क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया में Tether (USDT) एक Stablecoin के रूप में प्रसिद्ध है। यह एक डिजिटल एसेट है, जिसका उद्देश्य क्रिप्टो मार्केट में स्थिरता बनाए रखना है। जबकि ट्रेडिशनल क्रिप्टोकरेंसी जैसे Bitcoin और Ethereum की कीमत में बड़े उतार-चढ़ाव होते हैं, Tether Price अमेरिकी डॉलर (USD) से जुड़ा होता है, जिससे यह स्थिर रहता है। Tether का इस्तेमाल विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जाता है, जैसे निवेश, ट्रेड और क्रॉस-बॉर्डर ट्रांजैक्शन, लेकिन इसके ऑपरेशन की प्रक्रिया थोड़ी जटिल है। इस आर्टिकल में हम विस्तार से जानेंगे कि (USDT) कैसे काम करता है।

Tether (USDT) एक प्रकार का स्टेबलकॉइन है जिसे फिएट करेंसी के मूल्य से जोड़ा जाता है और यह क्रिप्टोकरेंसी के रूप में डिजिटल रूप में उपलब्ध होती है। Tether का उद्देश्य क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में एक स्टेबल और ट्रस्टेबल डिजिटल करेंसी प्रदान करना है, जिससे ट्रेडर्स और इन्वेस्टर्स प्राइस वोलैटिलिटी से बच सकें। Tether का मूल्य हमेशा 1:1 के अनुपात में अमेरिकी डॉलर से जुड़ा रहता है, यानी 1 USDT हमेशा 1 USD के बराबर होता है। अगर आप यह जाना चाहते हैं कि Tether (USDT) क्या है, तो आप लिंक पर क्लिक कर हमारे Tether (USDT) से जुड़े आर्टिकल पर जा सकते हैं।
USDT के प्राइस स्टेबबिलिटी को सुनिश्चित करने के लिए इसका एक स्ट्रांग बैकिंग सिस्टम है। हर USDT के लिए Tether के पास फिएट करेंसी (जैसे अमेरिकी डॉलर) या अन्य असेट्स (जैसे बांड्स) के रूप में बैकिंग होती है। इसका मतलब है कि जितने USDT मार्केट में मिंट किए गए हैं, उतनी ही राशि फिएट करेंसी के रूप में Tether के रिजर्व में रखी जाती है। उदाहरण के लिए, अगर USDT ने 1 मिलियन USDT मिंट किए हैं, तो उसके रिजर्व में 1 मिलियन अमेरिकी डॉलर या अन्य असेट्स रखी जाती हैं। यह सुनिश्चित करता है कि USDT का प्राइस हमेशा स्थिर रहे, क्योंकि यह हमेशा फिएट करेंसी के बराबर होता है।
Tether का बैकिंग रिजर्व के लिए ऑडिट किया जाता है, जिससे इसकी पारदर्शिता बनी रहती है। Tether द्वारा नियमित रूप से रिजर्व का ऑडिट होने के कारण उपयोगकर्ताओं को यह विश्वास होता है कि USDT का मूल्य फिएट मुद्रा द्वारा समर्थित है।
Tether के ऑपरेशन की दो महत्वपूर्ण प्रक्रियाएँ हैं, मिंटिंग (Minting) और रिडेम्प्शन (Redemption)। ये दोनों प्रक्रियाएँ USDT की सप्लाई और डिमांड को नियंत्रित करने में मदद करती हैं और यह सुनिश्चित करती हैं कि USDT का मूल्य स्थिर रहे।
मिंटिंग का अर्थ होता है नए USDT का निर्माण करना। जब कोई यूजर्स Tether को अमेरिकी डॉलर जैसी फिएट करेंसी भेजता है, तो USDT उस फिएट करेंसी के बराबर USDT मिंट करता है और उसे यूजर्स को भेज देता है। उदाहरण के लिए, अगर एक यूजर USDT को $500,000 भेजता है, तो USDT उसके बदले में 500,000 USDT मिंट करता है और उसे यूजर्स के डिजिटल वॉलेट में भेज देता है। इस प्रक्रिया के दौरान, Tether के रिजर्व में उतनी ही राशि की अमेरिकी डॉलर की बैकिंग जमा की जाती है।
इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि मार्केट में जितने भी USDT मिंट किए जाते हैं, उनके बराबर फिएट करेंसी रिजर्व में हो। इसका मतलब है कि अगर किसी समय कोई यूजर अपने USDT को वापस अमेरिकी डॉलर में बदलना चाहता है, तो Tether के पास उतनी राशि की फिएट करेंसी होनी चाहिए।
रिडेम्प्शन का मतलब है जब एक यूजर अपने USDT Token को Tether के पास वापस भेजता है और इसके बदले फिएट करेंसी प्राप्त करता है। यह प्रक्रिया तब होती है जब कोई यूजर अपने स्टेबल कॉइन को रिडीम करना चाहता है। रिडेम्प्शन के दौरान, Tether उन USDT को burn कर देता है, यानी वह डिजिटल रूप से उन्हें खत्म कर देता है। इसके बदले, वह यूजर्स को उतने ही डॉलर या अन्य फिएट करेंसी का भुगतान करता है जितना USDT की राशि है।
रिडेम्प्शन प्रोसेस Tether की सप्लाई को घटाती है और इससे USDT की कुल सप्लाई और मूल्य को स्थिर बनाए रखा जाता है। इस प्रोसेस से यह भी सुनिश्चित होता है कि USDT के रिजर्व में जितनी फिएट करेंसी है, उसके बराबर USDT Token जारी किया जाता है, जिससे करेंसी की स्थिरता बनी रहती है।
Tether विभिन्न ब्लॉकचेन नेटवर्क्स पर उपलब्ध है, जिससे इसे यूजर्स के लिए और भी ज्यादा सुलभ और सुविधाजनक बना दिया गया है। Tether को Ethereum, TRON, EOS, Omni और अन्य नेटवर्क्स पर मिंट किया जा सकता है। ये सभी नेटवर्क USDT के विभिन्न एडिशन को समर्थन प्रदान करते हैं, जैसे:
ये सभी नेटवर्क Tether के यूजर्स को विभिन्न प्रकार के लाभ प्रदान करते हैं, जैसे सस्ते और तेज़ ट्रांजैक्शंस, विभिन्न क्रिप्टो एक्सचेंजों और वॉलेट्स के साथ कम्पेटिबिलिटी और सिक्योरिटी।
USDT की सिक्योरिटी और रेगुलेटरी एप्रोच पर भी ध्यान दिया जाता है। USDT के संचालन के दौरान हमेशा यह सुनिश्चित किया जाता है कि इसके रिजर्व से जुड़े नियमों का पालन किया जाए और यूजर्स के लिए पारदर्शिता बनी रहे। USDT को लेकर कुछ विवाद भी रहे हैं, खासकर इसके रिजर्व को लेकर, लेकिन Tether कंपनी ने समय-समय पर अपने रिजर्व का ऑडिट कराया है और इसके बारे में स्पष्टता प्रदान की है।
USDT ने कुछ नियामक प्रयास किए हैं, जैसे कि AML (Anti-Money Laundering) और KYC (Know Your Customer) प्रोसेस का पालन करना, ताकि इसे सुरक्षित और कानूनी रूप से उपयोग किया जा सके।
(USDT) एक स्टेबलकॉइन है जो क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में प्राइस स्टेब्लिटी बनाए रखने का काम करती है। यह अमेरिकी डॉलर से 1:1 के अनुपात में जुड़ी रहती है और इसका बैकिंग सिस्टम फिएट करेंसी के रिजर्व पर आधारित होता है। Tether का मिंटिंग और रिडेम्प्शन सिस्टम इसे फ्लेक्सिबल और रिलायबल बनाता है, जिससे इसके प्राइस में स्थिरता बनी रहती है। यह विभिन्न ब्लॉकचेन प्लेटफॉर्म्स पर उपलब्ध होता है, जिससे यह यूजर्स के लिए सुलभ और सुविधाजनक बनता है। (USDT) का ऑपरेशन ट्रांसपेरेंसी और सिक्योरिटी के हाई स्टैंडर्ड्स के साथ किया जाता है, जो इसे क्रिप्टो वर्ल्ड में एक प्रमुख स्टेबलकॉइन बनाता है।
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