Pi Network ने अपने Standard KYC सिस्टम में एक बड़ा और महत्वपूर्ण बदलाव किया है, जिससे आइडेंटिटी चेक की प्रोसेस अब पहले से काफी तेज़ और आसान हो गई है। पहले Standard KYC में कई स्टेज को मैन्युअली चेक किया जाता था, जिसके कारण एप्लीकेशन लंबे समय तक पेंडिंग रहते थे। अब प्लेटफ़ॉर्म ने अपने Fast Track सिस्टम में इस्तेमाल होने वाली एडवांस AI टेक्नोलॉजी Standard KYC में भी जोड़ दी है। टीम का कहना है कि नए सिस्टम से Backlog में उल्लेखनीय कमी आई है और रिव्यु प्रोसेस पहले की तुलना में काफी तेज हुई है।
Source: यह इमेज Pi Network की X पोस्ट से ली गई है जिसकी लिंक यहां दी गई है।
इससे Pi Network Mainnet Migration की प्रोसेस भी तेज़ हो जाएगी, क्योंकि ज्यादातर Pi Pioneers KYC अप्रूवल मिलने के बाद ही आगे बढ़ पाते हैं। नई AI System Document Reading, Pattern-Matching और Basic Validations जैसे कई कार्य Automated तरीके से संभाल लेती है। जिससे Human Validators पर प्रेशर कम हो जाता है। वे अब केवल उन मामलों को देखते हैं जहाँ AI किसी जानकारी को लेकर 100% सुनिश्चित नहीं होता। इसी कारण पूरी प्रोसेस पहले से अधिक स्मूथ और समय बचाने वाली बन गई है।
Pi Team का कहना है कि यह सुधार लाखों Pioneers के लिए बड़ा फायदा लाएगा और पूरे नेटवर्क में तेज़ी से प्रोग्रेस देखी जाएगी। यह Standard KYC अपडेट Pi Community के लिए एक मजबूत और पॉजिटिव कदम साबित हो रहा है।
Pi Network ने बताया कि नई Standard KYC AI Technology पहले की तुलना में काफी बेहतर है और यह बड़ी संख्या में Pi Network KYC एप्लिकेशन को बिना देरी के जांच सकती है।
यह मॉडल पहले उपयोग में आने वाले सिस्टम को अपग्रेड करता है।
Standard KYC की 50% वैलिडेशन अब सीधे AI द्वारा की जा सकेगी।
अगर किसी मामले में AI को पूरा भरोसा नहीं होगा, तो उसे इंसानी Validators ही चेक करेंगे।
इस बदलाव से पूरी प्रोसेस पर दबाव काफी कम होगा और उन Pioneers को राहत मिलेगी जिनके आवेदन लंबे समय से रुके हुए थे।
Pi Network को शुरुआत से Human Validators की कमी का सामना करना पड़ रहा था। लाखों यूजर्स के बीच लिमिटेड Validators होने से
Review Queue लंबी होती जा रही थी।
बहुत से Pioneer महीनों इंतजार कर रहे थे।
Pi Network Mainnet Migration की रफ्तार धीमी हो गई थी।
AI इंटीग्रेशन इन Bottlenecks को काफी हद तक दूर करेगा। टीम का कहना है कि इससे समय बचेगा और Human Validators अब कठिन मामलों पर ध्यान दे सकेंगे।
KYC Process में यूजर डेटा की सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है। Pi Network ने स्पष्ट किया है कि
New AI मॉडल वही Privacy Framework उपयोग करता है,
पहचान से जुड़ी पर्सनल जानकारी Validators को नहीं दिखाई जाती
उन्हें सिर्फ छिपाए गए (redacted) डॉक्यूमेंट और प्रोसेस किया हुआ डेटा मिलता है।
इससे यूज़र्स का भरोसा बना रहता है और पूरी आइडेंटिफिकेशन प्रोसेस सुरक्षित रहती है।
