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Ethereum Classic क्या है, जानें इसकी पूरी जानकारी

Updated 27-Mar-2025 By: Akansha Vyas
Ethereum Classic क्या है, जानें इसकी पूरी जानकारी

Ethereum Classic (ETC) एक लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी और ब्लॉकचेन नेटवर्क है, जिसे 2015 में लॉन्च किया गया था। यह Ethereum (ETH) का ओरिजनल वर्जन है, जिसका उद्देश्य स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स और डिसेंट्रलाइज़्ड एप्लिकेशन्स (dApps) के लिए एक सिक्योर और रिलाएबल प्लेटफॉर्म प्रदान करना है। Ethereum Classic के पास अपनी स्वयं की डिजिटल करंसी है, जिसे ETC कहा जाता है। इस ब्लॉग में हम Ethereum Classic के बारे में विस्तार से जानेंगे, जिसमें इसके इतिहास और इसकी प्रमुख विशेषताएँ शामिल है। साथ ही यह भी जानेंगे कि यह Ethereum से कैसे अलग है। 

Ethereum Classic का इतिहास

Ethereum Classic का इतिहास Ethereum के साथ जुड़ा हुआ है। 2015 में जब Ethereum को लॉन्च किया गया था, तो यह एक सफल और तेज़ नेटवर्क के रूप में उभरा। इसके बाद, 2016 में Ethereum Network पर एक बड़ा हैक हुआ था, जिसके परिणामस्वरूप लगभग 3.6 मिलियन ETH चोरी हो गए। इस हैक के बाद, Ethereum Community में बंटवारा हुआ और इसके सॉल्यूशन को लेकर काफी बहस हुई।

इस समस्या का समाधान करते हुए Ethereum Network ने एक "Hard Fork" का डिसीजन लिया, जिसका उद्देश्य चोरी हुए धन को वापस करना था। इस Hard Fork के बाद, Ethereum (ETH) और Ethereum Classic (ETC) दो अलग-अलग ब्लॉकचेन नेटवर्क बन गए। Ethereum Classic ने हैक के बाद नेटवर्क को बेसिक रूप में रखने का फैसला किया यानी उन्होंने हैक के प्रभावों को उलटने के बजाय मूल ब्लॉकचेन को बनाए रखा।

Ethereum Classic (ETC) और Ethereum (ETH) में अंतर

Ethereum Classic और Ethereum (ETH) दोनों ही ब्लॉकचेन नेटवर्क एक समान शुरुआत से आए हैं, लेकिन अब इनमें कई महत्वपूर्ण अंतर हैं। 

1 . गवर्नेंस और डायरेक्शन:

  • Ethereum में एक सेंट्रलाइज्ड डेवलपमेंट टीम है, जो नेटवर्क के भविष्य के डिसीजन लेती है। इसमें काफी हद तक सेंट्रल कंट्रोल होता है।

  • Ethereum Classic में एक सेंट्रलाइज्ड गवर्नेंस मॉडल है, जिसमें डिसीजन कम्युनिटी के Consensus से होते हैं, यानी कोई भी व्यक्ति नेटवर्क के डेवलपमेंट में योगदान दे सकता है। यह बहुत ओपन और इंडिपेंडेंड है।

2. कंसेंसस अल्गोरिदम:

  • Ethereum ने 2022 में "The Merge" के बाद Proof-of-Work (PoW) से Proof-of-Stake (PoS) में ट्रांजीशन किया। इस बदलाव से एनर्जी कंजम्प्शन में 99.95% की कमी आई है।

  • Ethereum Classic ने अपने मूल PoW कंसेंसस अल्गोरिदम को बनाए रखा है, जो ज्यादा एनर्जी कंजम्प्शन करता है, लेकिन इसे डिसेंट्रलाइजेशन और सिक्योरिटी के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।

3. स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स और DApps:

  • दोनों नेटवर्क स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स और dApps को सपोर्ट करते हैं, लेकिन Ethereum Classic का डेवलपमेंट धीमा है क्योंकि यह Ethereum के मुकाबले कम रिसोर्स और डेवलपर कम्युनिटी से सपोर्ट प्राप्त करता है।

Ethereum Classic (ETC) की मुख्य विशेषताएँ
  1. स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स और dApps: Ethereum Classic भी Ethereum की तरह स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स और dApps को सपोर्ट देता है। यह प्लेटफॉर्म डेवलपर्स को बिना किसी मीडिएटर के ऑटोमैटिक कॉन्ट्रैक्ट बनाने की परमिशन देता है, जिससे ट्रांसपेरेंसी और इफिशिएंसी बढ़ती है।

