भारत में क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी टैक्स पॉलिसी में हाल ही में बदलाव के कुछ अहम संकेत मिले हैं, जो क्रिप्टो कम्युनिटी के लिए उम्मीद का कारण बन सकते हैं। दरअसल Indian Revenue Secretary Sanjay Malhotra के Indian Crypto Taxation Policy को लेकर दिए गए हालिया बयान ने क्रिप्टो निवेशकों के बीच एक नई चर्चा को शुरू कर दिया है। Indian Revenue Secretary ने यह सलाह दी है कि टैक्स कलेक्शन में अत्यधिक सख्ती से बचने की आवश्यकता है। Sanjay Malhotra के हालिया बयान से यह संकेत मिलता है कि हो सकता है कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी पॉलिसी में बदलाव पर विचार कर रही हो।
भारत में क्रिप्टो निवेशकों को भारी टैक्सेशन का सामना करना पड़ रहा है। वर्तमान में, क्रिप्टो ट्रेडिंग से होने वाली प्रोफिट्स पर 30% टैक्स और प्रत्येक ट्रांजेक्शन पर 1% TDS (Tax Deducted at Source) लागू है। इसके अलावा, क्रिप्टो निवेशकों को अपने नुकसान को भी ऑफसेट करने का कोई रास्ता नहीं मिलता, जिससे उनका निवेश और ट्रेडिंग और भी ज्यादा महंगे हो गये हैं।
इन नियमों के कारण कई निवेशक और क्रिप्टो बिजनेस भारत से बाहर जाने का सोच रहे हैं, क्योंकि इन टैक्स नियमों के कारण इनकी कारोबारी गतिविधियाँ और इनोवेशन प्रभावित हो रहे हैं। यही वजह है कि Revenue Secretary के बयान को क्रिप्टो कम्युनिटी द्वारा एक उम्मीद के तौर पर देखा जा रहा है।
संजय मल्होत्रा ने यह सलाह दी कि टैक्स कलेक्शन ऐसी नीतियों के तहत किया जाए, जो इंडस्ट्री और देश की अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव न डालें। यह बयान क्रिप्टो निवेशकों के लिए सकारात्मक संकेत हो सकता है, क्योंकि इसका मतलब यह हो सकता है कि सरकार भविष्य में Crypto Taxation Policy पर पुनर्विचार कर सकती है।
कुछ प्रमुख बिंदु जो मल्होत्रा के बयान से उभर कर आए हैं:
हम्बल टैक्स कलेक्शन: यह सुझाव देता है कि जरूरी नहीं है कि टैक्स नीति कठोर हो, बल्कि यह प्रोत्साहन और समर्थन देने वाली होनी चाहिए।
इनोवेशन और निवेश को बढ़ावा: नीति में बदलाव से भारत में क्रिप्टो इंडस्ट्री को बढ़ावा मिल सकता है, जिससे निवेश और इनोवेशन को बढ़ावा मिलेगा।
TDS और 30% टैक्स रेट में राहत: उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में 30% टैक्स रेट और 1% TDS में राहत दी जा सकती है।
भारत में क्रिप्टो निवेशकों को लम्बे समय से कठोर टैक्स नियमों का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि, Indian Revenue Secretary के बयान से यह साफ संकेत मिल रहे हैं कि सरकार इस क्षेत्र में किसी प्रकार के बदलाव पर विचार कर सकती है। इससे निवेशकों को उम्मीद है कि आने वाले समय में सरकार क्रिप्टो सेक्टर को बेहतर टैक्स रिलीफ और इनोवेशन को बढ़ावा देने वाली नीतियाँ दे सकती है। लेकिन RBI Governor Shaktikanta Das के क्रिप्टो पर निगेटिव रुख को देखते हुए, यह कहना मुश्किल है कि भविष्य में क्रिप्टो इंडस्ट्री को कौन सी दिशा मिलेगी।
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