Bitcoin जैसी डिजिटल करेंसी अब सिर्फ इन्वेस्टमेंट या टेक्नोलॉजी की दुनिया तक सीमित नहीं रही, बल्कि अब ये एजुकेशन सेक्टर में भी एंट्री कर रही है। Scotland का Lomond School नए सेमेस्टर से स्टूडेंट्स से ट्यूशन फीस Bitcoin में लेगा। इससे ये यूनाइटेड किंगडम (UK) का पहला स्कूल बन गया है जो Bitcoin को फीस के तौर पर एक्सेप्ट करेगा।
इससे पहले Russia और China ने अपने ट्रेड पेमेंट के लिए Bitcoin का उपयोग करना शुरू किया है।
Lomond School का ये फैसला सिर्फ पेमेंट का नया तरीका नहीं है, बल्कि ये उनके टीचिंग सिस्टम का भी हिस्सा है। स्कूल ने बताया कि वो ऑस्ट्रियन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से "साउंड मनी प्रिंसिपल्स" यानी बेहतर और सस्टेनेबल मनी पॉलिसी के कॉन्सेप्ट को अपने कोर्स में शामिल कर रहा है।
स्कूल का मानना है कि Bitcoin ऐसा टूल है जो हर उस व्यक्ति के लिए उपलब्ध है जो इसे समझना और सीखना चाहता है। इससे स्टूडेंट्स को फाइनेंस, टेक्नोलॉजी, एथिक्स और इनोवेशन जैसे सब्जेक्ट्स को रियल लाइफ एग्जाम्पल के साथ समझने का मौका मिलेगा।
फिलहाल स्कूल सिर्फ Bitcoin को ही एक्सेप्ट करेगा और जैसे ही पेमेंट आएगा उसे लोकल करेंसी (फिएट मनी) में कन्वर्ट कर लिया जाएगा। लेकिन आगे चलकर स्कूल अपनी कम्युनिटी की सलाह से एक Bitcoin ट्रेजरी बनाने पर भी विचार कर सकता है।
Lomond School अकेला नहीं है जो इस दिशा में कदम बढ़ा रहा है। दुनियाभर के कई स्कूल और यूनिवर्सिटीज़ अब Bitcoin को पढ़ा भी रहे हैं और कुछ तो इसे इन्वेस्टमेंट ऑप्शन के तौर पर भी यूज़ कर रहे हैं।
2022 में, यूनिवर्सिटी ऑफ सिनसिनाटी ने अपने कोर्स में क्रिप्टो और वेब3 टेक्नोलॉजी जैसे टॉपिक शामिल किए।
2023 में, "Mi Primer Bitcoin" नाम की एक संस्था ने एल साल्वाडोर की सरकार के साथ मिलकर स्कूलों में Bitcoin के बारे में कोर्स शुरू किया है।
2024 में, यूनिवर्सिटी ऑफ वायोमिंग ने एक Bitcoin Research Institute शुरू किया ताकि स्टूडेंट्स और रिसर्चर्स Bitcoin पर डीप स्टडी कर सकें।
फरवरी 2025 में, यूनिवर्सिटी ऑफ ऑस्टिन ने अपने फंड में से $5 मिलियन Bitcoin में इन्वेस्ट कर दिया, ताकि वो डिजिटल एसेट्स से होने वाले लाभ प्राप्त कर सकें।
USA के Strategic Bitcoin Reserve बनाने का निर्णय लेने के बाद से Cryptocurrencies की ग्लोबल एक्सेप्टेन्स और तेजी से बढ़ रही है।
Lomond School की अनाउंसमेंट एक ग्लोबल ट्रेंड का हिस्सा है। आजकल बहुत से इंस्टीट्यूशन्स Bitcoin को इन्फ्लेशन से बचने का एक तरीका मान रहे हैं। जब ट्रेडिशनल बैंकिंग सिस्टम या करेंसी कमजोर पड़ने लगती है, तब लोग ऐसी डिजिटल करेंसी की ओर रुख करते हैं जो ग्लोबली एक्सेप्टेड हो, लिमिटेड हो और जिसे सरकार कंट्रोल न कर सके।
Lomond School का ये स्टेप दिखाता है कि अब Bitcoin सिर्फ इन्वेस्टर्स और टेक एक्सपर्ट्स की चीज नहीं रह गई है। ये अब स्टूडेंट्स की क्लासरूम और स्कूल की पॉलिसी का भी हिस्सा बन रही है। आने वाले टाइम में और भी स्कूल और यूनिवर्सिटीज़ इस रास्ते पर चल सकते हैं। इससे स्टूडेंट्स को न सिर्फ फाइनेंशियल नॉलेज मिलेगी, बल्कि वो बदलती हुई दुनिया के लिए ज्यादा अच्छे से तैयार भी हो पाएंगे।
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