Dogecoin एक मीम क्रिप्टोकरेंसी है, जो "Dog" इंटरनेट मीम पर बेस्ड है। 2013 में जापानी डॉग ब्रिड Shiba के वायरल मीम के फेस से इंस्पायर होकर डेवलपर Jackson Palmer और Billy Markus ने Dogecoin का निर्माण किया था। इसे एक फनी क्रिप्टोकरेंसी के रूप में डिजाइन किया गया था, ताकि यह ट्रेडिशनल क्रिप्टोकरेंसी से अलग और आकर्षक तरीके से दुनिया में अपनी पहचान बना सके।
भले ही Dogecoin को एक "Joke Currency" के रूप में लॉन्च किया गया था, लेकिन इसकी कम्युनिटी बहुत ही एक्टिव और सपोर्ट करने वाली है। जिसके साथ Dogecoin की मार्केट वैल्यू $48.2B के आस-पास पहुँच गई है और इसे आज लोकप्रिय Memecoin के रूप में पहचाना जाता है। आइए जानते हैं Dogecoin के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी को विस्तार से।
6 दिसंबर 2013 को Dogecoin लांच हुआ था और इसकी शुरुआत एक मजाक के रूप में हुई थी, लेकिन समय के साथ इसकी लोकप्रियता तेजी से बढ़ी। शुरू में इसका उद्देश्य Bitcoin से अलग और आकर्षक थीम के साथ लोगों को आकर्षित करना था, खासतौर पर उन लोगों को जो क्रिप्टोकरेंसी के टेक्निकल एस्पेक्ट में इंटरेस्ट नहीं रखते थे। अपने ख़ास उद्देश्य के साथ Dogecoin ने अपनी शुरुआत के कुछ ही समय बाद, प्राइस में बड़ी वृद्धि देखी और यह इंटरनेट कम्युनिटी के लिए एक पसंदीदा क्रिप्टोकरेंसी बन गई।
Dogecoin का कोई एक ओनर नहीं है, क्योंकि यह एक ओपन-सोर्स क्रिप्टोकरेंसी है, जिसे किसी भी व्यक्ति द्वारा खरीदा, बेचा या मैनेज किया जा सकता है। हालांकि, टेस्ला के सीईओ Elon Musk ने Dogecoin को सपोर्ट किया है और बार-बार इसे अपना पसंदीदा Memecoin बताया है, जिसका प्रभाव Dogecoin Price में देखा गया है। Elon Musk द्वारा दी गई सोशल मीडिया पर टिप्पणियों के कारण Dogecoin Price में कई बार तेज़ी देखी गई है।
Dogecoin Ecosystem को डेवलप करने का पहला प्रयास सितंबर 2018 में किया गया था, जब Dogecoin-Ethereum Cross-Chain Protocol को प्रेजेंट किया गया था। इस प्रोजेक्ट ने स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स को सपोर्ट किया और Dogecoin को Ethereum Network से भेजने और प्राप्त करने की परमिशन दी। फ्यूचर में अन्य नेटवर्क्स के साथ इंटरऑपरेबिलिटी की संभावना भी थी, लेकिन यह प्रोटोकॉल एंड में छोड़ दिया गया।
वहीं 2022 में, Dogecoin डेवलपर्स ने एक नया प्रयास किया और Dogechain नामक एक Layer 2 सॉल्यूशन लॉन्च किया, जो Polygon Edge पर बेस्ड है और पूरी तरह से एथेरियम स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स और ट्रांजेक्शन के साथ कम्पेटिबल है। यह L2 सॉल्यूशन IBFT (Istanbul Byzantine Fault Tolerant) पर चलता है, जो PoS एल्गोरिथम का एक प्रकार है। इसमें Dogecoin Token (DOGE) को नेटवर्क के अंदर गैस फीस के रूप में उपयोग किया जाता है।
इसके बाद जनवरी 2023 की शुरुआत में Dogecoin Foundation ने 5 मिलियन Dogecoin(~$360,000) का फंड बनाया, जो प्रोजेक्ट के इकोसिस्टम के डेवलपमेंट को सपोर्ट देने के लिए उपयोग किया जाएगा।
आप Dogecoin को किसी भी ऐसे एक्सचेंज पर खरीद या बेच सकते हैं जो इस डिजिटल करेंसी को ऑफर करता हो, वहीं इसे एक्सचेंज पर या Dogecoin Wallet में स्टोर भी कर सकते हैं। इसके अलावा, आप Dogecoin को उन कम्युनिटी में टिप कर सकते हैं जो Dogecoin को एक्सेप्ट करते हैं।
