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KiloEx ने हैकर्स को ऑफर की 7.5 लाख डॉलर की Bounty

Published:April 16, 2025 Updated:April 19, 2025
Author: Ronak Ghatiya
KiloEx ने हैकर्स को ऑफर की 7.5 लाख डॉलर की Bounty

Crypto Exchange KiloEx Hack मामले में एक नया अपडेट सामने आया है। प्लेटफार्म ने हाल ही में हुए $7.5 मिलियन के हैक के बाद अपने X (पहले Twitter) अकाउंट के ज़रिए एक पब्लिक अपील जारी की है। जिसमे कंपनी ने हैकर को ऑफर दिया है कि अगर वो 90% चुराए गए टोकन वापस कर देता है तो उसे बाकी 10% यानी करीब $750,000 की रकम, White Hat Bounty के तौर पर रखने दी जायेगी। 

फंड वापसी पर माफ़ी और रिवॉर्ड दोनों

KiloEx ने कहा है कि अगर हैकर ये ऑफर मान लेता है, तो वो इस पूरे मामले को एक "Security Test" की तरह मानेगा। यानी इसे एक साइबर अटैक नहीं, बल्कि एक तरह का सिस्टम चेक माना जाएगा। ऐसे मामलों में कई बार White Hat Hackers को बग या कमी पकड़ने के लिए रिवॉर्ड दिया जाता है। KiloEx भी इसी मॉडल को फॉलो कर रहा है, जिससे नुकसान की भरपाई हो सके और फ्यूचर में सिस्टम ज़्यादा स्ट्रांग बने।

KiloEx की इन्वेस्टीगेशन जारी है 

KiloEx की टीम ने बताया कि वो कई साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स, एक्सचेंज और लॉ एजेंसी के साथ मिलकर इस मामले की इन्वेस्टीगेशन कर रहे हैं। उन्होंने कुछ वॉलेट एड्रेस को पहचान कर पब्लिक भी कर दिया है। साथ ही, उन्होंने साफ कहा है कि अगर हैकर ये ऑफर नहीं मानता है तो वो हैकर की आइडेंटिटी रिवेल कर देंगे और लीगल एक्शन लेंगे।

क्या होती है White Hat Hacking?

White Hat Hacking को आम भाषा में Ethical Hacking कहा जाता है। इसमें साइबर एक्सपर्ट्स सिस्टम की वीकनेस को ढूंढते हैं ताकि उन्हें ठीक किया जा सके। ये लोग किसी सिस्टम को नुकसान नहीं पहुंचाते बल्कि उसकी सिक्योरिटी बेहतर करने में हेल्प करते हैं।

इस काम के लिए कई कंपनियां इन्हें Bug Bounty देती हैं यानी कमी पकड़ने का रिवार्ड। KiloEx का ऑफर भी कुछ ऐसा ही है।

कन्क्लूज़न

KiloEx का यह कदम दिखाता है कि कंपनी हैकर से मामला ख़त्म के लिए एक पीसफुल एप्रोच अपना रही है। हैकिंग के लगातार बढ़ते मामलों से पूरा साइबर वर्ल्ड जूझ रहा हैं, इससे पहले Bybit Hack सुर्ख़ियों में रहा था, $1.4 बिलियन की यह हैकिंग क्रिप्टो वर्ल्ड की सबसे बड़ी हैकिंग कही जाती है। इन्टरनेट और साइबर वर्ल्ड चूँकि देशों की सीमाओं से परे है इसलिए साइबर सिक्योरिटी के मामलों पर ग्लोबल लेवल पर एक स्ट्रांग स्टेप लेने की तुरंत आवश्यकता है। सही रेगुलेशन की कमी और आधे अधूरे गवर्नमेंट सपोर्ट के कारण क्रिप्टो से जुड़े प्लेटफार्म इस मामले में और अधिक वल्नरेबल हो जाते हैं।

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