ग्लोबल बैंकिंग नेटवर्क SWIFT ने एक नया Blockchain Ledger Project लॉन्च किया है। इसका उद्देश्य इंटरनेशनल पेमेंट्स को तेज़ और सुरक्षित बनाना है। इस घोषणा के बाद चर्चा हो रही है कि क्या यह XRP Ledger या Ripple की टेक्नोलॉजी से जुड़ा हो सकता है। अभी तक SWIFT ने किसी भी ब्लॉकचैन या XRPL कनेक्शन की पुष्टि नहीं की है। यह कदम Cross-Border Payments के भविष्य को बदल सकता है और दुनिया भर के बैंकों के लिए नए अवसर खोल सकता है।
Source: यह इमेज Coin Bureau की X पोस्ट से ली गई है जिसके लिंक यहां दी गई है।
CoinBureau की एक पोस्ट के अनुसार, सितंबर 2025 में SWIFT ने Instant International Payments के लिए एक शेयर्ड ब्लॉकचैन लेजर की योजना बताई थी। इस पोस्ट में SWIFT और Ripple के लोगो वाली तस्वीरों ने अटकलों को और हवा दी। हालांकि ऑफिशियल जानकारी में बताया गया है कि इस Blockchain Ledger Project के टेक्निकल पार्टनर Consensys हैं और इसमें 30 से ज्यादा बैंक भाग ले रहे हैं। इससे यह साफ होता है कि प्रोजेक्ट इंस्टीट्यूशन कोलैबोरेशन पर आधारित है, न कि किसी ओपन नेटवर्क पर।
इंटरनेशनल पैसे भेजना अब तक लंबा और मुश्किल था क्योंकि कई बैंकों और एजेंसियों के जरिए पैसा जाता था। यह नया लेजर सिस्टम इसे आसान और तेज़ बनाता है। अब बैंक और अधिकृत संस्थान एक ही समय में पैसे की स्थिति देख सकते हैं। इससे ट्रांज़ैक्शन में देरी और गलतियाँ कम होती हैं। पैसा तुरंत पहुँच सकता है और उसे संभालना आसान होता है। यह तरीका “Always-On Payments” को संभव बनाता है, यानी पैसा तुरंत और लगातार भेजा जा सकता है।
SWIFT के अधिकारियों के अनुसार यह लेजर एक Permissioned, Ethereum-Compatible Blockchain पर आधारित होगा। इस Project में Smart Contracts का इस्तेमाल Compliance, नियमों और ऑटोमेशन के लिए किया जाएगा। इंटरऑपरेबिलिटी ISO 20022 Standards के जरिए सुनिश्चित की जाएगी, ताकि मौजूदा बैंकिंग सिस्टम के साथ तालमेल बना रहे। Oracle Services के लिए Chainlink के साथ पार्टनरशिप भी की गई है, जिससे डेटा की रिलायबिलिटी बढ़ेगी।
हालांकि कई लोग Blockchain Ledger Project को XRPL जैसा मान रहे हैं, लेकिन कंपनी के CIO और अन्य सीनियर ऑफिसर्स ने साफ कहा है कि यह प्रोजेक्ट किसी पब्लिक ब्लॉकचैन पर नहीं चलेगा। एक्सारपी लेजर जैसे ओपन नेटवर्क को जानबूझकर शामिल नहीं किया गया है। इसका मकसद एक सुरक्षित और नियंत्रित सिस्टम में नए तरीके आज़माना है, जहाँ नियम, पहचान और जोखिम पूरी तरह संस्थानों के हाथ में हों।
क्रिप्टो कम्युनिटी में इस विषय पर राय बंटी हुई है। कुछ XRP सपोटर्स Blockchain Ledger Project को भविष्य में संभावित मर्जर या इंटीग्रेशन की ओर इशारा मानते हैं, खासकर Ripple की हालिया Regulatory जीतों के बाद। हाल ही में Ripple को OCC अप्रूवल मिला है। OCC अमेरिका में National और Trust Banks की निगरानी करता है और अब OCC ने Ripple को Conditional Approval दी है, यानी यह अंतिम मंजूरी (Final Approval) नहीं है।
वहीं आलोचक ऑफिशियल बयानों का हवाला देते हुए कहते हैं कि Blockchain Ledger Project सिर्फ एक अलग, बंद नेटवर्क है। यह दिखाता है कि पुराने बैंक और क्रिप्टो के अलग-अलग तरीके आपस में टकरा रहे हैं।
बैंकों, कंपनियों और यूज़र्स के लिए फायदे
बैंकों को ट्रांज़ैक्शन की स्थिति तुरंत दिखेगी, जिससे पैसे का मैनेजमेंट आसान होगा।
भुगतान जल्दी पूरा होगा और गलती कम होगी।
काम करने की कॉस्ट कम हो सकती है।
कंपनियों और ग्राहकों को तेज़ और भरोसेमंद इंटरनेशनल पेमेंट्स मिलेगा।
इससे दुनिया भर का बिज़नेस और पैसे भेजने का सिस्टम आसान और तेज़ होगा।
हालांकि इस सिस्टम के स्ट्रक्चर और अन्य नेटवर्क से जुड़ने के तरीके पर कुछ सवाल अभी बाकी हैं, लेकिन यह साफ दिखाता है कि Distributed Ledger Technology अब सिर्फ़ प्रयोग नहीं है। बड़े बैंक और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन इसे इंटरनेशनल का मुख्य हिस्सा मान रहे हैं। चाहे यह पुराने नेटवर्क जैसा हो या कुछ नया तरीका लाए, Blockchain Ledger Project का असर दुनिया भर के पैसे भेजने और पाने के तरीके पर बड़ा होगा, जिससे ट्रांज़ैक्शन तेज़ और आसान बन सकता है।
मेरी 7 साल की फाइनेंस और ब्लॉकचैन एक्सपर्टाइज के आधार पर, SWIFT का यह प्रोजेक्ट गेमचेंजर साबित हो सकता है। परमिशन लेजर का होना इसे बड़े बैंकों के लिए सुरक्षित बनाता है और Cross-Border Payments में नई दक्षता लाता है। मेरा मानना है कि चाहे XRP शामिल हो या नहीं, यह कदम इंटरनेशनल फाइनेंस की दिशा बदल सकता है।
SWIFT का नया Blockchain Ledger प्रोजेक्ट इंटरनेशनल पेमेंट्स में बड़ा बदलाव ला सकता है। यह सिस्टम पैसे भेजने और पाने को तेज़, साफ़ और आसान बनाता है। अभी यह तय नहीं है कि XRP Ledger इसमें इस्तेमाल होगा या नहीं, लेकिन यह दिखाता है कि ब्लॉकचैन अब दुनिया के फाइनेंस का जरूरी हिस्सा बन रहा है। भविष्य में पैसे तुरंत और लगातार भेजने वाले भुगतान (Instant, Always-On Payments) आम हो सकते हैं, जिससे ट्रांज़ैक्शन और भरोसेमंद और आसान बन जाएगा।
डिस्क्लेमर: यह न्यूज़ रिपोर्ट केवल जानकारी और एजुकेशन के उद्देश्य के लिए है। इसमें शामिल प्रिडिक्शन्स और संभावनाएँ SWIFT या किसी अन्य आर्गेनाइजेशन की ऑफिशियल घोषणा नहीं हैं। निवेश या फाइनेंशियल डिसीजन लेने से पहले रिसर्च करें और एक्सपर्ट्स की सलाह लें।
Explore Our FAQs
Find quick answers to commonly asked questions and understand how things work around here.
Copyright 2025 All rights reserved