क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया में हालिया घटनाक्रम के बाद, कई देशों में इसका कानूनी दर्जा बदलने की प्रक्रिया चल रही है। जहां एक ओर कुछ देश क्रिप्टो को वैध करने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं, वहीं भारत में क्रिप्टोकरेंसी के लिए नियमों को लेकर कई सवाल अभी भी बने हुए हैं। हाल ही में, Kenya ने Cryptocurrency को वैध करने के लिए एक नया कानून पेश करने का ऐलान किया है, जिससे यह संकेत मिलता है कि आने वाले समय में वहाँ क्रिप्टो की स्थिति में बड़ा बदलाव हो सकता है। इसी बीच, भारत में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर नियमों में बदलाव की संभावना भी बनी हुई है, लेकिन अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है।
केन्या सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी रूप से वैध करने के लिए नया कानून पेश किया है। इस कदम से यह साबित होता है कि सरकार अब क्रिप्टोकरेंसी को पूरी तरह से नियमन करने की दिशा में आगे बढ़ने के लिए तैयार है। केन्या ने पहले भी क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सावधानी बरती थी, हालांकि अब सरकार ने अपने रुख में बदलाव किया है। भारतीय वित्त मंत्री के बयान के अनुसार, इस नए क़ानून के जरिए क्रिप्टोकरेंसी के उपयोग के दौरान उत्पन्न होने वाली चुनौतियों का समाधान भी किया जाएगा। केन्या में क्रिप्टो का उपयोग तेजी से बढ़ा है और यहाँ की सरकार इसे एक नई वित्तीय क्रांति के रूप में देख रही है।
भारत में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर स्थिति थोड़ा अलग है। वर्तमान में, क्रिप्टोकरेंसी पर 30% टैक्स और 1% TDS लागू है। भारत सरकार इस क्षेत्र में कोई कठोर कदम नहीं उठा रही है, लेकिन इसके बावजूद क्रिप्टो ट्रेडिंग के संबंध में लगातार संसोधन की मांग उठ रही है। सरकार क्रिप्टो को लेकर एक वैश्विक रेगुलेटरी फ्रेमवर्क पर काम कर रही है, जिसे G20 देशों के साथ मिलकर तैयार किया जा रहा है। इसमें IMF जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों का भी सहयोग है। इस फ्रेमवर्क के तहत, भारत में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अधिक स्पष्ट और व्यवस्थित दिशा-निर्देश आने की संभावना है।
हालांकि, फिलहाल भारत सरकार क्रिप्टोकरेंसी को लेकर चुप्पी साधे हुए है, लेकिन आने वाले साल 2025 में इस क्षेत्र में कुछ बड़े बदलाव हो सकते हैं। भारतीय बजट 2025 में क्रिप्टोकरेंसी के लिए कुछ महत्वपूर्ण फैसले लेने की उम्मीद जताई जा रही है। भारत में लगभग 2 करोड़ से अधिक लोग क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर रहे हैं और निवेशक इस क्षेत्र में सरकार से कुछ स्पष्ट दिशा-निर्देशों का इंतजार कर रहे हैं।
जहाँ एक ओर केन्या ने क्रिप्टोकरेंसी को वैध बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया है, वहीं भारत में अभी भी इस क्षेत्र के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देशों की कमी है। हालांकि, भारत सरकार 2025 तक इस मामले में कोई महत्वपूर्ण निर्णय ले सकती है, जिससे क्रिप्टोकरेंसी को लेकर भारतीय निवेशकों और उपयोगकर्ताओं को अधिक स्पष्टता मिल सकेगी।
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