टेक्नोलॉजी और मेडिकल साइंस में तेज़ी से हो रहे डेवलपमेंट के बावजूद, कई डेवलपिंग नेशंस में मैटरनल हेल्थ एक बड़ी प्रॉब्लम बनी हुई है। हाल ही में, पाकिस्तान की एक कंप्यूटर साइंटिस्ट, Mariyam Mustafa ने एक AI assisted mobile application "आवाज़-ए-सेहत" (Voice of Health) बनाया है, जिसका काम प्रेगनेंट महिलाओं को बेहतर इलाज और देखभाल देना है। जहाँ एक तरफ यह माना जा रहा है कि Artificial Intelligence समाज के लिए खतरा बनता जा रहा है वहीँ दूसरी तरफ यह ऐप पाकिस्तान की प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए वरदान साबित हुआ है। जानकारी के अनुसार यह ऐप Pakistan के व्यस्त क्लीनिकों में डॉक्टरों को उन महिलाओं को पहचानने में मदद करता है जिन्हें तुरंत इलाज की जरूरत हो सकती है।
"आवाज़-ए-सेहत" एक स्मार्टफोन ऐप है जो प्रेगनेंट महिलाओं की हेल्थ की निगरानी करता है। यह ऐप डॉक्टरों को महिलाओं के हेल्थ से जुड़े अलार्मिंग सिम्प्टम्स पहचानने में मदद करता है, जैसे हाई ब्लड प्रेशर, लो आयरन, और डायबिटीज। Mariyam Mustafa को यह एप्लीकेशन बनाने का आईडिया तब आया जब उन्होंने पाकिस्तान के एक हेल्थ क्लीनिक का दौरा किया और देखा कि वहां मेडिकल सर्विसेस बहुत खराब हैं। क्लीनिक में घंटो इंतज़ार करने के बाद भी डॉक्टर पेशेंट को केवल 2 से 3 मिनट का समय दे पा रहे थे। ऐसे में, यदि डॉक्टर के पास पहले से पेशेंट की जानकारी हो तो इलाज में बेहतरी लायी जा सकती है। यह तब और इम्पोर्टेन्ट हो जाता है जब कई महिलायें प्रेगनेंसी के दौरान केवल एक बार डॉक्टर से कंसल्टेशन ले पा रही हैं।
इस ऐप के जरिए, डॉक्टर को महिलाओं की हेल्थ से जुड़ी ज़रूरी जानकारी रियल टाइम में मिलती है, जिससे सही समय पर सही इलाज दिया जा सकता है।
पाकिस्तान लगातार AI और क्रिप्टो के क्षेत्र में काम कर रहा है, हाल ही में पाकिस्तान ने क्रिप्टो काउंसिल लॉन्च की है।
आवाज़-ए-सेहत ऐप डॉक्टरों को तुरंत पेशेंट की इनफार्मेशन देता है, जिससे वे उनकी हेल्थ की रियल टाइम मोनिटरिंग कर सकते हैं। ऐप महिलाओं से हेल्थ से जुड़े आसान सवाल पूछता है और उनके जवाब रिकॉर्ड करता है। अगर किसी महिला को हाई ब्लड प्रेशर या डायबिटीज जैसी गंभीर समस्या होती है, तो यह ऐप तुरंत डॉक्टर को अलर्ट कर देता है। इस तरीके से, डॉक्टर समय रहते सही ट्रीटमेंट दे सकते हैं। यह ऐप खासकर उन रिमोट एरियास में मददगार है, जहां कम डॉक्टर हैं और हेल्थ के रिसोर्सेज भी लिमिटेड हैं।
आवाज़-ए-सेहत का एक और खास बात यह है कि यह ऐप लोकल लैंग्वेज में काम करता है। यह ऐप पाकिस्तान की महिलाओं को लोकल लैंग्वेज में हेल्थ से जुड़े सवालों का जवाब देने की सुविधा देता है। महिलाएं WhatsApp पर वॉयस मैसेज के जरिए अपनी हेल्थ से जुड़ी इंफ़ॉर्मेशन दे सकती हैं, जिससे उन्हें आसानी होती है। यह ऐप उन महिलाओं के लिए भी काम आता है जो पढ़ी-लिखी नहीं हैं। इससे यह सुनिश्चित होता है कि किसी भी गंभीर प्रॉब्लम को नजरअंदाज न किया जाए और सही समय पर इलाज मिल सके।
Mariyam Mustafa और उनकी टीम का यह प्रयास पाकिस्तान ही नहीं, बल्कि सभी डेवलपिंग नेशंस में Maternal हेल्थ की बेहतरी के लिए गेमचेंजर साबित हो सकता है। "आवाज़-ए-सेहत" जैसे AI Assisted Mobile Application, जो लोकल भाषाओं में काम करते हैं और लिमिटेड रिसोर्सेज के बावजूद Maternal Mortality Rate को कम करने में मदद कर सकते हैं। इस ऐप के शुरुआती रिजल्ट्स बहुत अच्छे रहे हैं और यह आने वाले समय में और भी ज्यादा महिलाओं की ज़िंदगी बचाने में मदद कर सकता है। अगर यह ऐप सफल होता है, तो यह टेक्नोलॉजी दुनिया भर में मैटरनल हेल्थ में सुधार के लिए एक बड़ा उदाहरण बन सकती है।
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