Pahalgam Attack वर्तमान में पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बना हुआ हैं। जहाँ कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुई आतंकवादी घटना ने न केवल भारत को झकझोर कर रख दिया है, बल्कि इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान की छवि को भी भारी नुकसान पहुँचा है। पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों द्वारा धर्म के आधार पर 26 भारतीय पर्यटकों की निर्मम हत्या ने दुनिया भर में रोष उत्पन्न कर दिया है। इस हमले ने एक और महत्वपूर्ण मुद्दे को हाशिए पर ला दिया है, वह है Pakistan का Crypto Hub बनने का सपना। हालाँकि पाकिस्तान ने इस दिशा में कई रणनीतिक कदम उठाए हैं, लेकिन इस हमले के बाद उसकी यह महत्वाकांक्षा अब धूमिल होती नजर आ रही है।
पाकिस्तान ने हाल ही में Pakistan Crypto Council (PCC) की स्थापना की है जिसका नेतृत्व Finance Minister of Pakistan Muhammad Aurangzeb कर रहे हैं। इस काउंसिल का उद्देश्य देश में क्रिप्टो और ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी को एक कानूनी ढांचे के तहत विकसित करना है। इसमें स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान, SECP और कई अन्य सरकारी विभाग शामिल हैं। PCC का मुख्य उद्देश्य एक सुरक्षित, उत्तरदायी और नवोन्मेषी क्रिप्टो इकोसिस्टम बनाना है।
इसके अतिरिक्त, पाकिस्तान क्रिप्टो माइनिंग में भी उतरने की तैयारी कर चुका है। surplus electricity के उपयोग के लिए सरकार माइनिंग कंपनियों को आकर्षक बिजली दरें देने पर विचार कर रही है। वहीं Binance के संस्थापक Changpeng Zhao (CZ) को पाकिस्तान का रणनीतिक सलाहकार नियुक्त करना इस दिशा में एक बड़ा अंतरराष्ट्रीय कदम माना गया है।
पहलगाम हमले ने पाकिस्तान की छवि को ग्लोबल लेवल पर बुरी तरह से प्रभावित किया है। भारत ने पहले ही इस हमले को लेकर संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान की कड़ी आलोचना शुरू कर दी है। इससे एक तरफ जहाँ पाकिस्तान की राजनयिक स्थिति कमजोर हुई है, वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान में निवेश करने की योजना बना रहे निवेशकों का भरोसा भी डगमगाने लगा है।
कोई भी अंतरराष्ट्रीय निवेशक ऐसे देश में अपने फंड नहीं लगाना चाहेगा, जहाँ आतंकवाद को खुलेआम समर्थन मिलता हो और मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा हो। यह स्थिति Pakistan के Crypto Hub बनने की संभावनाओं पर सीधा असर डालती है। इसके साथ ही CZ जैसे एक्सपर्ट और बिजनेसमैन पर भी दबाव बढ़ सकता है कि वे पाकिस्तान से दूरी बनाएँ।
भारत इस अवसर का उपयोग कर सकता है ताकि पाकिस्तान को ग्लोबल क्रिप्टो लैंडस्केप से अलग-थलग किया जा सके। कुछ स्ट्रेटिजिक कदम जिनसे भारत पाकिस्तान के इस सपने को चकनाचूर कर सकता है:
Binance इंडिया पर दबाव: भारत CZ की नियुक्ति को मुद्दा बनाकर Binance की भारतीय शाखा पर प्रतिबंध या जांच बढ़ा सकता है, जिससे CZ को पाकिस्तान से दूरी बनानी पड़े।
G20 और FATF स्तर पर पाकिस्तान की आलोचना: भारत अंतरराष्ट्रीय मंचों पर यह मुद्दा उठा सकता है कि एक आतंकवाद समर्थक राष्ट्र को डिजिटल फाइनेंस के लिए वैश्विक मान्यता नहीं दी जानी चाहिए।
