क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में जहाँ Hamster Kombat और Pi Coin जैसे अपकमिंग टोकन ने क्रिप्टोकरेंसी की लोकप्रियता में वृद्धि करते हुए नए लोगों को भी मार्केट से जोड़ा है। लेकिन मार्केट से जुड़े इन नए लोगों को निशाना बनाने के लिए स्कैमर्स भी नए-नए मेथड लेकर आ रहे हैं, जिससे मार्केट के बारे में कम जानकारी रखने वाले नए निवेशकों को निशाना बनाया जा सके। Brute Force Attack धोखाधड़ी का एक ऐसा ही मेथड है, जिसमें पासवर्ड या कीज के हर पॉसिबल कॉम्बिनेशन को सिस्टेमेटिकली ट्राय कर अनऑथराइज एक्सेस प्राप्त करने का प्रयास किया जाता है। जिस तरह मार्केट में नए निवेशक और नए प्रोजेक्ट आ रहे हैं Brute Force Attack क्रिप्टोकरेंसी स्पेस के लिए काफी बड़ा खतरा बन सकता है।
अटैकर्स यूजर्स के क्रिप्टो वॉलेट को टारगेट कर वालेट से जुड़ी प्राइवेट-कीज या फिर पासवर्ड का आनुमान लगाने का प्रयास कर सकते हैं। एक बार सही कॉम्बिनेशन का पता चलने पर स्कैमर्स क्रिप्टो यूजर्स के वॉलेट से एसेट्स चोरी कर सकते हैं। इसके साथ ही अटैकर्स क्रिप्टो के लिए यूज़ होने वाली कम्प्यूटेशनल पॉवर का उपयोग कर भी स्कैम को अंजाम दे सकते हैं। जहाँ पॉवरफुल हार्डवेयर के साथ अटैकर्स गेसिंग प्रोसेस को ऑटोमेट कर सकते हैं, जिससे अटैम्स की स्पीड इनक्रीज होती है। अटैकर्स यूजर्स के द्वरा बनाए गए पासवर्ड का उपयोग करके भी वॉलेट पर अनऑथराइज एक्सेस प्राप्त कर सकते हैं। जहाँ सामान्य पासवर्ड वाले वॉलेट और कमजोर पासवर्ड वाले वॉलेट इन अटैक्स का जल्दी शिकार होते हैं।
Brute Force Attack से क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट से डायरेक्ट फंड की चोरी हो सकती है, जो कि एक बड़ा फाइनेंसियल लॉस भी हो सकता है। यहाँ यह जानना बेहद जरुरी है कि क्रिप्टोकरेंसी ट्रांजेक्शन इररिवर्सिबल होता है, जिसका अभिप्राय यह है कि एक बार फंड चोरी हो जाने के बाद, उसे प्राप्त नहीं किया जा सकता। इसके साथ ही Brute Force Attack उन क्रिप्टोकरेंसी होल्डर्स को ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं जो लोग अपने वॉलेट की सिक्योरिटी को लेकर सजग नहीं है। खासकर वे लोग जिन्होंने स्ट्रांग पासवर्ड नहीं बनाया है या फिर टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन नहीं किया है। अटैकर्स क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेजों पर अटैक करके भी यूजर्स के अकाउंट्स को टारगेट करते हैं। इस तरह यूजर्स को अपनी क्रिप्टोकरेंसी एसेट्स से हाथ धोना पड़ता हैं। जानकारी के लिए बता दे कि एक बार अटैकर्स ने वॉलेट का एक्सेस हासिल कर लिया और फंड अपने किसी अकाउंट में ट्रांसफर कर लिया तो फिर उस फंड को वापस ले पाना काफी मुश्किल हैं।
इस तरह के अटैक्स से बचने के लिए सबसे पहले आपको अपने वॉलेट और अकाउंट के पासवर्ड को यूनिक रखना होगा। आप जटिल पासवर्ड भी बना सकते हैं, जिससे अटैकर्स आपके वॉलेट का एक्सेस आसानी से ना पा सकें। इसके साथ आपको टू फेक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) को लागू करना होगा। वहीँ आप अपनी क्रिप्टोकरेंसी को ऑनलाइन अटैक्स से बचाने के लिए ऑफ़लाइन वॉलेट्स (हार्ड वॉलेट) में स्टोर कर सकते हैं। जिससे आपके एसेट्स पर सिर्फ अपकी ही पहुँच हो सके। रिस्क को कम करने के लिए आपको अपने सॉफ्टवेयर और सिक्योरिटी प्रैक्टिसेज को रेगुलरली अपडेट करते रहना चाहिए। इस तरह आप जोखिमों को समझकर और जरुरी उपाय करके अपनी एसेट्स को सिक्योर कर सकते हैं।
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