCMP द्वारा इंटरपोल गतिविधियों के लिए देश के फोकल प्वाइंट नेशनल सेंट्रल ब्यूरो द्वारा प्रदान की गई जानकारी के आधार पर की गई थी। CBI ने आगे कहा कि यह कार्रवाई RCMP से प्राप्त जानकारी के आधार पर की गई थी।
इस Crypto Scam का पर्दाफाश करके CBI ने ठगों के गिरोह को बेनकाब किया है, जिन्होंने वरिष्ठ नागरिकों को ठगने के लिए विदेशों में फर्जी कॉल सेंटर चलाए थे। इस कार्रवाई से यह स्पष्ट होता है कि डिजिटल स्कैम्स के बढ़ते खतरे को रोकने के लिए कड़ी निगरानी और सुरक्षा उपायों की आवश्यकता है।
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