Pi Network, जो कि मोबाइल से Crypto Mining करने वाली एक ऐप है, अब अपने यूजर्स के माइग्रेशन को तेज़ करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग कर रहा है। फरवरी 2025 में इसने अपना Mainnet लॉन्च किया था, जिसमें 15.7 मिलियन से ज्यादा यूजर्स का माइग्रेशन किया गया। अब AI की मदद से Pi Network KYC (Know Your Customer) वेरिफिकेशन प्रोसेस को तेज़ किया जा रहा है। लेकिन इस नई प्रोसेस के साथ कुछ फ्रॉड के मामले भी सामने आ रहे हैं, जिनसे बचने के लिए यूजर्स को सतर्क रहने की जरूरत है।
Source: यह इमेज Pi Update की X पोस्ट से ली गई है, जिसकी लिंक यहां दी गई है।
Pi Network को 2019 में शुरू किया गया था और इसका उद्देश्य एक ऐसी क्रिप्टोकरेंसी बनाना था जिसे हम अपने स्मार्टफोन से माइन कर सकें। इसने ट्रेडिशनल माइनिंग के मुकाबले स्मार्टफोन से माइनिंग को आसान बना दिया। मैननेट के लॉन्च के बाद, इसने अपने यूजर्स को मैननेट पर माइग्रेट करने के लिए KYC Process से गुजरने को कहा था। हालांकि, KYC प्रोसेस कुछ धीमी थी, जिससे कई यूजर्स को माइग्रेशन में देरी हो रही थी। अब तक, इसने लाखों यूजर्स को अपने साथ जोड़ा है और फरवरी 2025 में Pi Network Mainnet लॉन्च किया गया था।
अब इसने KYC प्रोसेस को तेज़ करने के लिए AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) का इस्तेमाल करना शुरू किया है। यह नई मेथड यूजर्स के KYC Application को तेजी से प्रोसेस करती है और वेरिफिकेशन में लगने वाला समय कम कर देती है। इसका कहना है कि AI की मदद से KYC Backlog को 50% तक कम किया गया है, जिससे उपयोगकर्ता जल्दी मैननेट पर माइग्रेट कर पा रहे हैं।
AI का फायदा यह है कि यह बहुत जल्दी किसी भी गलत या धोखाधड़ी वाले आवेदन को पहचान सकता है, जिससे सही उपयोगकर्ताओं को प्राथमिकता मिलती है। यह टेक्निकल बदलाव इसके माइग्रेशन को और भी तेज़ बनाएगा।
इसने हाल ही में एक पोस्ट की, जिसमें उपयोगकर्ताओं से अपनी $Pi Users नाम कमेंट में छोड़ने को कहा गया था, ताकि वे AI KYC Migration List में शामिल हो सकें। यह पोस्ट कई उपयोगकर्ताओं को आकर्षित कर रही है, लेकिन Pi Network ने साफ किया है कि केवल ऑफिशियल ऐप या प्लेटफॉर्म के माध्यम से ही यह लिस्ट मान्य होगी। अगर कोई अनजान व्यक्ति या अन्य प्लेटफार्म से ऐसा प्रस्ताव मिले, तो उस पर विश्वास नहीं करना चाहिए।
AI द्वारा KYC Process को तेज़ किया जा रहा है, लेकिन इसके साथ ही कुछ धोखाधड़ी के मामले भी सामने आ रहे हैं। कुछ लोग दावा कर रहे हैं कि वे आपके केवाईसी को जल्दी पास करवा सकते हैं या "प्राथमिकता सूची" में आपका नाम डाल सकते हैं, लेकिन इसके लिए आपको पैसे देने होंगे। ऐसे प्रस्ताव धोखाधड़ी हो सकते हैं और इससे आपकी पर्सनल जानकारी भी चुराई जा सकती है।
इसने चेतावनी दी है कि केवल ऑफिशियल ऐप और प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करें और किसी भी अनजान व्यक्ति से संपर्क करने से बचें।
इसको अभी भी एक बड़ी समस्या का सामना करना पड़ रहा है, और वह है $Pi Token की कीमत। शुरूआत में $Pi का प्राइस काफी ज्यादा था, लेकिन अब यह लगभग 90% गिर चुका है। हालांकि, Pi Network के द्वारा किए जा रहे टेक्निकल सुधार जैसे AI-पावर्ड केवाईसी और माइग्रेशन कोशिशों से उम्मीद जताई जा रही है कि यह प्रोजेक्ट भविष्य में अपने उपयोगकर्ताओं को बेहतर अनुभव दे पाएगी।
मेरे 7 साल के क्रिप्टो अनुभव के अनुसार इसका AI-पावर्ड केवाईसी सिस्टम एक अच्छा कदम है, क्योंकि इससे लंबे समय से रुके यूजर्स को राहत मिलेगी। लेकिन जब तक ट्रांसपेरेंसी और सुरक्षा पूरी तरह मजबूत नहीं होती, तब तक यूजर्स को सतर्क रहना बेहद जरूरी है।
Pi Network KYC Process को AI का उपयोग करके तेज़ करना एक पॉजिटिव कदम है। इससे उपयोगकर्ताओं को मैननेट पर माइग्रेट करने में मदद मिलेगी। लेकिन साथ ही, उपयोगकर्ताओं को सावधान रहना चाहिए और केवल ऑफिशियल चैनल का ही इस्तेमाल करना चाहिए, ताकि धोखाधड़ी से बचा जा सके। इसके प्रयास इसे एक बेहतर और तेज़ नेटवर्क बनाने की दिशा में हैं, लेकिन अब यह देखना होगा कि यह भविष्य में अपने मूल्य और विश्वास को फिर से कैसे बढ़ाता है।
डिस्क्लेमर: यह आर्टिकल केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। Pi नेटवर्क या क्रिप्टो से जुड़ा कोई भी निवेश जोखिम भरा हो सकता है। किसी भी डिसीजन से पहले ऑफिशियल जानकारी और अपनी रिसर्च जरूर करें।
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