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Pahalgam Attack के बाद FIU का Terror Funding पर बड़ा खुलासा

Published:April 28, 2025 Updated:April 28, 2025
Author: Ronak Ghatiya
Pahalgam Attack के बाद FIU का Terror Funding पर बड़ा खुलासा

Pahalgam Attack के बाद से भारत की सभी एजेंसियां आतंकवाद को जड़ से ख़त्म करने के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास कर रही है। इसी क्रम में हाल ही में Indian Financial Intelligence Unit (FIU) ने भारत सरकार को सौपी गयी अपनी रिपोर्ट में क्रिप्टो और टेरर फंडिंग के बीच सम्बन्ध को लेकर चौकाने वाले खुलासे किये है। रिपोर्ट में वर्चुअल डिजिटल एसेट्स और क्रिप्टो एक्सचेंजों से जुड़े कई संदिग्ध ट्रांज़ैक्शन को चिन्हित किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, इन ट्रांज़ैक्शन का इस्तेमाल Terror Funding, अलगाववादी गतिविधियों को बढ़ावा देने, साइबर क्राइम, ड्रग्स ट्रैफिकिंग, इल्लीगल बैटिंग और गैम्बलिंग के लिए किया गया है।

क्या कहती है रिपोर्ट?

FIU-IND ने सस्पिशियस ट्रांजैक्शन रिपोर्ट्स का "ऑपरेशनल एनालिसिस" करते हुए यह रिपोर्ट तैयार की है, जिसमें फाइनेंशियल और नेशनल सिक्योरिटी से जुड़े गंभीर मुद्दों का खुलासा हुआ हैं। इस रिपोर्ट को ED, CBI और Income Tax Department जैसी एजेंसियों के साथ साझा किया गया है जिससे आगे की कार्रवाई हो सके। रिपोर्ट में बताया गया है कि क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल Terror Funding, चाइल्ड सेक्सुअल अब्यूज मैटेरियल, ड्रग्स तस्करी, सट्टेबाजी और साइबर क्राइम में किया जा रहा है।

VPN के जरिए भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंजों पर फर्जी अकाउंट्स बनाकर भारी मात्रा में पैसा विदेशी और अनहॉस्टेड एक्सचेंजों से ट्रांसफर किया गया। इसके जरिए Terror Funding और साइबर क्राइम के पैसों की मनी लॉन्ड्रिंग की गई। ऐसे में, भारत में आतंकवाद का पौषक पाकिस्तान जब क्रिप्टोकरेंसी के इस्तेमाल को बढ़ाने के लिए नए नए कदम उठा रहा है, इस रिपोर्ट के मायने और अधिक बढ़ जाते हैं। हालांकि Pahalgam Attack के बाद Pakistan का क्रिप्टो हब बनने का सपना टूटता नज़र आ रहा है।   

क्या संकेत देती है FIU की रिपोर्ट  

Pahalgam Attack के बाद से भारत की सभी जांच एजेंसियां आतंकवाद की जड़ों को ढूंढ़कर काटने में जुटी है। ऐसे समय में आई FIU की यह रिपोर्ट इसी जांच का एक हिस्सा हो सकती है। रिपोर्ट में हुए खुलासे क्रिप्टोकरेंसी और Terror Funding के बीच संबंधों को स्पष्ट तौर पर सामने ला रहे हैं। भारत में क्रिप्टो रेगुलेशन की पहले से चल रही मांग इससे और अधिक मजबूत हुई है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा की भारत किस तरह से क्रिप्टोकरेंसी और Terror Funding के इस गठजोड़ को तोड़ता है। 

RBI की भी चेतावनी

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने भी निजी क्रिप्टो एसेट्स के दुरुपयोग को देश की मैक्रो-इकोनॉमिक और फाइनेंशियल स्टेबिलिटी के लिए एक बड़ा खतरा बताया है। RBI का कहना है कि बिना रेगुलेशन के इस सेक्टर का बढ़ता दायरा देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा सकता है। इस रिपोर्ट के बाद RBI को भारत में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अपनी पॉलिसी रिवाइज करने की आवश्यकता है। हालांकि RBI के पूर्व गवर्नर शक्तिकांत दास लगातार भारत में क्रिप्टो पर बैन के पक्ष में रहे हैं।     

