Bitcoin Crash ने एक बार फिर क्रिप्टो ट्रेडर्स को झटका दिया है। दुनिया की सबसे बड़ी डिजिटल एसेट अचानक फिसलकर 95,000 डॉलर पर आ गई और तेज़ गिरावट में Bitcoin Price 94,000 के मिड-रेंज तक भी पहुंचा था। यह गिरावट इतनी तेज थी कि कई अहम सपोर्ट लेवल एक ही झटके में टूट गए। Market में सुबह तक जो स्थिरता दिख रही थी, वह कुछ ही घंटों में डर में बदल गई।

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तेज़ गिरावट ने Market को दो हिस्सों में बांट दिया है।
क्योंकि मौजूदा कीमत अपने अभी के हाई से काफी नीचे आ चुकी है, इसलिए Market अब ‘होल्ड या निकलने’ की स्थिति में फंस गया है। कई ट्रेडर्स ने इसे एक अलर्ट की तरह लिया है और अब पोर्टफोलियो को दोबारा बैलेंस करने पर ध्यान दे रहे हैं।
कीमत में आयी कमी साफ़ दिखाती है कि क्रिप्टो Market कितना जल्दी बदल सकता है। जब भी अचानक अनिश्चितता बढ़ती है, तो कोई भी टोकन शॉर्ट-टर्म में प्रभावित हो सकता है। कई ट्रेडर्स का कहना है कि घबराने की ज़रूरत नहीं है, बल्कि Market को समझदारी से देखना चाहिए। इसी माहौल में कुछ निवेशक ऐसे डिजिटल प्रोजेक्ट्स की ओर जा रहे हैं जिनकी वास्तविक उपयोगिता साफ़ दिखाई देती है। इसी वजह से Remittix जैसे प्रोजेक्ट चर्चा में हैं, क्योंकि लोग भरोसेमंद ऑप्शन ढूंढ रहे हैं।
खास बात यह है कि यह कमी उस समय आई जब बड़े लेवल पर कुछ पॉजिटिव संकेत भी मौजूद थे। इससे यह समझ आता है कि क्रिप्टो Market में जोखिम कभी भी बदल सकता है। कई एनालिस्ट का मानना है कि अगर प्रेशर जारी रहा तो 90,000-94,000 का लेवल भी टूट सकता है, जिससे प्राइस और नीचे जा सकता है। Bitcoin Price में लगातार गिरावट मार्केट की अनिश्चितता को एक बार फिर सामने लाती है।
पिछले 24 घंटों में आई इस तेज गिरावट ने कई महीनों से बने ट्रेंड को हिला दिया है। साल की शुरुआत में बिटकॉइन लगातार ऊपर जा रहा था, लेकिन अब स्थिति पूरी तरह बदलती दिख रही है। प्राइस इतना नीचे आ गया है कि यह अपने Year-To-Date लेवल के करीब पहुँच चुका है। कई एनालिस्ट को उम्मीद थी कि October के बाद मार्केट और मजबूत होगा, लेकिन यह अचानक आया Bitcoin Crash उन सभी उम्मीदों के ऑपोज़िट साबित हुआ। इस गिरावट ने दिखा दिया कि क्रिप्टो मार्केट कभी भी दिशा बदल सकता है।
The Block की रिपोर्ट के अनुसार, JPMorgan के एनालिस्ट का कहना है कि इस समय बिटकॉइन को माइन करने की एवरेज कॉस्ट लगभग 94,000 डॉलर है। इसे एक तरह का “प्राइस फ्लोर” माना जाता है, यानी इसके काफी नीचे गिरने की संभावना कम होती है।
JPMorgan ने अगले 6-12 महीनों में बिटकॉइन का संभावित टारगेट लगभग 170,000 डॉलर बताया है। यह केवल अनुमान है, लेकिन इससे हाल का Crash को लेकर बनी डर की स्थिति थोड़ी कम होती है।
कई एक्सपीरियंस ट्रेडर्स का मानना है कि यह गिरावट लंबे समय की दिशा नहीं बदलती, क्योंकि ऑन-चेन डेटा अभी भी मजबूत है। वहीं कुछ एनालिस्ट कहते हैं कि जब Market का माहौल डर में होता है, तब अच्छे मौके भी बनते हैं। यह गिरावट उन निवेशकों के लिए एक टेस्ट की तरह है, जो लंबे समय से बिटकॉइन पर भरोसा रखते हैं। फिलहाल स्थिति यही दिखाती है कि BTC की गिरावट अभी भी मार्केट में बहस का विषय बना रहेगा। आने वाले दिनों में यह देखना बेहद इंटरेस्टिंग होगा कि क्या मार्केट वापस उभरता है या कोई और नया लो देखने को मिलता है।
क्रिप्टो इंडस्ट्री में अपने 7 साल के अनुभव से मैं इतना जरूर कह सकती हूँ कि इस तरह के डाउनवर्ड ट्रेंड अचानक आते हैं, लेकिन यह मार्केट की नैचुरल साइकिल का हिस्सा हैं। कई बार तेज डाउनवर्ड ट्रेंड सिर्फ ओवरहीटेड मार्केट को रीसेट करते है। लॉन्ग-टर्म स्ट्रक्चर अभी भी मजबूत दिखता है और ऐसे समय पर डेटा को शांत दिमाग से देखना ज़रूरी होता है।
BTC की गिरावट मार्केट के लिए एक बड़ा रिमाइंडर है कि क्रिप्टो में उतार-चढ़ाव कभी भी आ सकता है। हालांकि कीमत में आए डाउनवर्ड ट्रेंड ने निवेशकों को चिंतित किया है, लेकिन कई एनालिस्ट अभी भी मानते हैं कि यह लॉन्ग टर्म की दिशा को नहीं बदलता। मार्केट सेंटिमेंट कमजोर जरूर हुआ है, लेकिन भविष्य में रिकवरी की संभावना बनी रहती है। ऐसे समय में घबराने के बजाय मार्केट को समझना और सोच-समझकर कदम उठाना ही बेहतर स्ट्रेटेजी है।
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