क्रिप्टोकरेंसी असल करेंसी के विपरीत डिजिटल या वर्चुअल रूप में उपलब्ध होती हैं। जिसके ट्रांजेक्शन को सुरक्षित करने के लिए क्रिप्टोग्राफी (Cryptography) का उपयोग किया जाता है। इस करेंसी से जुडी सबसे ख़ास बात यह है कि यह डिसेंट्रलाइज्ड होती है, यानी इसके ट्रांजेक्शन को रिकॉर्ड करने और नई यूनिट्स को जारी करने के लिए एक डिसेंट्रलाइज्ड सिस्टम का उपयोग किया जाता है। अगर साफ़ शब्दों में कहा जाए तो क्रिप्टो मुद्रा (Cryptocurrency) एक डिजिटल पेमेंट सिस्टम है, जो बैंको या किसी भी सेन्ट्रल ऑथोरिटी पर निर्भर नहीं होती। यह एक पीयर-टू-पीयर सिस्टम (Peer-to-Peer) सिस्टम है, जो किसी को, कहीं भी पेमेंट भेजने और रिसीव करने के लिए सक्षम बनाता है। Cryptocurrency में किया गया पेमेंट, वास्तविक धन के स्थान पर एक ऑनलाइन डेटाबेस में डिजिटल रिकॉर्ड के रूप में मौजूद रहता है। जब किसी भी व्यक्ति को फंड ट्रांसफर किया जाता है, तो ट्रांजेक्शन एक पब्लिक अकाउंट में रिकॉर्ड किए जाते हैं, वहीँ क्रिप्टोकरेंसी डिजिटल वॉलेट (Digital Wallet) में स्टोर की होती है।
क्रिप्टोकरेंसी शब्द वर्ष 2008 में बिटकॉइन (Bitcoin) के साथ में चलन में आया था, जब BTC से जुड़ा वाइट पेपर (White Paper) जारी किया गया था। लेकिन इसने लोगों के बीच में अपनी पहचान तब बनाई जब वर्ष 2009 में Bitcoin को लॉन्च किया गया था। तब से लेकर आज तक क्रिप्टोकरेंसी मार्केट ने विभिन्न परिस्थितियों का सामना किया। जहाँ कई बार क्रिप्टोकरेंसी ने बैन का सामना भी किया। लेकिन आज यह दुनिया भर में स्वीकार की जाने वाली करेंसी के रूप में उभरी है। आज वे देश भी Crypto को अपना रहे हैं, जो कभी इसपर बैन लगा चुके थे।
भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर किसी भी तरह का कोई बैन नहीं है, हालाँकि इसपर आपको कुछ टैक्स जरुर देना होगा। जानकारी के लिए बता दें कि भारत में क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग प्रॉफिट पर 30% टैक्स और 1% TDS देना होता है। चूँकि यह एक बड़ा अमाउंट है, जो टैक्स के रूप में देना पड़ता है, लेकिन उम्मीद हजी कि जल्द ही इस टैक्स स्लैब में बदलाव किया जाएगा।
जैसा कि हम आपको बता चुके हैं भारत में क्रिप्टो मुद्रा पर किसी भी तरह का बैन नहीं है, ऐसे में कई सारे भारतीय क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज भी मौजूद हैं जो क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेड करने की सुविधा उपलब्ध कराते हैं, इनमें WazirX, CoinSwitch Kuber, CoinDCX जैसे बड़े एक्सचेंज शामिल हैं। वहीँ कई विदेशी एक्सचेंज भी भारत में क्रिप्टो ट्रेडिंग की सुविधा उपलब्ध कराते हैं, जिनमें OKX, Binance और Coinbase जैसे एक्सचेंज के नाम शामिल हैं। लेकिन ध्यान रखें कि आप जिस भी क्रिप्टो एक्सचेंज में अपना अकाउंट बनाने जा रहे हैं वह FIU इंडिया में रजिस्टर्ड हो, वर्ना उस एक्सचेंज पर और अपने अकाउंट पर बंद होने का खतरा हमेशा ही मंडराता रहेगा। भारत में क्रिप्टोकरेंसी खरीदने के लिए आपको निम्न स्टेप्स को फॉलो करना होगा -
सबसे पहले आपको एक अच्छे और भरोसेमंद क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज का चुनाव करना होगा।
अब आपको अपने द्वारा चुने गए क्रिप्टो एक्सचेंज (Crypto Exchange) पर अपना एक अकाउंट क्रिएट करना होगा।
अकाउंट क्रिएट करने के लिए आपको जरुरी KYC को पूरा करना होगा।
KYC में आपसे अकाउंट डिटेल्स, पैनकार्ड, आदि जरुरी डिटेल्स मांगी जाएंगी।
KYC प्रोसेस पूरी करने के बाद में आप क्रिप्टो ट्रेडिंग (Crypto Trading) कर सकते हैं।
इसके लिए आपको एक क्रिप्टोकरेंसी का चुनाव करना होगा और उससे जुड़ी सम्पूर्ण जानकारी निकालनी होगी।
जब आपको लगे कि आपके द्वारा चुनी गई क्रिप्टोकरेंसी पर ट्रेड करना आपके लिए फायदेमंद साबित होगा, तो आप ट्रेड कर सकते हैं।
क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने से पहले आपको यह बात ध्यान रखना चाहिए कि क्रिप्टो मार्केट में किया गया निवेश जोखिम भरा भी हो सकता है। क्योंकि क्रिप्टो मार्केट बढे ही उतार-चढाव से भरा हुआ मार्केट है। यहाँ किसी भी क्रिप्टोकरेंसी की कीमत रातोरात तेजी से ऊपर भी जा सकती है और रातोरात नीचे भी गिर सकती है। ऐसे में यह ध्यान रखना बेहद जरुरी हैं कि जिस किसी भी क्रिप्टोमुद्रा में निवेश किया जा रहा है, उसके बारे में, उससे जुडी कम्युनिटी के बारे, उस क्रिप्टोकरेंसी के फंडामेंटल्स के विषय में सम्पूर्ण जानकारी होना चाहिए। अगर आप इन सभी जानकारी के अभाव में निवेश करते हैं, तो आपको एक बड़े नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही आप क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने से पहले किसी विशेषज्ञ की राय अवश्य लेलें।
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