क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज Binance अपने लिंक प्रोग्राम में एक बड़े लूपहोल को बंद कर रहा हैं, जो कुछ प्राइम ब्रोकरेज को Binance द्वारा प्रदान की गई मल्टी टियर्ड फीस स्ट्रक्चर का एडवांटेज उठाने की अनुमति प्रदान करता था। रिपोर्ट के अनुसार, सिस्टम के टॉप टियर ब्रोकरेज पार्टनर, जिनके पास कुल नाइन टियर थे, वे ट्रेडिंग फीस पर डिस्काउंट को इंजॉय करते थे। जिससे कई अकाउंट्स को एक साथ जोड़कर और कभी-कभी उनकी ओर से ट्रेडिंग करके, प्लेटफ़ॉर्म के क्लाइंट को दिया जा सकता था।
इससे कुछ प्लेटफ़ॉर्म को अपने एक्सक्लूसिव टॉप टियर प्राइस बेनिफिट्स और अपने कस्टमर्स चार्ज के बीच के डिफ़रेंस को जेब में रखकर एडिशनल रैवैन्यू प्राप्त करने की अनुमति मिलती थी। लिंक प्रोग्राम में भाग लेने वाले प्लेटफ़ॉर्म प्रोस्पेक्टिव क्लाइंट को अपनी सेविंग देकर और रिटेल मार्केट में न मिलने वाली अट्रैक्टिव ट्रेडिंग फ़ीस देकर कस्टमर को अट्रैक्ट कर सकते हैं।
हालाँकि कुछ लिंक प्रोग्राम क्लाइंट द्वारा नियोजित आर्बिट्रेज स्कीम पर यह रोक इंस्टीट्यूशनल क्लाइंट के लिए विशिष्ट है, लेकिन यह प्लेटफ़ॉर्म के दुरुपयोग पर नकेल कसने के लिए एक्सचेंज द्वारा व्यापक प्रयासों का संकेत देती है।
26 जून को, दुनिया के टॉप क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज में से एक Binance ने अपने प्लेटफ़ॉर्म के यूजर्स के लिए एक अपडेट पोस्ट की, जिसमें यूजर्स को इंस्टीट्यूशनल अकाउंट द्वारा किए जा रहे फीस आर्बिट्रेज या नो योर कस्टमर ब्रीचेस जैसी किसी भी सस्पिसियस एक्टिविटी की रिपोर्ट करने के लिए इनकरेज किया गया। Binance की ओर से यह भी कहा गया कि जो भी यूजर किसी भी इललीगल एक्टिविटी की रिपोर्ट करेगा उसे रिवॉर्ड भी दिया जाएगा।
Binance लम्बे समय से दुनियाभर में रेगुलेशन से जुड़ी समस्याओं का सामना कर रहा हैं। इसके बावजूद फर्म रेगुलेटरी कंप्लायंस पर जोर दे रही हैं। जहाँ फर्म को बीते कुछ समय में दुनियाभर के देशों में रेगुलेटरी समस्याओं के चलते या तो अपने ऑपरेशन को बंद करना पड़ा या उन देशों की रेगुलेटरी अथॉरिटिज ने एक्सचेंज पर बैन लगा दिया। जानकारी के लिए बता दे कि हाल ही में नॉर्थ डकोटा ने Binance.US के मनी ट्रांसमीटर लाइसेंस को रद्द किया था। इससे पहले भारत में भी AML कानूनों का पालन न करने के चलते FIU इंडिया ने Binance को प्रतिबंधित कर दिया था। हालाँकि बाद में दुनिया के सबसे बड़े क्रिप्टो एक्सचेंज ने FIU इंडिया की सभी शर्ते मानने की बात कहते हुए, भारत में वापसी की बात कही थी।
गौरतलब है कि नवंबर 2023 में US में क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज Binance के फाउंडर Changpeng Zhao को बैंक सीक्रेसी एक्ट और एंटी मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े प्रोविजन्स का उल्लंघन करने से जुड़े मामले में यूनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस के साथ $4.3 बिलियन का समझौता करना पड़ा था। इस समझौते के तहत Changpeng Zhao को Binance के CEO के पद से इस्तीफा भी देना पड़ा था।
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