क्रिप्टो फ्रेमवर्क में तेजी: भारत अपने क्रिप्टो रेगुलेशन में तेजी लाकर ग्लोबल इन्वेस्टर्स को पाकिस्तान की बजाय भारत की ओर आकर्षित कर सकता है।
Web3 और Blockchain सेक्टर को सब्सिडी और सहयोग: सरकार यदि इस सेक्टर को नीति और संसाधन दोनों दे, तो भारत एशिया में एक प्रमुख क्रिप्टो और ब्लॉकचेन डेस्टिनेशन बन सकता है।
Pakistan Crypto Council द्वारा की जा रही कोशिशें तभी सफल हो सकती हैं जब देश की राजनीतिक और सुरक्षा स्थिति स्थिर हो। लेकिन जब एक तरफ देश में आतंकी गतिविधियाँ बढ़ रही हों और दूसरी ओर अंतरराष्ट्रीय आलोचना का सामना हो रहा हो, तब यह सपना सिर्फ एक कल्पना बनकर रह सकता है। CZ जैसे विशेषज्ञ की नियुक्ति चाहे जितनी महत्वपूर्ण क्यों न हो, परन्तु यदि इंटरनेशनल कम्युनिटी ही पाकिस्तान पर विश्वास न करे, तो कोई भी क्रिप्टो हब नहीं बन सकता।
पाकिस्तान में ऊर्जा संकट, विदेशी मुद्रा की कमी और राजनीतिक अस्थिरता पहले से ही इस प्रयास को कठिन बना रहे थे। अब पहलगाम हमले के बाद, इन सभी समस्याओं पर आतंकवाद का एक और बड़ा साया मंडराने लगा है।
जहाँ पाकिस्तान आतंकी हमलों और अस्थिरता के कारण विश्व मंच पर अलग-थलग पड़ता जा रहा है, वहीं भारत के पास यह सुनहरा अवसर है कि वह खुद को ग्लोबल क्रिप्टो और डिजिटल फाइनेंस के केंद्र के रूप में स्थापित करे। इसके लिए भारत को एक स्पष्ट, पारदर्शी और इनोवेटिव क्रिप्टोकरेंसी पॉलिसी अपनानी होगी जो न केवल निवेशकों को आकर्षित करे, बल्कि यह भी दर्शाए कि भारत एक जिम्मेदार डिजिटल राष्ट्र है।
भारत यदि इस समय अपनी पॉलिसी को मजबूत बनाता है, तो वह न केवल पाकिस्तान के क्रिप्टो सपने को विफल कर सकता है, बल्कि ग्लोबल डिजिटल फाइनेंस इंडस्ट्री में अपनी निर्णायक भूमिका भी स्थापित कर सकता है। पहलगाम हमला पाकिस्तान के लिए न केवल मानवीय त्रासदी है, बल्कि उसके डिजिटल फ्यूचर के लिए भी एक गहरी चोट बनकर सामने आया है।
यह भी पढ़िए: क्या खतरे में है Ethereum का भविष्य, Cardano ने किया अलर्टरोहित त्रिपाठी एक सीनियर क्रिप्टो कंटेंट राइटर और ब्लॉकचेन रिसर्चर हैं, जिनके पास 13+ वर्षों का अनुभव है। जिसमें बीते कुछ वर्षों से उनका फोकस विशेष रूप से क्रिप्टोकरेंसी और ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर रहा है। वे ऑन-चेन मेट्रिक्स, डेफी ट्रेंड्स, प्राइस मूवमेंट्स और टोकनॉमिक्स का व्यावहारिक ज्ञान रखते हैं। उनकी विशेषज्ञता डेटा-ड्रिवन आर्टिकल्स, डीप मार्केट रिसर्च, SEO-ऑप्टिमाइज्ड कंटेंट और इंडस्ट्री-फोकस्ड एनालिसिस तैयार करने में है।
रोहित वर्तमान में Crypto Hindi News में टीम लीड और हेड ऑफ कंटेंट के रूप में कार्यरत हैं। जहाँ लगातार कंटेंट डिलीवर करके, रोहित ने खुद को हिंदी क्रिप्टो मीडिया स्पेस में एक भरोसेमंद और प्रभावशाली आवाज़ के रूप में स्थापित किया है। उनका कंटेंट रिलायबल डेटा सोर्स, ऑन-चेन टूल्स और मार्केट रिसर्च से प्राप्त फैक्ट्स पर आधारित होता है। वे हर आर्टिकल में एक्यूरेसी, ट्रांसपेरेंसी और रीडर्स को वैल्यू देने को प्राथमिकता देते हैं।
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