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Russia लांच करेगा क्रिप्टो क्राइम से लड़ने के लिए AI Platform

Published:December 27, 2024 Updated:April 19, 2025
Author: sakshi modi
Russia लांच करेगा क्रिप्टो क्राइम से लड़ने के लिए AI Platform

Russia की सेंट्रल बैंक ने क्रिप्टोकरेंसी और फाइनेंशियल क्राइम पर कंट्रोल पाने के लिए एक नया Artifical Intelligence प्लेटफॉर्म लॉन्च करने की घोषणा की है। यह प्लेटफॉर्म खासतौर पर क्रिप्टो-टू-फिएट ओवर-द-काउंटर (OTC) सर्विसेस के माध्यम से हो रहे इलीगल ट्रांजेक्शन पर नजर रखेगा और उन्हें रोकने में मदद करेगा। यह पहल Russia की फाइनेंशियल मॉनिटरिंग एजेंसी Rosfinmonitoring और अन्य फाईनेंशियल ऑर्गेनाइजेशन के सहयोग से की जा रही है।

AI इलीगल ट्रांजेक्शन पर नजर रखने के लिए है एडवांस्ड टेक्नोलॉजी 

यह AI प्लेटफॉर्म उन लोगों की पहचान करने पर फोकस्ड होगा जिन्हें ‘'Mules' या 'Droppers'’ कहा जाता है। ये लोग अपने बैंक अकाउंट का उपयोग मनी लॉन्ड्रिंग, ड्रग स्मगलिंग और इरेगुलर क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज जैसी इलीगल एक्टिविटी के लिए करते हैं। नए सिस्टम में इरेगुलर ट्रांजेक्शन की जानकारी और रियल टाइम मॉनिटरिंग के साथ डेटा एनालिसिस की क्षमता भी होगी।

इससे पहले, ट्रेडिशनल “know your client” (KYC) सिस्टम मुख्य रूप से बिजनेस प्रोफाइल पर नजर रखते थे और केवल तभी एक्शन लेते थे जब कोई सेंसेटिव एक्टिविटी सामने आती थी। लेकिन नया सिस्टम पर्सनल लेवल पर रिस्क का असेसमेंट करेगा और पहले ही संभावित खतरों को पहचानेगा।

सेंट्रलाइज्ड डाटाबेस और इन्फॉर्मेशन शेयरिंग स्कीम 

Russia की सेंट्रल बैंक के अनुसार, 2023 में बैंक अकाउंट के माध्यम से कैश निकालने की एक्टिविटी में 44.9 बिलियन रूबल (लगभग $584 मिलियन) की जांच की गई। हालांकि, करंट मॉनिटरिंग सिस्टम केवल पर्सनल बैंकों तक सीमित है, जिससे क्रिमिनल्स के लिए अन्य इंस्टीट्यूशन में अकाउंट खोलना आसान हो जाता है।

इस समस्या से निपटने के लिए एक सेंट्रलाइज्ड डाटाबेस तैयार किया जा रहा है जो सभी फाईनेंशियल ऑर्गेनाइजेशन के बीच इन्फॉर्मेशन शेयर करने की सुविधा प्रदान करेगा। यह डाटाबेस फाईनेंशियल क्राइम्स को ट्रैक करने और उन्हें रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। हालांकि, इस प्लेटफॉर्म की लॉन्चिंग के लिए अभी कोई ऑफिशियल टाइम लिमिट तय नहीं की गई है।

कन्क्लूजन 

Russia का यह AI प्लेटफॉर्म क्रिप्टोकरेंसी और फाईनेंशियल क्राइम्स से लड़ने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है। यह नई टेक्नोलॉजी न केवल सेंसेटिव एक्टिविटी की पहचान करने में मदद करेगी, बल्कि देश के बैंकिंग सिस्टम की सेफ्टी को भी मजबूती प्रदान करेगी। सेंट्रलाइज्ड डाटाबेस औरइन्फॉर्मेशन शेयरिंग स्कीम से फाईनेंशियल ऑर्गेनाइजेशंस के बीच कोलैबोरेशन बढ़ेगा, जिससे क्रिमिनल्स के लिए फाईनेंशियल नेटवर्क में घुसपैठ करना और भी मुश्किल हो जाएगा। इस प्लेटफॉर्म के सफल एक्जीक्यूशन से न केवल Russia, बल्कि ग्लोबल लेवल पर क्रिप्टो और फाईनेंशियल क्राइम्स पर कंट्रोल पाया जा सकता है।

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