'संवेदनशील' इलाकों में संदिग्ध गतिविधियां

FIU-IND की रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि कुछ 'संवेदनशील' इलाकों में रहने वाले लोग क्रिप्टोकरेंसी, हवाला और ऑनलाइन गेमिंग के जरिये संदिग्ध गतिविधियों में शामिल हैं। रिपोर्ट में इल्लीगल और बिना रजिस्ट्रेशन वाले कई ऑनलाइन Virtual Digital Asset Service Providers या क्रिप्टो एक्सचेंजों के संचालन की भी बात कही गई है।

पंप एंड डंप स्कीम्स और फर्जी टोकन

रिपोर्ट के मुताबिक, फर्जी कॉइन और टोकन के जरिए 'पंप एंड डंप' स्कीम्स भी चलाई जा रही हैं, जहां लोगों को फंसाकर भारी नुकसान पहुंचाया गया। साथ ही, इल्लीगल फॉरेक्स ऐप्स चलाने और इल्लीगल एक्टिविटीज में शामिल संदिग्ध लोगों को जोड़ने के प्रयास भी सामने आए हैं।

कौन-कौन सी क्रिप्टोकरेंसी है निशाने पर?

FIU-IND ने Bitcoin, Tron और Stablecoins (जैसे USDT/TRC-20) को सबसे ज्यादा इस्तेमाल में लाए जाने वाले टोकन्स बताया है। इनका इस्तेमाल इसलिए हो रहा है क्योंकि इनकी इंटरनेशनल लेवल पर एक्सेप्टेंस ज्यादा हैं।

कन्क्लूज़न

Pahalgam Attack ने भारत ही नहीं पुरे विश्व को हिला दिया है। ऐसे में जब भारत आतंकवाद के खिलाफ इस लड़ाई को अंतिम अंजाम देने के लिए कमर कस चुका है। क्रिप्टो करेंसी के इल्लीगल इस्तेमाल को लेकर यह रिपोर्ट नयी चिंताओं को जन्म देती है। सेंट्रल इकनोमिक इंटेलिजेंस ब्यूरो ने भी सरकार को पिछले साल एक रिपोर्ट सौंपी थी, जिसमें देश में क्रिप्टो सेक्टर के लिए रेगुलेटर बनाने की सिफारिश की गई थी। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार और वित्तीय एजेंसियां इस बढ़ते खतरे से निपटने के लिए क्या कदम उठाती हैं।

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Author: Ronak Ghatiya

रोनक घाटिया एक स्किल्ड राइटर हैं, जिनके पास 7 वर्षों का अनुभव है। रोनक ब्लॉकचेन और Web3 के कॉम्पलेक्स टॉपिक्स को सरल और समझने योग्य बनाने में एक्सपर्ट हैं। वे डीप रिसर्च के साथ आर्टिकल्स, ब्लॉग और न्यूज़ लिखते हैं, जिनमें SEO पर विशेष ध्यान दिया जाता है ताकि रीडर्स जुड़ाव महसूस कर सकें। 

रोनक की राइटिंग क्रिएटिव अप्रोच का एक बेहतरीन मिश्रण है, जो रीडर्स को जटिल विषयों को स्पष्टता के साथ समझने में मदद करता है। क्रिप्टो स्पेस के प्रति उनकी गहरी रुचि उन्हें इस इंडस्ट्री में एक अच्छे राइटर के रूप में स्थापित कर रही है। 

अपने कंटेंट के माध्यम से, उनका उद्देश्य रीडर्स को क्रिप्टोकरेंसी की इस तेजी से बदलती दुनिया में जानकर बनने हेतु गाइड करना है।

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