हाल ही में, साउथ कोरिया ने अनरजिस्टर्ड क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। देश के Financial Services Commission (FSC) ने Google से 17 विदेशी क्रिप्टो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स को ब्लॉक करने के लिए कहा था, जिसमें KuCoin और MEXC जैसे बड़े नाम शामिल हैं। इसके बाद, Google ने इन प्लेटफॉर्म्स के ऐप्स को Google Play Store से हटा लिया है। इस कदम से देश में क्रिप्टो मार्केट के अनियंत्रित विस्तार को रोकने की कोशिश की जा रही है। अगर आप जानना चाहते हैं कि क्रिप्टोकरेंसी क्या है तो लिंक पर क्लिक करें।
FSC के अनुसार, इन एक्सचेंजों ने साउथ कोरिया के कानून का उल्लंघन किया था क्योंकि इन्हें Virtual Asset Service Providers (VASPs) के रूप में रजिस्ट्रर्ड नहीं कराया गया था। साउथ कोरिया के Specific Financial Transactions Act के तहत, सभी क्रिप्टो एक्सचेंजों को Financial Intelligence Unit (FIU) के साथ रजिस्टर करना अनिवार्य है। जो एक्सचेंज इस नियम का पालन नहीं करते, उनके खिलाफ भारी जुर्माना और कारावास की सजा का प्रावधान है।
बता दे कि 2022 में भी, FIU ने 16 अनरजिस्टर्ड एक्सचेंजों की पहचान की थी और उनके ऑपरेशन्स पर रोक लगा दी थी। 2023 में छह और प्लेटफॉर्म्स को निशाना बनाया गया था। अब, गूगल और अन्य प्रमुख कंपनियों के सहयोग से यह कार्रवाई और सख्त की जा रही है। इन एक्सचेंजों की मुख्य समस्या यह थी कि उन्होंने कोरियाई भाषा में वेबसाइट चलाने, स्थानीय ट्रेडर्स को सेवाएं देने और कोरियाई वोन में ट्रांजैक्शन का समर्थन किया था, जिससे यह संदेह हुआ कि वे इलीगल एक्टिविटी को बढ़ावा दे रहे थे।
इससे पहले भी कई देश विदेशी क्रिप्टो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स पर कार्रवाई कर चुके हैं। जहाँ FIU India के साथ रजिस्टर न होने के चलते KuCoin, Coinbase और Binance जैसे क्रिप्टो एक्सचेंज को भारत में अपने ऑपरेशन बंद करने पड़े थे। हालाँकि अब इन एक्सचेंजों ने भारत में FIU के साथ रजिस्ट्रेशन करा लिया है और जल्द ही भारत में अपने ऑपरेशन्स को शुरू कर सकते हैं। जानकारी के अनुसार 2025 के आखिर तक Coinbase की भारत में वापसी हो सकती है। इसके बाद अन्य एक्सचेंज भी भारत में अपने ऑपरेशन्स को स्टार्ट कर सकते हैं। फिलहाल इन सभी एक्सचेंजों की ओर से ऑफिशियल डेट की घोषणा की जाना बाकी है।
यह कदम साउथ कोरिया के क्रिप्टो मार्केट को व्यवस्थित करने और मनी लॉन्ड्रिंग और धोखाधड़ी जैसी इलीगल एक्टिविटी को रोकने के उद्देश्य से उठाया गया है। इस कार्रवाई का असर मुख्य रूप से विदेशी एक्सचेंजों पर पड़ा है, जिससे देश के प्रमुख Crypto Exchange Upbit को और अधिक लाभ हो सकता है। सरकार का यह कदम स्पष्ट रूप से साउथ कोरिया की Crypto Industry को और अधिक सुरक्षित और नियंत्रित बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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