वहीं भारत में Dogecoin को खरीदने के लिए आपको ऐसे क्रिप्टो एक्सचेंज को चुनना होगा, जो Dogecoin को सपोर्ट करता हो। इसके लिए WazirX, KuCoin, ZebPay, BuyUcoin और Zengo जैसे क्रिप्टो एक्सचेंज प्लेटफॉर्म पर आप Dogecoin खरीद सकते हैं।
Dogecoin खरीदने के लिए आपको सबसे पहले एक एक्सचेंज पर अकाउंट बनाना होगा, फिर अपने अकाउंट को वेरिफ़ाई करके अपनी पसंदीदा पेमेंट मेथड के जरिए पैसे डिपाजिट करने होंगे। इसके बाद आप अपने डिपाजिट अमाउंट से Dogecoin खरीद सकते हैं।
Dogecoin की एक ख़ास बात यह है कि इसकी सप्लाई अनलिमिटेड है। इसका मतलब है कि Dogecoin की कोई मैक्सिमम लिमिट नहीं है और इसका प्रोडक्शन लगातार जारी रहता है। अन्य क्रिप्टोकरेंसी जैसे Bitcoin का एक लिमिटेड सप्लाई मॉडल है, जबकि Dogecoin का उद्देश्य इसे माइक्रोट्रांजेक्शन के लिए इस्तेमाल करना है, इसलिए इसकी मैक्सिमम सप्लाई नहीं है।
Dogecoin Price बढ़ने की संभावना तो बनी रहती है, लेकिन यह मार्केट की स्थिति और अन्य फैक्टरों पर निर्भर करती है। Elon musk का सपोर्ट, बड़े इंस्टीट्यूशन द्वारा Dogecoin को अपनाना और क्रिप्टोकरेंसी के लिए फ्लेक्सिबल पॉलिसी Dogecoin के प्राइस को बढ़ा सकती हैं। हालांकि, इसका प्राइस $1 तक पहुँचने का अनुमान लगाया गया है, लेकिन इसकी संभावना कई फैक्टर्स पर निर्भर करती है, जैसे कि मार्केट की डिमांड, गवर्नमेंट की पॉलिसी और टेक्नोलॉजिकल डेवलपमेंट।
Dogecoin का फ्यूचर इस बात पर निर्भर करेगा कि इसकी कम्युनिटी का सपोर्ट कितना है। यदि Dogecoin को अधिक कंपनियां और प्लेटफॉर्म अपनाते हैं और इसका उपयोग रियल वर्ल्ड में बढ़ता है, तो इसका प्राइस बढ़ सकता है। हालांकि, इसकी सफलता में कुछ चैलेंज भी हैं, जैसे कि लिमिटेड टेक्निकल डेवलपमेंट और इसकी सप्लाई मॉडल की समस्या।
Dogecoin के फायदे -
कम ट्रांजेक्शन फीस: Dogecoin की ट्रांजेक्शन फीस Bitcoin और Ethereum जैसे प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी से बहुत कम हैं, जो इसे छोटे ट्रेडर्स के लिए भी उपयुक्त बनाता है।
फनी और सहायक कम्युनिटी: Dogecoin के पास एक बहुत एक्टिव और सहायक कम्युनिटी है, जो इसे लगातार सपोर्ट करती है।
ऑफिशियल पेमेंट के रूप में एक्सेप्टेबिलिटी: कई कंपनियां Dogecoin को अपने प्रोडक्ट और सर्विसेस के पेमेंट के रूप में एक्सेप्ट करती हैं।
Dogecoin के नुकसान -
लिमिटेड डेवलपमेंट और इनोवेशन: Dogecoin के पास अन्य प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी की तरह कोई विशेष डेवलपमेंट रोडमैप नहीं है।
मार्केट सेंटिमेंट पर डिपेंडेंसी: Dogecoin Price ज्यादातर मार्केट सेंटिमेंट्स, सोशल मीडिया ट्रेंड्स और प्रमुख हस्तियों जैसे Elon musk के सपोर्ट पर डिपेंड करती है।
Dogecoin शुरू में एक मजाक के रूप में मार्केट में आया था, लेकिन अब यह एक प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी बन चुका है। इसकी मजेदार कम्युनिटी और कम ट्रांजेक्शन फीस के कारण Dogecoin को बड़े लेवल पर पहचान मिली है। हालांकि, इसकी टेक्निकल लिमिट्स और मार्केट के उतार-चढ़ाव के कारण इन्वेस्टर्स को सावधानी रखने की जरुरत है। फ्यूचर में Dogecoin की सफलता उसकी कम्युनिटी, टेक्निकल इनोवेशन और रियल वर्ल्ड में इसके उपयोग पर डिपेंड करेगी।
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