पहले Rupee Backed Stablecoin ARC Deposit Token पर इसके डेवलपिंग टीम के मेम्बर द्वारा बड़े खुलासे किये गए हैं। जिसके बाद इसे लेकर और भी स्पष्टता आई है। आइये जानते हैं इस खुलासे में क्या सामने आया है।
Source: X Post
Indian CBDC की यूटिलिटी बढ़ाएगा ARC Stablecoin
Polygon Team के मेम्बर द्वारा डिटेल जानकारी शेयर करते हुए बताया कि वे लम्बे समय से ARC Stablecoin की डिजाईन पर काम कर रहे हैं। इसे डिजाईन करते समय यह पक्का किया गया है कि यह लॉन्च के समय
गौरतलब है कि भारत सरकार पहले ही CBDC को अपने एजेंडा में शामिल कर चुकी है। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि इस Rupee Backed Stalecoin की क्या जरुरत है।
Dollar Backed Stablecoins का डोमिनेन्स कम होगा
ARC Stablecoin का प्राइमरी यूज़ उन लोगों के लिए होगा जो अपनी सेविंग या क्रिप्टो ट्रांज़ैक्शन के लिए USDT या USDC जैसे डॉलर आधारित Stablecoin का उपयोग करते हैं। इस रुपए आधारित स्टेबलकॉइन की लॉन्चिंग के बाद भारतीय इन्वेस्टर्स इसका उपयोग अपने क्रिप्टो ट्रांज़ैक्शन्स के लिए कर सकते हैं। इसका फायदा यह होगा कि
इस तरह से यह भारतीय क्रिप्टो इकोसिस्टम और क्रॉस बॉर्डर पेमेंट के क्षेत्र में एक बड़ा डेवलपमेंट है। अगर यह प्रयोग सफल रहता है तो बहुत से मामलों में डॉलर पर निर्भरता को कम कर सकता है।
भारतीय वित्त मंत्री कर चुकी हैं Stablecoin का समर्थन
October 2025 में Indian Finance Minister Nirmala Sitharaman द्वारा दिए गए अपने बयान में देश को Stablecoin Integration के लिए तैयार रहने की बात कही थी। तभी से लगातार इस तरह के कयास लगाये जा रहे थे कि जल्द ही भारत इस दिशा में कदम उठा सकता है। हालांकि उनके द्वारा इससे जुड़े रिस्क को लेकर भी आगाह किया गया था। लेकिन अब जब इस इंडिया के पहले प्राइवेट स्टेबलकॉइन पर डेवलपमेंट तेज हो चुका है, तो यह स्पष्ट है कि भारत सरकार का रुख भी इसे लेकर पॉजिटिव है।
ARC Stablecoin के बारे में
यह 1:1 में भारतीय रुपए से जुड़ा स्टेबलकॉइन होगा, जिसे सरकार द्वारा समर्थन प्राप्त है। यह बेंगलुरु आधारित कंपनी Anq के द्वारा बनाया जा रहा है और Polygon इसे इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध करवाएगा। इसका मुख्य उद्देश्य CBDC के साथ काम करते हुए डिजिटल पेमेंट को तेज करना, रुपए में लिक्विडिटी प्रोवाइड करना और डॉलर बेस्ड स्टेबलकॉइन के उपयोग के कारण होने वाले कैपिटल आउटफ्लो को रोकना है।
इंडियन क्रिप्टो इकोसिस्टम के लिए यह एक बड़ा डेवलपमेंट होने वाला है, जो क्रिप्टो एडॉप्शन को और तेज कर सकता है।
क्रिप्टो स्केम का जवाब हो सकता है यह डेवलपमेंट
हाल ही में भारत में कई बड़े क्रिप्टो स्केम में USDT का उपयोग किया गया है। हालांकि दिक्कत यह है कि क्रिप्टो एक्सचेंज से प्राप्त डाटा के अलावा इन पर मॉनिटरिंग नहीं की जा सकती है । भारत का यह पहला Rupee Backed Stablecoin इस परेशानी का भी हल हो सकता है।
चूँकि यह पूरी तरह से इंडिया बेस्ड होगा इस पर होने वाले ट्रांज़ैक्शन्स की मोनेटरिंग करना भी सरकार के लिए आसान हो सकता है। यह देखने वाली बात होगी कि भविष्य में इसे लेकर सरकार का क्या रुख होने वाला है।
कन्क्लूज़न
जैसे जैसे ARC Stablecoin को लेकर जानकारियाँ सामने आ रही हैं, इनका Indian Crypto Ecosystem में इसे लेकर उत्साह तेजी से बढ़ रहा है। आने वाले समय में यह Rupee Backed Stablecoin किस तरह से क्रॉस बॉर्डर पेमेंट को आसान बनाता है यह देखने वाली बात होगी।
हमें जल्द ही USDT और USDC की बजाए ARC Stablecoin भारत में क्रिप्टो पेमेंट के माध्यम के रूप में देखने को मिल सकता है।
Disclaimer: यह आर्टिकल एजुकेशनल पर्पस से लिखा गया है। क्रिप्टो मार्केट वोलेटाइल है, किसी भी इन्वेस्टमेंट से पहले अपनी रिसर्च जरुर करें।
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