Shaktikanta Das का नजरिया क्रिप्टोकरंसी के लिए अभी भी है नकारात्मक
भारत भले ही G20 जैसे बड़े प्लेटफ़ॉर्म कि अध्यक्षता करते हुए ग्लोबल क्रिप्टो रेगुलेशन के लिए वर्ल्ड लीडर बन रहा हो लेकिन भारत के सेन्ट्रल बैंक Reserve Bank of India (RBI) के गवर्नर Shaktikanta Das का नजरिया क्रिप्टोकरंसी के लिए अभी भी नकारात्मक ही दिखाई दे रहा है। दरअसल हाल ही में एक कांफ्रेंस में अपने विचार रखते हुए RBI गवर्नर ने कहा कि क्रिप्टो रेगुलेशन के ग्लोबल ट्रेंड के बावजूद वे अभी भी देश में क्रिप्टो बैन चाहते है। वे अपने फैसले पर अभी भी कायम है। हालाँकि दास ने लंबे समय से सेंट्रल बैंक डिजिटल करंसी (CBDC) के एडॉप्शन के पक्ष में रहे है और इसे भुगतान का सबसे कुशल और प्रभावी तरीका बताया है, खासकर क्रॉस-बॉर्डर ट्रांज़ैक्शन के लिए।
RBI गवर्नर ने पहले भी कई बार क्रिप्टो पर अपने विचार साझा किये है। दास के बयान उनकी लंबे समय से चली आ रही धारणा को दोहराते हैं कि क्रिप्टोकरंसी एक एसेट नहीं है और इसलिए इसकी कोई अंडरलाइंग वैल्यू नहीं है। यहाँ तक कि गवर्नर दास एक निजी मीडिया हाउस द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में क्रिप्टो ट्रेडिंग की तुलना गैंबलिंग से भी कर चुके है। दास का मानना है कि क्रिप्टोकरंसी की परिभाषा अस्पष्ट है और इसकी कीमतों में उच्च अस्थिरता इसके उपयोग को अविश्वसनीय बनाती है। IMF-FSB सिंथेसिस पेपर भी क्रिप्टो में शामिल जोखिमों की ओर इशारा करते है। हालाँकि सिंथेसिस पेपर में क्रिप्टो एसेट से जुड़ी गतिविधियों पर पूर्ण प्रतिबंध के खिलाफ भी तर्क दिया गया था, जिसमें सुझाव दिया गया था कि इस तरह के कदम को लागू करना महंगा और तकनीकी रूप से चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
इस महीने की शुरुआत में Marrakech में एक बैठक में G20 फाइनेंस मिनिस्टर्स और सेंट्रल बैंक गवर्नर्स द्वारा सिंथेसिस पेपर में क्रिप्टो एसेट्स पर एक रोड मैप को अपनाने के बाद, भारत के क्रिप्टो उद्योग को उम्मीद थी कि सरकार क्रिप्टो एसेट को रेगुलेट करने पर आम सहमति की दिशा में काम करेगी। हालाँकि, RBI के सख्त रुख से मामला उलझ सकता है। RBI गवर्नर के विचार को देखते हुए यह माना जा सकता है कि भले ही भारत ग्लोबल क्रिप्टो रेगुलेशन को लागु करने में वर्ल्ड लीडर बना रहा हो लेकिन देश में क्रिप्टो रेगुलेशन लागु होने में अभी क्रिप्टो स्पेस को काफी इंतजार करना पद सकता है।
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