संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रेसिडेंट Donald Trump ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण क्रिप्टो-सम्बंधी बिल पर हस्ताक्षर किए हैं, इसके द्वारा विवादित "DeFi ब्रोकर रूल" को समाप्त हो गया है। यह कदम अमेरिकी क्रिप्टो इंडस्ट्री के लिए एक महत्वपूर्ण माइलस्टोन साबित हो सकता है, क्योंकि इससे अमेरिकी DeFi कंपनियों को कॉम्प्लेक्स टैक्स रिपोर्टिंग रूल्स से राहत मिलेगी। यह निर्णय अमेरिकी डिजिटल एसेट एरीना के लिए एक पॉजिटिव संकेत माना जा रहा है। बता दे कि ट्रंप इससे पहले US Strategic Bitcoin Reserve क्रिएट करने के आदेश भी दे चुके हैं।
2023 में, Joe Biden एडमिनिस्ट्रेशन द्वारा लाया गया DeFi ब्रोकर रूल, डिजिटल असेट इंडस्ट्री में विवाद का विषय बन गया था। इस रूल के तहत, डिसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस प्लेटफॉर्म्स को ट्रेडिशनल फाइनेंशियल ब्रोकरों की तरह टैक्सेशन की इन्फॉर्मेशन रिपोर्ट करने की आवश्यकता होती। इसका उद्देश्य टैक्स चोरी और फाइनेंशियल फ्रॉड को रोकना था, लेकिन इसके साथ ही इससे अमेरिकी DeFi कंपनियों पर रूल्स का बोझ पड़ने का खतरा था। इसके अलावा, इस रूल को इम्प्लीमेंट करने में आईआरएस (IRS) को बहुत अधिक रिसोर्स की आवश्यकता थी, जो उसके वर्तमान स्ट्रक्चर में मुश्किल था।
ट्रंप के इस बिल को सहमती देने से यह साफ है कि अमेरिका ने अब डिजिटल असेट्स के लिए एक विवेकपूर्ण और फ्यूचरिस्टिक पॉलिसी अपनाई है। क्रिप्टो इंडस्ट्री ने इस कदम को पॉजिटिव रूप में लिया और इसे एक हिस्टोरिक इवेंट माना है। इससे अमेरिकी कंपनियों को अधिक इनोवेटिव फ्रीडम मिलेगी और यूज़र्स की प्राइवेसी प्रोटेक्ट होगी, जो उनके लिए बेहद इम्पोर्टेन्ट है।
क्रिप्टो इंडस्ट्री इस बिल को महत्वपूर्ण मान रही है। DeFi Education Fund की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर Amanda Tuminelli ने इसे डिजिटल असेट रूल्स की हिस्ट्री में एक माइलस्टोन करार दिया है। उनके अनुसार, यह कानून ट्रेडिशनल फाइनेंशियल रूल्स से अलग हटकर, डिजिटल असेट्स के लिए नई अप्रोच का सिंबल है। जिससे अमेरिकी क्रिप्टो इंडस्ट्री इंडिपेंडेंट और क्रिएटिव बनेगी।
वहीं जानकारी के अनुसार ग्लोबली DeFi के बढ़ते प्रभाव के चलते इससे जुड़े कानून की आवश्यकता पर विभिन्न देशों की सरकारें काम कर रहीं हैं। जानकारी के अनुसार हाल ही में भारत सरकार की Finance Ministry ने भी DeFi के प्रभाव पर गहरी चर्चा की थी। जो यह बताता है कि DeFi किस तरह ग्लोबल इकॉनोमी में बदलाव ला सकता हैं।
Donald Trump द्वारा इस बिल को सहमती देने से इम्पोर्टेन्ट चेंज आया है, जिससे अमेरिकी क्रिप्टो इंडस्ट्री को बढ़ावा मिलेगा। इस कदम से न केवल क्रिप्टो कंपनियों के लिए संभावनाओं का रास्ते खुले हैं, बल्कि इससे अमेरिकी टैक्स रूल्स आसान होंगे और प्राइवेसी को प्रोटेक्ट करने में भी मदद मिलेगी। यह कदम अमेरिकी डिजिटल असेट इंडस्ट्री के लिए एक पॉजिटिव सिग्नल है, जो अब भविष्य में और अधिक स्टेबल और इनोवेटिव तरीके से विकसित हो सकती है।
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