हाल ही में, Enforcement Directorate ने क्रिप्टो कम्युनिटी में होने वाले फाइनेंशियल क्राइम की आय से मैनेज और ट्रांसफर करने के लिए अपना स्वयं का क्रिप्टो वॉलेट लॉन्च किया है। Enforcement Directorate (ED) भारत में एक लॉ एनफोर्समेंट और इकनोमिक इंटेलिजेंस एजेंसी है जो मनी लॉन्ड्रिंग, विदेशी मुद्रा उल्लंघन और फाइनेंशियल क्राइम्स से संबंधित कानूनों को लागू करने पर ध्यान केंद्रित करती है। आर्थिक अपराधों से निपटने के लिए ED जांच करता है, मुकदमा चलाता है और संपत्ति जब्त करता है।
ED ने अपना क्रिप्टो वॉलेट लाने का कदम कोलकाता के "E Nugget app" नाम के एक गेमिंग ऐप द्वारा बड़ी धोखाधड़ी के बाद आया है। इस ऐप ने खुद को सबसे फायदेमंद गेमिंग ऐप के रूप में प्रदर्शित किया था। लेकिन इसने एक बड़ा स्कैम किया है। ED ने 2022 में हुए इस मामले का खुलासा किया है और अब तक Binance, Zebpay और WazirX के साथ रखे गए 70 अलग-अलग खातों में 19 करोड़ नकद और क्रिप्टोकरेंसी में 90 करोड़ बरामद किए हैं।
Enforcement Directorate (ED) क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े अपराधों पर ध्यान केंद्रित करते हुए, फाइनेंशियल फ्रॉड से निपटने के लिए टेक्नोलॉजी का लाभ उठा रहा है। विभिन्न क्रिप्टो-संबंधित मामलों में 900 करोड़ से अधिक की जब्ती के साथ, ED ने अपराधियों की बढ़ती रणनीति से निपटने के लिए अपनी टेक कैपेबिलिटी को बढ़ाने की आवश्यकता को पहचाना है। ऐसा करने के लिए, ED ने एक डिजिटल फर्म के साथ साझेदारी की है जो इसकी साइबर फोरेंसिक क्षमताओं को बढ़ावा देगी। यह साझेदारी ED को डिजिटल सबूतों की अधिक प्रभावी ढंग से जांच करने और साइबर अपराधियों को पकड़ने की अनुमति देगी। इसके अलावा, कंपनी CEDOS नामक सॉफ़्टवेयर बना रही हैं, जो कोर ED ऑपरेशंस सिस्टम के लिए है। यह सॉफ्टवेयर ED अधिकारियों को अन्य एजेंसियों के डेटा से जोड़ेगा, जिससे उन्हें वित्तीय अनियमितताओं का अधिक तेज़ी से पता लगाने में मदद मिलेगी।
ED साइबर सिक्योरिटी और डिजिटल फ्रॉड पर कंप्लायंस सुनिश्चित करने और वर्कशॉप्स आयोजित करने के लिए फिनटेक कंपनियों के साथ भी सहयोग कर रहा है। वे संदिग्ध बैंकों पर नज़र रखने के लिए एक रजिस्ट्री बना रहे हैं और फण्ड फ्लो का पता लगाने के लिए geotagging technology का उपयोग कर रहे हैं।
Enforcement Directorate (ED) ने अपने संचालन के लिए क्रिप्टो वॉलेट को अपनाकर क्रिप्टो स्पेस में कदम रखा है। इस कदम में क्रिप्टो मार्केट को नया आकार देने और व्यापक फाइनेंशियल लैंडस्केप पर एक बदलाव लाने की क्षमता है। जैसे-जैसे ED इस टेक्नोलॉजी को अपना रहा है, इससे क्रिप्टो-संबंधित फ्रॉड कम हो सकती है, जिससे क्रिप्टो उत्साही और निवेशकों के लिए एक सुरक्षित वातावरण को बढ़ावा मिलेगा।
ED द्वारा इस टेक्नोलॉजी को अपनाने से, इस बात की काफी संभावना है कि इससे पूरे भारत में क्रिप्टोकरेंसी में विश्वास बढ़ सकता है। यह न केवल यूजर्स के बीच बल्कि विभिन्न सरकारी एजेंसियों के बीच भी अधिक व्यापक रूप से एडॉप्शन का मार्ग प्रशस्त कर सकता है। यदि क्रिप्टो के साथ एजेंसी का अनुभव सफल साबित होता है, तो यह डिजिटल इनोवेशन की एक नई लहर को ट्रिगर कर सकता है, जिससे भारत ग्लोबल क्रिप्टो हब बना सकता है। इसके साथ ही क्रिप्टो के साथ ED की भागीदारी व्यापक सार्वजनिक स्वीकृति और सरकारी समर्थन के लिए दरवाजे खोल सकती है, जिससे क्रिप्टोकरेंसी भारत के फाइनेंशियल इकोसिस्टम का अभिन्न अंग बन सकती है।
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