KYC सिस्टम की बैकग्राउंड, 2019 से 70 मिलियन यूज़र्स का विस्तार
Pi Network ने 2019 में अपना Identity Verification सिस्टम शुरू किया था।
तब से अब तक करोड़ों उपयोगकर्ता इसमें जुड़े हैं
यूज़र्स बढ़ने के साथ KYC का काम भी बहुत बढ़ गया।
अभी तक लगभग 17.5 मिलियन लोगों ने KYC पास कर लिया है।
इनमें से 15.7 मिलियन में माइग्रेट हो चुके हैं
इस Standard KYC अपग्रेड को नेटवर्क के सबसे महत्वपूर्ण सुधारों में से एक माना जा रहा है।
Pi Network ने बताया कि लगभग 3 मिलियन ऐसे यूजर्स हैं जो Tentative KYC स्टेटस में अटके हुए हैं। इनमें से अधिकतर अब अपने Liveness Check पूरा करके Self-Unblock विकल्प के जरिए केवाईसी को आगे बढ़ा सकते हैं। यह फीचर कई महीनों से रुकी हुई प्रोसेस को आगे बढ़ाने में मदद करेगा।
Validator Rewards को लेकर कम्युनिटी में काफी समय से चर्चा चल रही थी। टीम ने बताया कि
डेटा की जाँच और प्रोसेस करना काफी मुश्किल और समय लेने वाला है।
सभी चेक पूरे होने के बाद ही रिवॉर्ड का डिस्ट्रीब्यूशन शुरू होगा।
टीम का लक्ष्य है कि Validator Rewards का डिस्ट्रीब्यूशन Q1 2026 के आसपास शुरू किया जा सके, बशर्ते सभी Technical Checks समय पर पूरे हो जाएँ।
इस वजह से यूज़र्स को अब आगे की प्रोसेस की एक स्पष्ट टाइमलाइन मिल गई है।
कम्युनिटी के रिएक्शन अलग-अलग रहे।
घोषणा के बाद लोगों के रिएक्शन अलग-अलग रहे।
कई यूज़र्स खुश हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि अब केवाईसी तेजी से पूरा होगा।
वहीं कुछ यूज़र्स ने पहले हुए लंबे इंतज़ार को लेकर अपनी नाराज़गी भी जताई।
फिर भी बड़े लेवल पर Standard KYC अपग्रेड को पॉजिटिव कदम माना जा रहा है क्योंकि इससे माइग्रेशन की स्पीड बढ़ेगी और नेटवर्क के डेवलपमेंट पर अच्छा प्रभाव पड़ेगा।
क्रिप्टो और ब्लॉकचेन इंडस्ट्री में मेरे 7 साल के अनुभव के आधार पर, Pi Network का यह Standard KYC AI अपग्रेड एक बड़ा और सही कदम है। केवाईसी जैसी प्रोसेस में ऑटोमेशन सबसे अच्छा सोल्यूशन है। Standard KYC से न सिर्फ समय बचेगा बल्कि नेटवर्क की स्केलेबिलिटी और भरोसेमंदता भी मजबूत होगी। मुझे यह अपडेट भविष्य की तेजी का संकेत लगता है।
Pi Network का यह Standard KYC अपडेट प्लेटफ़ॉर्म की स्पीड, भरोसे और स्केलेबिलिटी को नई दिशा देता है। AI इंटीग्रेशन से अब प्रोसेस तेज़, व्यवस्थित और ज्यादा सटीक हो गई है, जिससे लाखों पायनियर्स को राहत मिलेगी। Tentative KYC, Migration और Validator Rewards से जुड़े स्टेज भी अब स्पष्ट टाइमलाइन के साथ आगे बढ़ रहे हैं। यह बदलाव नेटवर्क की ग्रोथ को मजबूत करने वाला पॉजिटिव कदम साबित होगा।
डिस्क्लेमर: यह न्यूज़ केवल उपलब्ध ऑफिशियल अपडेट्स पर बेस्ड है। इसमें दी गई जानकारी किसी भी फाइनेंशियल, निवेश या लाभ की गारंटी नहीं देती। Pi Network की पॉलिसीज और सिस्टम बदलावों का आखिरी डिसीजन कंपनी का होता है। यूज़र्स कोई सा भी कदम उठाने से पहले अपनी रिसर्च स्वयं करें।
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