Ripple, जिसे Crypto और Blockchain सॉल्यूशंस की दुनिया में एक बड़ा नाम माना जाता है, उसको US के सबसे बड़े बैंकिंग रेगुलेटर Office of the Comptroller of the Currency (OCC) ने National Trust Bank बनाने को अप्रूवल दे दिया है।
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यह अप्रूवल इसको अपना खुद का नेशनल ट्रस्ट बैंक लॉन्च करने की अनुमति देता है, जिसका नाम Ripple National Trust Bank रखा गया है। इससे RLUSD Stablecoin को ज्यादा रेगुलेटरी सपोर्ट मिलेगा।
OCC अमेरिका का वह रेगुलेटर है जो National Banks और Trust Banks की निगरानी करता है। इसको मिली यह मंजूरी Final Approval नहीं, बल्कि एक Conditional Approval है।
इसका मतलब है कि इसको कुछ Pre-Opening Conditions पूरी करनी होंगी, जिसके बाद उसे पूरी तरह से Ripple National Trust Bank के रूप में काम करने की इजाजत मिल जाएगी।
OCC के अनुसार, यह लगभग उन 60 National Trust Banks की लिस्ट में शामिल हो जाएगा, जिन पर यह संस्था निगरानी रखती है।
Ripple CEO Brad Garlinghouse ने इस मंजूरी को Huge बताया है। उन्होंने कहा कि यह RLUSD के लिए एक बड़ी सफलता है और यह साबित करता है कि XRP रेगुलेशन से भाग नहीं रहा, बल्कि उसके एडॉप्शन को तैयार है।
Source- यह इमेज Brad Garlinghouse की X Post से ली गई है।
Brad Garlinghouse ने उन बैंकिंग लॉबिस्ट्स की आलोचना की, जो Crypto Companies को National Banking License देने के खिलाफ थे।
OCC अप्रूवल न सिर्फ कंपनी के लिए, बल्कि इसके नेटिव टोकन XRP के लिए भी एक बड़ा पॉजिटिव सिग्नल माना जा रहा है। इससे XRP की ग्लोबल पेमेंट्स इंडस्ट्री में पोज़िशन और मजबूत हो सकती है।
बैंक चार्टर और Fed Master Account से इसको रेगुलेटेड स्टेटस मिलेगा।
इंटरनेशनल ट्रांसफर्स पहले से ज्यादा तेज़ और कम लागत वाले बनेंगे।
क्रॉस-बॉर्डर लिक्विडिटी के लिए XRP का यूज बढ़ सकता है।
बैंक और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस XRP को अपनाने में ज्यादा सहज होंगे।
XRP कम्युनिटी में लॉन्ग-टर्म कॉन्फिडेंस मजबूत होगा।
CryptoHindiNews के एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह Crypto कंपनी को ट्रेडिशनल US Banking System में डायरेक्ट इंटीग्रेशन देगा, जो इंडस्ट्री के लिए नया रेगुलेटरी स्टैंडर्ड सेट करेगा।
इस अप्रूवल से क्रिप्टो इंडस्ट्री में ट्रस्ट तो बढ़ेगा, लेकिन इसके साथ कुछ चुनौतियां भी सामने होंगी। रेगुलेशन का रास्ता आसान नहीं होगा और कंपनियों को सख्त नियमों का पालन करना होगा।
OCC की प्री-ओपनिंग शर्तें पूरी करनी होंगी, जैसे कैपिटल रिज़र्व, मजबूत रिस्क मैनेजमेंट और कंप्लायंस।
लॉबिस्ट्स और ट्रेडिशनल फाइनेंस से विरोध अभी भी जारी रह सकता है।
रेगुलेटेड मॉडल एडॉप्शन से क्रिप्टो कंपनियों को लॉन्ग टर्म स्टेबिलिटी मिलेगी।
XRP जैसी बड़ी फर्म्स एक उदाहरण बन सकती हैं।
स्टेबलकॉइन्स और डिजिटल पेमेंट्स का एडॉप्शन तेज़ होगा।
आने वाले समय में यह कदम दूसरी क्रिप्टो कंपनियों को भी रेगुलेटेड रास्ता चुनने को प्रेरित करेगा। इससे Crypto का इंटीग्रेशन और मजबूत होगा और इनोवेशन के साथ-साथ कॉम्पिटिशन को भी बढ़ावा मिलेगा।
Ripple को OCC से मिली Conditional Approval क्रिप्टो इंडस्ट्री के लिए एक ऐतिहासिक कदम माना जा सकता है। इससे न सिर्फ RLUSD Stablecoin को मजबूत रेगुलेटरी सपोर्ट मिलेगा, बल्कि XRP को भी ग्लोबल पेमेंट्स में नई पहचान मिल सकती है। यह मंजूरी दिखाती है कि यह रेगुलेशन के साथ आगे बढ़ने के लिए तैयार है।
डिस्क्लेमर- यह आर्टिकल केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। क्रिप्टो मार्केट काफ़ी वोलेटाइल है, इसलिए निवेश करने से पहले अपनी रिसर्च ज़रूर करें।
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