अपने लॉन्च के पहले लोकप्रिय हो चुका Pi Network अब धोखाधड़ी और स्कैम को लेकर सुर्ख़ियों में बना हुआ है। दरअसल अपने मेननेट के लॉन्चिंग की खबर से लोकप्रियता हांसिल करने वाला Pi Network अब धोखाधड़ी और स्कैम का केंद्र बन गया है। एक रिपोर्ट के अनुसार नेटवर्क की वर्चुअल करेंसी Pi Coin का एक्सचेंज करने के प्रयास में कई यूजर्स एक धोखाधड़ी स्कीम का शिकार हो गये हैं।
एक रिपोर्ट के अनुसार, Pi Network के Facebook ग्रुप्स पर पोस्ट करने वाले कई ऐसे अकाउंट की पहचान की गई है, जो बढ़ी हुई कीमतों पर Pi Coin को खरीदने का दावा करते हैं और यूजर्स से पेमेंट प्राप्त करने से पहले करेंसी ट्रांसफर करने के लिए कहते हैं। लेकिन जब एक एक बार यूजर्स अपना Pi Coin ट्रांसफर कर देते हैं, तो ये अकाउंट गायब हो जाते हैं और यूजर्स के पास अपने एफर्ट्स को दिखाने के लिए कुछ भी नहीं बचता है।
Coin Gabbar के अनुसार रिपोर्ट Pi Network की ऑपरेशन की कॉम्प्लेक्सिटी को भी हाईलाईट करती हैं। क्योंकि अभी Pi का मेननेट लाइव नहीं हुआ है, यानी यह क्लोज्ड मेननेट फेज में हैं। ऐसे में ट्रांजेक्शन केवल प्लेयर्स के बीच में हो सकता हैं और किसी भी क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज पर ट्रांजेक्शन नहीं किया जा सकता। इस अस्पष्टता ने अथॉरिटीज के लिए इस मुददे को एड्रेस करना एक मुश्किल कार्य बना दिया है। अब इस मामले में पुलिस भी हरकत में आ गई है और Pi जैसे क्रिप्टोकरेंसी मॉडल से सम्बंधित गतिविधियों की जांच में जुट गई है।
Pi Network ने कुछ दिन पहले अपने नेटवर्क ऐप पर 10 मिलियन से अधिक यूजर्स KYC का माइलस्टोन भी बनाया था। जिसके बारे में Pi नेटवर्क से जुडी टीम ने कहा था कि ऐप पर 10 मिलियन अधिक यूजर्स है, ये सभी अपनी KYC प्रोसेस को कम्प्लीट कर अपनी आइडेंटिटी वेरीफाई कर चुके हैं। टीम ने एक पोस्ट में यह भी कहा था कि यदि नेटवर्क पर 15 मिलियन से अधिक यूजर्स KYC हो जाती है तो, इसके टोकन ट्रेडेबल हो जाएंगे। हालाँकि Pi Network “स्टेलर कांसेंसस प्रोटोकॉल” मैकेनिज्म पर काम करता है, जिससे यूजर्स को नेटवर्क में उनके कॉन्ट्रिब्यूशन पर एडवांटेज मिलता है। हालाँकि Pi Network लाइव नहीं है, ऐसे में कुछ क्रिटिक्स इस प्रोजेक्ट को एक स्कैम बता रहे हैं।
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