लेकिन वर्तमान में Lazarus Group का टार्गेट Cryptocurrency इंडस्ट्री है। यह बीते कुछ सालों में क्रिप्टो इंडस्ट्री से जुड़ी कई फर्म्स को अपना निशाना बना चुका हैं, जिनमें Harmony Horizon bridge से $100 मिलियन की virtual currency की चोरी और $600 मिलियन के Ronin bridge हैक जैसी घटनाए भी शामिल हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार 2014 में Lazarus Group सोनी पिक्चर्स पर किये गए अपने साइबर हमले के लिए सुर्ख़ियों में आने के बाद कुछ समय के लिए साइबर अटैक्स जैसी घटनाओं को थोडा कंट्रोल में रखा, लेकिन वर्ष 2016 में एक बार फिर यह ग्रुप बांग्लादेश सेंट्रल बैंक पर साइबर अटैक कर सुर्ख़ियों में आया।
बांग्लादेश के सेन्ट्रल बैंक पर किये गए साइबर अटैक में इस ग्रुप ने करीब 1 बिलियन डॉलर की चोरी की कोशिश की थी। हालंकि Lazarus Group इस अटैक में पूरी तरह तो सफल नहीं हुआ, लेकिन फिर भी एक बड़ी रकम हांसिल करने में उसे कामयाबी मिली थी। इसके बाद वर्ष 2017 से Lazarus Group ने क्रिप्टोकरंसी मार्केट की ओर रुख किया और इसे निशाना बनाने के अपने प्रयासों में जूट गया। एक आंकड़े के अनुसार 2017 के बाद से Lazarus Group क्रिप्टो मार्केट में 2 बिलियन से अधिक की चोरी की घटना को अंजाम दे चुका हैं और आज भी लगातार इस तरह के साइबर अटैक्स को बड़ी आसानी से कर रहा है।
जैसा की हमने आपको जानकारी दी है की Cryptocurrency मार्केट Lazarus Group के साइबर अटैक्स के लिए फेवरेट जोन बन चुका हैं। लगातार इस क्षेत्र में क्रिप्टो से जुड़ी फर्म्स को टारगेट करने के बाद, हाल ही में Lazarus Group ने एक और घटना को अंजाम दिया है। खबरों के अनुसार हाल ही में क्रिप्टो पेमेंट गेटवे CoinsPaid से हुई 37.3 मिलियन डॉलर की चोरी के पीछे Lazarus Group का हाथ बताया जा रहा है। हालाँकि Lazarus Group द्वारा अभी तक इस साइबर अटैक की जिम्मेदारी नहीं ली गई हैं। CoinsPaid के अनुसार कथित रूप से Lazarus Group द्वारा किये गए इस हमले में कस्टमर फंड को कोई नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन प्लेटफार्म और फार्म की बैलेंस शीट इससे प्रभावित हुई हैं।
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