  2. Proof-of-Work (PoW) कंसेंसस अल्गोरिदम: Ethereum Classic ने PoW Consensus Algorithm को अपनाया है, जो एक सिक्योर नेटवर्क बनाने के लिए कंप्यूटेशनल समस्याओं को हल करने का काम करता है। PoW का उपयोग करने वाले नेटवर्क को हैक करना मुश्किल होता है, लेकिन इसका एनर्जी कंजम्प्शन अधिक होती है।

  3. कम्युनिटी-ड्रिवन डेवलपमेंट: Ethereum Classic के पास कोई सेंट्रलाइज़्ड टीम नहीं है। इसका डेवलपमेंट पूरी तरह से कम्युनिटी पर निर्भर है। यह एक "डू-ऑक्रेसी" (Do-ocracy) मॉडल का पालन करता है, जिसमें कोई भी व्यक्ति नेटवर्क के डेवलपमेंट में भाग ले सकता है।

  4. सुरक्षा: Ethereum Classic Network ने 2020 में 51% अटैक का सामना किया था, जिसमें हैकर्स ने नेटवर्क की माइनिंग हैशरेट को कंट्रोल करने की कोशिश की थी। हालांकि, इसके बाद सुरक्षा में सुधार किया गया और अब यह दुनिया का सबसे बड़ा PoW Smart Contracts Blockchain बन चुका है।

Ethereum Classic (ETC) की टोकनॉमिक्स

Ethereum Classic का नेटिव टोकन ETC है, जिसकी टोटल सप्लाई 210 मिलियन है। ETC का उपयोग स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स, dApps और ट्रांज़ैक्शन की फीस के रूप में किया जाता है। अगर आप लाइव  Ethereum Classic Price को जानना चाहते हैं तो लिंक पर क्लिक कर उसे चेक कर सकते हैं। 

  1. इनिशियल सप्लाई: Ethereum Classic की टोटल सप्लाई में से अधिकांश पहले से ही माइन की जा चुकी है और इसमें समय के साथ वृद्धि नहीं होती है जैसा कि Ethereum में होता है। इसके अलावा टोकन की सप्लाई को कंट्रोल करने के लिए कोई सेंट्रलाइज़्ड प्रोटोकॉल नहीं है।

  2. माइनिंग और फीस: Ethereum Classic Network में ट्रांज़ैक्शन करने के लिए आपको एक छोटी सी फीस देनी होती है, जिसे "गैस फीस" कहा जाता है। इस गैस फीस का माइनर्स को पेमेंट किया जाता है, जो नेटवर्क के ट्रांज़ैक्शन को वैलिड बनाने के लिए काम करते हैं।

Ethereum Classic की सुरक्षा

Ethereum Classic अपने Proof-of-Work (PoW) कंसेंसस अल्गोरिदम पर बेस्ड है। PoW, सुरक्षा का एक मुख्य तरीका है जहां माइनर्स नेटवर्क को सिक्योर करने के लिए कंप्यूटेशनल रूप से कठिन कैलक्युलेशन सॉल्व करते हैं। इस प्रकार, जब कोई नेटवर्क पर बदलाव करने की कोशिश करता है, तो उसे यह साबित करने के लिए ज्यादा एनर्जी का उपयोग करना पड़ता है, जिससे सुरक्षा सुनिश्चित होती है।

2020 में Ethereum Classic ने 51% अटैक का सामना किया था, जिसके बाद सिक्योरिटी को और मजबूत किया गया है और अब नेटवर्क पहले से ज्यादा सुरक्षित है।

Ethereum Classic का भविष्य

Ethereum Classic के पास लंबी दूरी के लिए एक मजबूत रोडमैप है, खासकर उस कम्युनिटी के लिए जो डिसेंट्रलाइजेशन और PoW System में विश्वास करता है। Ethereum की तुलना में इसकी Adoption धीमी है, लेकिन इसकी निरंतरता और स्थिरता इसे एक पॉवरफुल नेटवर्क बनाती है। Ethereum Classic का भविष्य मुख्य रूप से इसकी कम्युनिटी के सपोर्ट और डिसेंट्रलाइजेशन पर निर्भर करेगा।

कन्क्लूजन 

Ethereum Classic क्रिप्टो वर्ल्ड में एक महत्वपूर्ण ब्लॉकचेन है, जो Ethereum के ओरिजनल वर्जन को बनाए रखते हुए डिसेंट्रलाइजेशन और PoW Consensus के मजबूत ट्रेडिशन को लाइव रखता है। यह स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स और dApps के लिए एक सुरक्षित प्लेटफार्म प्रदान करता है और इसकी कम्युनिटी इंस्पायर्ड गवर्नेंस इसे Ethereum से अलग करता है। इसके अलावा, Ethereum Classic का सिक्योरिटी और स्टेबिलिटी पर फोकस करना इसे अन्य ब्लॉकचेन नेटवर्क्स से अलग बनाता है।

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