दुनियाभर में सोने की कीमत इन दिनों अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। ऐसे में 17 अप्रैल को सोने की कीमत $3,357 प्रति औंस तक पहुंचने के बाद निवेशकों में उत्सुकता बढ़ गई है कि क्या जल्द ही Bitcoin भी इसी तरह से एक बार फिर उछाल मारेगा।। दरअसल एक पुराना ट्रेंड रहा है कि जब-जब सोने की कीमतों में उछाल आता है तो उसके बाद के करीब 150 दिनों में Bitcoin Price भी तेजी से बढ़ने लगता है। ऐतिहासिक आंकड़ों का विश्लेषण करें तो यह बात सच भी साबित होती है।
2017 में जब सोने की कीमत में 30 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी, तब बिटकॉइन की कीमत $19,120 तक पहुंच गई थी।
साल 2020 में भी COVID-19 महामारी के दौरान जब सोने ने $2,075 के नए उच्चतम स्तर को टच किया था, तब Bitcoin ने 2021 में $69,000 तक की ऊँचाई प्राप्त की थी।
दरअसल सोना और बिटकॉइन जैसा संपत्तियां का व्यवहार आर्थिक अनिश्चितता के दौरान बदल जाता है और अमेरिकी डॉलर के ऑप्शन के रूप में एक-दूसरे के साथ गतिशील रूप से संबंध दर्शाती है। इस बारे में The Theya कंपनी के डेवलपमेंट हेड Joe Consorti का कहना है कि बिटकॉइन को अक्सर सोने के नक्शेकदम पर चलते देखा गया है। बिटकॉइन सोने के दिशा-निर्देशों को आमतौर पर 100 से 150 दिनों की देरी से फॉलो करता है। Joe Consorti का मानना है कि जब केंद्रीय बैंकों द्वारा मुद्रण की प्रक्रिया तेज होती है, तो सोना पहले ही इसका संकेत पकड़ लेता है और बिटकॉइन बाद में इसको फॉलो करता है। ऐसे में गोल्ड रेट में तेजी आने के बाद साल 2025 में बिटकॉइन को तीसरी और चौथी तिमाही में नए उच्चतम स्तर पर देखा जा सकता है।
गोल्ड में तेजी आने के बाद एक बिटकॉइन फॉलोअर apsk32 ने भविष्यवाणी की है कि साल 2025 के मध्य में बिटकॉइन $400,000 तक पहुंच सकता है। इसके अलावा क्रिप्टो मार्केट के कई अन्य विश्लेषकों ने बिटकॉइन के 'पावर कर्व टाइम कॉन्टूर्स' का विश्लेषण किया और उम्मीद जताई है कि साल 2025 के अंत तक बिटकॉइन Parabolic Phase में पहुंच सकता है। क्रिप्टो मार्केट में ये वो स्थिति होती है, जब बिटकॉइन या स्टॉक की कीमत तेजी से बढ़ने लगती है और यह बढ़ोतरी आमतौर पर एक "पैराबोलिक" डिजाइन के ग्राफिकल पैटर्न में होती है, जो कि एक पैराबोला की तरह दिखता है। यह स्टेज आमतौर पर एक बबल की स्थिति में होता है, जहां कीमत वास्तविक मूल्य से बहुत अधिक बढ़ जाती हैं।
गैलेक्सी डिजिटल के CEO माइक नोवोग्राट्ज ने हाल ही में CNBC से बातचीत करते हुए कहा कि वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच बिटकॉइन और सोना दोनों ही वर्तमान में ‘वित्तीय स्थिरता’ के प्रमुख संकेत माने जाते हैं। नोवोग्राट्ज का मानना है कि बिटकॉइन और सोना दोनों का मूल्य आर्थिक बदलावों, व्यापारिक शुल्क और अमेरिका के बढ़ते कर्ज के बीच बढ़ सकता है। ऐसे में यदि डॉलर कमजोर होता है और सुरक्षित निवेशों में पूंजी का प्रवाह बढ़ने से बिटकॉइन में उछाल आ सकता है।
Bitcoin और सोने के बीच यह ऐतिहासिक संबंधों का विश्लेषण किया जाए तो ये काफी ज्यादा दिलचस्प है। लेकिन इस विश्लेषण के आधार पर निवेशक अपने फैसले स्वयं करें और किसी भी निवेश से पहले अच्छी तरह से रिसर्च जरूर कर लें। फिलहाल सोने और Bitcoin का मूल्य लगातार बदले आर्थिक परिदृश्य और वैश्विक मुद्रास्फीति पर निर्भर कर सकता है। इसके साथ ही अगर आप प्रोजेक्ट के बारें विस्तार से जानना चाहते है तो Bitcoin क्या है , इस लिंक पर क्लिक करें।
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