भारत के रिजर्व बैंक (RBI) ने फाइनेंशियल स्पेस में नैतिक और जिम्मेदार AI के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए एक नया और मुफ्त AI Framework लॉन्च किया है। इसके साथ ही, RBI ने MuleHunter नामक एक AI Tool भी पेश किया है, जो म्यूल अकाउंट्स का पता लगाने और Digital Frauds को कम करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह पहल फाइनेंशियल स्पेस में बढ़ते Digital Frauds के मामलों को रोकने के लिए RBI की एक महत्वपूर्ण कोशिश है।
म्यूल अकाउंट्स का इस्तेमाल आम तौर पर धोखाधड़ी करने वाले लोग, दूसरे लोगों के बैंक अकाउंट्स का इस्तेमाल करके अवैध तरीके से फंड ट्रांसफर करते हैं। MuleHunter AI Tool का उद्देश्य इन्हीं अकाउंट्स को जल्दी से पहचानना और उन्हें रोकना है। यह, AI और मशीन लर्निंग टेक्नोलॉजी का उपयोग करता है, जो यूजर की एक्टिविटी को मॉनिटर कर irregularities (अनियमितताओं) का पता लगाते हैं। इससे न केवल मौजूदा धोखाधड़ी का पता चलता है, बल्कि संभावित म्यूल अकाउंट्स की पहचान पहले ही कर ली जाती है, इससे भविष्य में होने वाली धोखाधड़ी को रोकने में मदद मिलती है।
RBI ने अपने निर्देशों में यह स्पष्ट किया है कि सभी बैंक और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन इस AI Tool का उपयोग करने के लिए स्वतंत्र हैं। इसके साथ ही, RBI ने बैंकों से MuleHunter के विकास में सहयोग करने की भी अपील की है, ताकि यह टूल अधिक प्रभावी और मजबूत हो सके। रिजर्व बैंक की यह पहल विशेष रूप से उन धोखाधड़ी के मामलों को रोकने के लिए है, जिनमें म्यूल अकाउंट्स का उपयोग किया जाता है।
RBI का यह AI Framework और MuleHunter Tool, Digital Frauds को कम करने के दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल फाइनेंशियल इंस्टीट्यूट को धोखाधड़ी की पहचान करने में मदद मिलेगी, बल्कि यह भी सुनिश्चित होगा कि इललीगल फंड्स के ट्रांजेक्शन रुक जाएं। इसके अलावा, बैंक और अन्य फाइनेंशियल इंस्टीट्यूट अपनी मौजूदा सिक्योरिटी सिस्टम के साथ मिलकर इस टूल का उपयोग करके अपने कस्टमर्स को अधिक सुरक्षित रख सकते हैं। अब देखना होगा कि यह पहल कितनी प्रभावी होती है और Digital Frauds को रोकने में कितनी सफलता हासिल होती है।
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