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Blockchain में PBFT क्या है, विस्तार से जानिए

Published:April 25, 2025 Updated:April 25, 2025
Author: sakshi modi
Blockchain में PBFT क्या है, विस्तार से जानिए

Blockchain Technology ने फाईनेंशियल ट्रांजेक्शन से लेकर डेटा मैनेजमेंट तक कई क्षेत्रों में रिवोल्यूशन ला दिया है। इसकी सबसे खास बात यह है कि यह एक डिसेंट्रलाइज्ड सिस्टम है, जिसमें किसी एक इंस्टीट्यूट पर निर्भरता नहीं होती। लेकिन सवाल यह उठता है कि जब कोई भी सेन्ट्रल इंस्टीट्यूशन नहीं है, तो पूरे नेटवर्क में डिसीजन कैसे लिया जाता है? इसका उत्तर है कंसेंसस एल्गोरिदम (Consensus Algorithm) और आजकल सबसे चर्चित कंसेंसस एल्गोरिदम में से एक है Practical Byzantine Fault Tolerance (pBFT), जो कि नेटवर्क में ट्रस्ट के न होने के बावजूद डिसीजन लेने में मदद करता है। आइए, विस्तार से समझते हैं कि PBFT क्या है, यह कैसे काम करता है।

Blockchain Technology में Byzantine Fault Tolerance (BFT) क्या है?

PBFT को समझने से पहले हमें समझना होगा कि BFT क्या है। तो Byzantine Fault Tolerance एक ऐसा सिस्टम है जो नेटवर्क में कुछ खराब या असफल नोड्स की उपस्थिति में भी नेटवर्क को सही डिसीजन पर पहुँचने में मदद करता है।

यह विचार पहली बार 1982 में “Byzantine Generals' Problem” के रूप में सामने आया था, जिसमें कई सेनाओं के जनरल किसी शहर पर आक्रमण करने की प्लानिंग बना रहे होते हैं। लेकिन कुछ जनरल गद्दार होते हैं और वे गलत जानकारी फैलाते हैं। लक्ष्य यह होता है कि सभी ईमानदार जनरल एक कॉमन डिसीजन पर पहुँचे, चाहे वह आक्रमण हो या पीछे हटना।

इसी सिद्धांत को Blockchain Technology में लागू किया गया है। यहाँ अलग-अलग नोड्स होते हैं जो इंडिपेंडेंट फॉर्म से काम करते हैं और जिन्हें एक कॉमन डिसीजन, जैसे कि अगले ब्लॉक को सिलेक्ट करना होता है।

Practical Byzantine Fault Tolerance (pBFT) क्या है?

pBFT, Byzantine Fault Tolerance का एक प्रैक्टिकल और कस्टमाइज किया हुआ वर्जन है। इसे खासतौर पर बड़े नेटवर्क जैसे ब्लॉकचेन के लिए डिज़ाइन किया गया है ताकि यह कम्युनिकेशन ओवरहेड को कम कर सके और फाइनलिटी जैसी प्रॉब्लम का सॉल्यूशन कर सके।

pBFT कैसे काम करता है?
  • Primary Node (लीडर): नेटवर्क में एक प्राइमरी नोड चुना जाता है जो प्रपोज़ल देता है कि अगला ब्लॉक क्या होना चाहिए।

  • prepare और Prepare Phases: प्राइमरी नोड अन्य नोड्स को ब्लॉक की जानकारी भेजता है। इसके बाद अन्य नोड्स इस पर विचार कर यह कन्फर्म करते हैं कि प्रपोज़ल वैलिड है।

  • Commit Phase: जब पर्याप्त संख्या में नोड्स सहमत हो जाते हैं, तो ब्लॉक को 'कमिट' किया जाता है।

  • Finality: एक बार जब ब्लॉक कमिट हो गया, तो वह अंतिम माना जाता है और नेटवर्क में इरिवर्सिबल  हो जाता है।

PBFT के फायदे क्या है?
  • Byzantine Fault Tolerance: pBFT इस बात की गारंटी देता है कि अगर नेटवर्क के एक निश्चित हिस्से तक के नोड्स फ्रॉड भी हों, तब भी सही डिसीजन लिया जा सकता है।

  • Finality की सुविधा: pBFT में एक बार जब ब्लॉक को अप्रूवल मिल जाता है, तो वह अंतिम होता है। इसे बाद में बदला नहीं जा सकता, जबकि PoW या PoS जैसे एल्गोरिदम में ब्लॉक को "reorganize" किया जा सकता है।

  • फ़ास्ट और एफिसिएंट प्रोसेस: pBFT कम समय में डिसीजन ले सकता है क्योंकि यह एनर्जी-बेस्ड कॉम्पिटिशन (जैसे कि PoW) पर डिपेंड नहीं करता है।

