भारत में क्रिप्टोकरेंसी मार्केट तेजी के साथ में फलफुल रहा है। वर्तमान में कई क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज अपनी सेवाएं दे रहे हैं। जिनमें करोड़ों की संख्या में यूजर्स अपने क्रिप्टो पोर्टफोलियो बनाकर निवेशक कर रहे हैं और प्रॉफिट कमा रहे हैं। इन एक्सचेंजों में वर्तमान में भारत के क्रिप्टो एक्सचेंजों के साथ में ऑफ़शोर क्रिप्टो एक्सचेंज भी अपनी सुविधाएं दे रहे हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत का पहला क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज कौन सा है और इसकी शुरुआत कब हुई थी।
बता दे कि भारत के पहले क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज को लेकर लोगों को अक्सर दुविधा रहती है। जिसमें कई लोग Zebpay को भारत का पहला क्रिप्टो एक्सचेंज मानते हैं। लेकिन जानकारी के लिए बता दे कि भारत का पहला क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज Unocoin है, जो वर्ष 2013 में शुरू हुआ था। Unocoin की शुरुआत एक Bitcoin एक्सचेंज के तौर पर ही हुई थी। इस प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से भारतीय बिटकॉइन यूजर्स BTC को खरीद बेच और स्टोर कर सकते थे। Unocoin ने भारत के फाइनेंसियल लैंडस्केप में एक महत्वपूर्ण बदलाव किया, जिसके चलते डिजिटल करेंसी के प्रति लोगों की समझ में बदलाव हुआ और निवेश के तरीकों में रिवॉल्यूशन की शुरुआत हुई।
वर्ष 2013 में Sathvik Vishwanath, Harish B V और Sunny Ray ने Unocoin की शुरुआत की थी। यह वह समय था जब बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी ने ग्लोबल लेवल पर लोगों को आकर्षित करना शुरू किया था। यहाँ Unocoin का मुख्य उद्देश्य भारतीय क्रिप्टो यूजर्स को एक सिक्योर और यूजर फ्रेंडली प्लेटफ़ॉर्म प्रोवाइड करना था, जिसके माध्यम से वे BTC को आसानी से खरीद और बेच सकें। इसने इंडियन मार्केट में क्रिप्टोकरेंसी की अवधारणा को सरल बनाने में मुख्य भूमिका निभाई। Unocoin ने अपने यूजर्स को वॉलेट सर्विस, मार्चेंट गेटवे के साथ BTC को खरीदने की सुविधा प्रदान की, जिसके चलते काफी कम समय में यह प्लेटफ़ॉर्म यूजर्स के बीच में लोकप्रिय हो गया।
Unocoin ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर जिस रिवॉल्यूशन की शुरुआत की, उसने कई भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंज को भी उभरने का मौका दिया। इनमें प्रमुख नामों में ZebPay, WazirX, CoinDCX और CoinSwitch शामिल हैं। इन एक्सचेंजों ने Unocoin से एक कदम आगे बढ़कर भारतीय यूजर्स को विभिन्न क्रिप्टोकरेंसी में निवेश, ट्रेडिंग और डिजिटल एसेट्स को सिक्योर रखने के अवसर प्रदान किए।
हालांकि भारत में क्रिप्टोकरेंसी का सफ़र काफी कठिन रहा, जहाँ वर्ष 2018 में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सभी बैंको और फाइनेंसियल इंस्टीट्यूशन को क्रिप्टो से जुड़ी सेवाएं प्रदान करने से पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया। RBI के इस कदम से भारतीय क्रिप्टो इंडस्ट्री को एक बड़ा झटका लगा, इतना ही नहीं कई क्रिप्टो एक्सचेंजों ने इस दौरान अपना संचालन पूरी तरह से बंद कर दिया। लेकिन 2020 में देश की सर्वोच्च संस्थान सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रतिबन्ध को हटाकर क्रिप्टो निवेशकों में एक नया जोश भर दिया। लेकिन भारत सरकार ने 2022 में क्रिप्टो प्रॉफिट पर 30% टैक्स और 1% TDS लगाकर एक बार फिर भारतीय क्रिप्टो निवेशकों को निराश कर दिया।
वर्तमान में क्रिप्टोकरेंसी मार्केट भारत में तेजी के साथ में लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। आम लोगों में वर्तमान समय में क्रिप्टोमुद्रा में निवेश के प्रति जागरूकता और रूचि दोनों में वृद्धि हुई हैं। जिससे क्रिप्टोकरेंसी निवेशकों की संख्या में भी वृद्धि देखने को मिली है। धीरे-धीरे भारत सरकार भी क्रिप्टोकरेंसी को लेकर नरम रुख अपना रही हैं। वर्तमान में भारत की अध्यक्षता में एक क्रिप्टो रेगुलेटरी फ्रेमवर्क का निर्माण किया जा रहा है। जो G20 देशों के साथ दुनिया भर के अन्य देशों को भी मान्य होगा। भारत सरकार के इस कदम से जहाँ भारतीय क्रिप्टोकरेंसी यूजर्स की संख्या में बढ़ोतरी हुई हैं, वहीँ वे लोग भी क्रिप्टो मार्केट के बारे में जानने में रूचि ले रहे हैं, जो इस मार्केट से दूरी बनाए हुए थे। उम्मीद यही की जाती है कि Unocoin द्वारा रखी गई नीव को अन्य क्रिप्टो एक्सचेंज आगे ले जाते हुए, आने वाले वर्षों में भारत में क्रिप्टोकरेंसी मार्केट के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
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