आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पिछले कुछ वर्षों में टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में सबसे चर्चित ट्रेंड्स में से एक बन गया है और इसने हमारे जीवन के सभी पहलुओं को प्रभावित किया है। दुनियाभर के देश और लीडिंग टेक कम्पनियाँ AI के इस ट्रेंड में बने रहने के लिए नई-नई खोज कर रहे है। AI हर सेक्टर में अपनी जगह बना रहा है। भारत में इस ट्रेंड में पीछे नहीं है, अन्य टेक्नोलॉजी की तरह ही भारत ने AI में भी विस्तार कर रहा है। इसी के चलते अब भारत में पहली बार एक स्कूल ने एक शिक्षक के रूप में एक ह्यूमनॉइड को लॉन्च किया है।
Iris नाम की इस ह्यूमनॉइड टीचर का अनावरण केरला के एक स्कूल में किया गया है जो AI से चलती है। Iris तीन भाषाएं बोल सकती है और कठिन सवालों का जवाब भी दे सकती है, साथ ही वॉयस असिस्टेंट, इंटरैक्टिव लर्निंग जैसी सुविधाएं भी दे सकती है। रोबोटिक्स और जेनेरेटिव AI टेक्नोलॉजी से संचालित, यह रोबोट इंटरैक्टिव क्षमताओं के साथ एक वर्सटाइल टीचिंग टूल के रूप में कार्य करता है। इसके एंड्रॉइड ऐप इंटरफ़ेस के साथ, यूजर्स लर्निंग एक्सपीरियंस के लिए रोबोट को आसानी से नियंत्रित और इंटरैक्ट कर सकते हैं।
भारत इस तरह के अविष्कारों के साथ AI सेक्टर में तेजी से विस्तार रहा है। हाल ही में ChatGPT जैसे AI मॉडल को टक्कर देने के लिए भारत ने अपना पहला AI मॉडल BharatGPT लॉन्च करने की घोषणा की है। इसके साथ ही भारत में AI सेक्टर तेजी के विकास कर रहा है। इसके अलावा IT इंडस्ट्री बॉडी Nasscom और कंसल्टिंग फर्म BCG ने एक रिपोर्ट के अनुसार भारत का आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस मार्केट 2027 तक 17 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। हालाँकि विस्तार के साथ-साथ भारत सरकार AI को रेगुलेट करने पर भी ध्यान दे रही है। जिसके चलते भारत सरकार ने AI पर एक एडवाइजरी जारी की है।
हालाँकि इस तरह के ह्यूमनॉइड टीचर के आने से यह टीचिंग सेक्टर के लोगो के लिए खतरा बन सकता है। क्योंकि यह ह्यूमनॉइड टीचर जनरेटिव AI से चलता है जिसकी क्षमता एक सामान्य टीचर की तुलना में कही अधिक होगी। इसके साथ ही यह अनुमान पहले ही लगाया जा चुका है कि AI के चलते नौकरियों में कटौती की संभावना है। इसके साथ ही कई सेक्टर्स में इसका प्रभाव देखने को मिल भी रहा है। हाल ही में किये गये एक सर्वे में अलग-अलग इंडस्ट्री में Gen AI Tool का इस्तेमाल करने वाले शामिल 75% लीडर्स ने नौकरी में कटौती का अनुभव किया है।
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