  • Node Failure की स्थिति में भी स्टेब्लिटी: नेटवर्क में यदि कुछ नोड्स अस्थायी रूप से बंद हो जाएं या गलती करें, तब भी pBFT स्टेबल तरीके से काम करता है।

PBFT की लिमिट्स और चैलेंजेस 
  • स्केलेबिलिटी की प्रॉब्लम: pBFT में जैसे-जैसे नेटवर्क बड़ा होता है, वैसे-वैसे कम्युनिकेशन की आवश्यकता भी बहुत बढ़ जाती है। प्रत्येक नोड को कई अन्य नोड्स से कम्युनिकेशन करना होता है, जिससे नेटवर्क ट्रैफिक बहुत बढ़ जाता है।

  • सेंट्रलाइजेशन का खतरा: pBFT में एक "लीडर" होता है जो प्रपोज करता है कि अगला ब्लॉक क्या होगा। इससे एक हद तक सेंट्रलाइजेशन हो सकता है जो कि ब्लॉकचेन के डिसेंट्रलाइज्ड सेंटिमेंट के अपोजिट है।

  • Sybil अटैक का खतरा: यदि कोई अटैक करने वाला नेटवर्क में कई नकली नोड्स बना लेता है, तो वह गलत डिसीजन को भी सही की तरह पास करवा सकता है।

PBFT का प्रैक्टिकल यूज़ और फ्यूचर 

अकेले pBFT का उपयोग बड़े Blockchain Networks में करना मुश्किल है, इसलिए इसे अक्सर Delegate Proof of Stake (DPoS) जैसे एल्गोरिदम के साथ जोड़ा जाता है। इस कॉम्बिनेशन में DPoS लिमिटेड क्वांटिटी में रिप्रेजेंटेटिव का चयन करता है और फिर वही रिप्रेजेंटेटिव pBFT के माध्यम से ब्लॉक को फाइनल करते हैं। कुछ ब्लॉकचेन नेटवर्क्स जैसे कि Hyperledger Fabric और Tendermint भी pBFT या उसके किसी वेरिएशन का उपयोग करते हैं।

कन्क्लूजन 

PBFT ब्लॉकचेन कंसेंसस के लिए एक काफी पॉवरफुल और सेफ एल्गोरिदम है, खासकर तब जब नेटवर्क का साइज़ लिमिटेड हो। यह न केवल Byzantine Faults को संभाल सकता है, बल्कि नेटवर्क में फाइनलिटी और रिलायबलिटी भी प्रदान करता है। हालाँकि इसकी स्केलेबिलिटी लिमिटेड है, लेकिन इसे अन्य कंसेंसस टेक्नोलॉजी के साथ मिलाकर ब्लॉकचेन सिस्टम को फ़ास्ट, सेफ और अधिक सक्षम बनाया जा सकता है। इसके साथ ही अगर आप इसी तरह और इंट्रेस्टिंग प्रोजेक्ट्स के बारें में जान चाहते है तो, Project Review सेक्शन पर जाकर जान सकते है, जहाँ आपको Neway Crypto है मल्टीलेवल मार्केटिंग प्रोजेक्ट, इस तरह की नई जानकरी मिलेगी।

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Author: sakshi modi

साक्षी मोदी एक स्किल्ड क्रिप्टो कंटेंट राइटर हैं, जिनका बैकग्राउंड जर्नलिज्म और मास कम्युनिकेशन में है। वह ब्लॉकचेन, Web3 और डिजिटल एसेट्स जैसे कॉम्प्लेक्स टॉपिक्स को आसान और क्लियर भाषा में एक्सप्लेन करने में माहिर हैं। साक्षी करीब एक साल से क्रिप्टो इंडस्ट्री में SEO-ऑप्टिमाइज्ड आर्टिकल्स, ब्लॉग्स और न्यूज स्टोरीज़ लिख रही हैं, जिनमें टेक्निकल इनसाइट और क्रिएटिविटी का बैलेंस होता है। 

उनका फोकस हमेशा ऑथेंटिक सोर्सेस और डेटा-बेस्ड रिसर्च पर रहता है, जिससे उनका कंटेंट भरोसेमंद और इनफॉर्मेटिव बनता है। साक्षी की राइटिंग स्टाइल आसान शब्दों में डीप नॉलेज देने पर टिकी है, जिससे नए और प्रोफेशनल दोनों तरह के रीडर्स को फायदा होता है। 

तेजी से बदलती क्रिप्टो दुनिया में वह खुद को एक ट्रस्टेड और ग्रोइंग वॉइस के रूप में स्थापित कर रही हैं।

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