1 फरवरी को भारत सरकार के वित्त मंत्रालय ने Union Budget 2024-25 पेश किया। जिसको लेकर वित्त मंत्री Nirmala Sitharaman ने 58 मिनट की स्पीच दी, जो वित्त मंत्री Sitharaman की सबसे छोटी स्पीच रही। खैर हम आपको वित्त मंत्री की स्पीच की टाइमिंग के विषय में नहीं बता रहे हैं, बल्कि जानकरी दे रहे हैं कि यह Union Budget क्रिप्टो इंडस्ट्री के लिए सही मायने में कैसा रहा। Coin Gabbar के विचार से तो यह बजट क्रिप्टोकरेंसी स्पेस के लिए मिलाजुला सा ही रहा।
अब आप सोच रहे होंगे कि बजट में तो क्रिप्टोकरेंसी के विषय में वित्त मंत्री Nirmala Sitharaman ने एक बार भी जिक्र नहीं किया, तो आपको बता दे कि यह भी क्रिप्टो निवेशकों के लिए पॉजिटिव संकेत हैं। दरअसल अंतरिम बजट की परंपरा को निभाते हुए वित्त मंत्रालय लोकलुभावन घोषणाएं करने से बचता नजर आया। ऐसे में क्रिप्टो निवेशकों की टैक्स और TDS में कटौती की उम्मीद को मंत्रालय ने तौड़ते हुए कोई राहत नहीं दी। लेकिन वित्त मंत्रालय के Union Budget में क्रिप्टो के लिए पॉजिटिव बात यह रही कि सरकार की ओर से क्रिप्टोकरेंसी पर कोई नया टैक्स भी नहीं लगाया गया।
ऐसा भी नहीं है कि सरकार ने क्रिप्टो निवेशकों को राहत देने के बारे में सोचा नहीं होगा, लेकिन आने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर सरकार कोई रिस्क नहीं लेना चाहती और केवल उन्ही मुद्दों को टटोलने का काम कर रही हैं, जो आम जनता को प्रभावित करें। इन मुद्दों में रोटी कपडा और मकान शामिल हैं। वित्त मंत्रालय के द्वारा पेश किया गया यह अंतरिम बजट भी इसी ओर इशारा करता है, जहाँ लखपति दीदी योजना के तहत 2 करोड़ महिलाओं को जॉब देने के लिए ट्रेंड और वहीँ प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 2 करोड़ नए घर बनाए जाना शामिल है। हालाँकि इन योजनाओं की घोषणा पहले ही की जा चुकी थीं, मतलब इस बजट में किसी भी तरह की नई घोषणाओं का पिटारा सरकार ने नहीं खोला। सरकार चाहती तो इस इस बजट में क्रिप्टोकरेंसी पर और भी ज्यादा सख्त नियम लागू कर सकती थी, लेकिन सरकार ने 2022 में बजट सत्र में पेश किए गए नियमों पर ही आगे बढ़ने का फैसला किया।
हालंकि इस Union Budget में क्रिप्टो निवेशकों को जो बात सबसे ज्यादा दुखी करने वाली थी वह यह थी कि अपनी पूरी स्पीच के दौरान वित्त मंत्री Nirmala Sitharaman ने एक बार भी क्रिप्टोकरेंसी का जिक्र नहीं किया। अगर वे एक बार भी क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी कोई बात कह देती तो शायद क्रिप्टो इंडस्ट्री से जुड़े लोगों को कोई मलाल नहीं होता। क्योंकि यह क्रिप्टो इंडस्ट्री से जुड़े लोगों को उस जख्म की तरह लग रहा है, जिसे न दिखाया जा सकता है और न छुपाया जा सकता है।
एक और बात जो क्रिप्टो इंडस्ट्री के लिए चौकाने वाली रही वह यह थी कि सरकार की तरफ से क्रिप्टो रेगुलेटरी फ्रेमवर्क को लेकर कोई भी अपडेट नहीं दिया गया। अगर सरकार क्रिप्टो रेगुलेटरी फ्रेमवर्क के निर्माण से जुड़ा कोई अपडेट जारी करती तो यूजर्स इसे पॉजिटिव संकेत की तरह मानते। हालाँकि सरकार भी यह दौहरे मापदंड लेते हुए दिखाई दे रही हैं, एक तरफ तो वह क्रिप्टोकरेंसी रेगुलेशन को लेकर ग्लोबल फ्रेमवर्क बनाकर क्रिप्टो के प्रति अपना प्रेम जाहिर कर रही हैं। वहीँ दूसरी तरफ इतने बड़े प्लेटफ़ॉर्म पर क्रिप्टो से जुड़ी कोई बात न करकर उसके प्रति घृणा भी दिखा रही है।
फिलहाल तो अब लोकसभा चुनाव के बाद ही सरकार से क्रिप्टो पर किसी भी तरह के अपडेट की उम्मीद कर रही हैं। लेकिन जबतक क्रिप्टो निवेशक इस गम और ख़ुशी के मिलेजुले भाव के साथ में किसी बड़े फैसले का इंतजार करेंगे।
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