10 लाख डेली CBDC ट्रांजेक्शन के लक्ष्य में पिछड़ा RBI

25-Mar-2024 By: Sudeep Saxena
10 लाख डेली CBDC ट्रांजेक्शन के लक्ष्य में पिछड़ा RBI

RBI ने 2023 की समाप्ति तक 10 लाख CBDC लेनदेन का रखा था लक्ष्य

भारतीय बैंक वॉल्यूम बढ़ाने के लिए RBI की सेंट्रल बैंक डिजीटल करंसी का इस्तेमाल करके CBDC ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए इनसेटिंव की पेशकश कर रहे हैं। इन इनसेटिंव्स में डेबिट और क्रेडिट कार्ड ऑफर के समान कैश-बैक और रिवॉर्ड पॉइंट को भी शामिल किया गया है, जिससे इसके साथ अधिक यूजर्स को अट्रैक्ट किया जा सके। इस टारगेट को पूरा करने के लिए RBI द्वारा दिसबंर 2022 में एक e-rupee पॉयलट प्रोग्राम शुरू किया गया था। इस प्रोग्राम के माध्यम से RBI ने एक टारगेट सेट किया था, जिसमें साल 2023 की समाप्ति तक 10 लाख CBDC का दैनिक लेनदेन करना था। लेकिन RBI अपने द्वारा सेट किए गए टारगेट को पूरा करने में काफी पीछे चल रहा है, वर्तमान में RBI का रिटेल ट्रांजेक्शन लगातार घट रहा है। RBI का ऐवरेज रिटेल ट्राजेंक्शन डेली बेसिस पर 25,000 ही है, जो कि इसके सेट किए गए टारगेट से बहुत ही कम है। 

कई सेंट्रल बैंक RBI के लक्ष्य को पूरा करने के लिए आए आगे

RBI के CBDC ट्रांजेक्शन में होने वाली कमी से सेंट्रल बैंकों को धक्का लगा है और अब कई सेंट्रल बैंक RBI के लक्ष्य को पूरा करने के लिए आगे आए है। इसमें सबसे ऊपर HDFC बैंक का नाम है। भारत के सबसे बड़ा प्राइवेट लैंडर HDFC बैंक CBDC ट्रांजेक्शन की मात्रा को बढ़ाने के लिए यूजर्स के लिए नए-नए ऑफर्स को पेश कर रहा है। HDFC Bank के साथ-साथ Yes Bank और IDFC First Bank जैसे छोटे प्राइवेट बैंक भी अलग-अलग तरह की सर्विसेज के लिए रिवॉर्ड पॉइंट की पेशकश कर रहे हैं। इसी के साथ RBI को उम्मीद है कि ICICI Bank और Union Bank भी इन बैंकों की तरह काम करेंगे। 

RBI का मानना है कि इन सभी बैंकों द्वारा पेश किए जा रहे रिवॉर्ड पॉइंट सर्विसेज के तरीके को e-rupee के इस्तेमाल के लिए शॉर्ट पीरियड के रूप में उपयोगी माना जा सकता है। लेकिन लॉन्ग-टर्म पर e-rupee के इस्तेमाल के लिए RBI को नए तरीकों के बारे में सोचना होगा। क्योंकि RBI को अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए महज 2 माह का ही समय बचा है और अगर वर्तमान स्थिति के बारे में विचार किया जाए तो यह अपने टारगेट से काफी पीछे चल रहा है। ऐसे में RBI को e-rupee के इस्तेमाल के लिए अलग तरीके से सोचने की आवश्यकता है। 

RBI ने इंटर-बैंक बोर्रोविंग CBDC पायलट प्रोग्राम भी किया था शुरू

बता दें कि Reserve Bank of India ने इंटर-बैंक बोर्रोविंग के लिए एक होलसेल सेंट्रल बैंक डिजिटल करंसी (CBDC) पायलट प्रोग्राम शुरू किया था। सेंट्रल बैंक ने पहले होलसेल CBDC का परीक्षण करने की अपनी योजना की घोषणा की थी, जिसका पायलट प्रोग्राम अभी तक चल रहा है। पायलट प्रोग्राम में 9 प्रमुख लेंडिंग बैंको का नाम शामिल हैं, जो पहले से ही गवर्नमेंट सिक्योरिटीज (g-sec) पायलट प्रोग्राम का हिस्सा हैं। इन बैंकों में State Bank of India, Union Bank of India, Bank of Baroda, HDFC Bank, ICICI Bank, Kotak Mahindra Bank, Yes Bank, IDFC First Bank और HSBC बैंक शामिल हैं। इसके साथ ही RBI ने सेकेंडरी गवर्नमेंट सिक्योरिटीज मार्केट में ट्रांजेक्शन के निपटान के लिए नवंबर 2022 में एक होलसेल CBDC पायलट पेश किया था। वर्तमान में RBI इंटरऑपरेबिलिटी सहित डिजीटल रूपये के अलग-अलग पहलुओं पर सक्रिय होकर काम कर रहा है, जिससे भारत के लगभग सभी यूजर्स को डिजीटली कनेक्ट करने में आसानी हो। 

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