भारत की सबसे बड़ी Cryptocurrency Exchanges कंपनियों में से एक CoinDCX एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार वजह है कंपनी के दो सीनियर अधिकारियों का इस्तीफा देना। Entrackr Media Platform द्वारा X पर की गई पोस्ट के अनुसार, CoinDCX के Chief Technology Officer (CTO) और Legal Head जून 2025 के अंत तक कंपनी छोड़ने की तैयारी में हैं। यह इस्तीफे ऐसे समय में हो रहे हैं जब CoinDCX के CEO Sumit Gupta भारत में क्रिप्टोकरेंसी को मैनस्ट्रीम में लाने की बात कर रहे हैं।
वहीं दूसरी ओर, भारत सरकार जून में Crypto Assets को लेकर एक अहम पॉलिसी पेपर लाने वाली है, जो रेगुलेशन की दिशा तय कर सकती है। ऐसे में कंपनी के टॉप लेवल अधिकारियों का जाना CoinDCX की स्ट्रेटेजिक तैयारी पर सवाल खड़े कर सकता है। यह समय एक्सचेंज के लिए बहुत नाज़ुक है, जहां मजबूत लीडरशिप की ज़रूरत है ताकि रेगुलेटरी बदलाव का सही तरीके से सामना किया जा सके।
जानकारी के अनुसार “CTO और Head of Legal का इस्तीफा एक ट्रांज़िशन का हिस्सा हैं और दोनों जून के अंत तक कंपनी से बाहर हो जाएंगे।”
इस बदलाव की पुष्टि CoinDCX के एक प्रवक्ता ने भी की है। उन्होंने बताया कि कंपनी अपने लीडरशिप स्ट्रक्चर को और मज़बूत करने की दिशा में काम कर रही है। प्रवक्ता ने कहा:
“हम अपनी टीमों को विस्तार दे रहे हैं और लीडरशिप के लेवल पर मजबूती ला रहे हैं। हमारे पास वर्तमान में 100 से अधिक ओपन पोजीशन हैं, जिनमें CFO और General Counsel जैसे सीनियर रोल भी शामिल हैं।”
CoinDCX को भारत में 15 मिलियन से ज़्यादा रजिस्टर्ड यूज़र्स के साथ सबसे बड़ी Cryptocurrency Exchanges का दर्जा प्राप्त है। कंपनी की लीडरशिप CEO Sumit Gupta कर रहे हैं और हाल ही में उन्होंने MENA (Middle East and North Africa) क्षेत्र में विस्तार करते हुए Bahrain में अपनी सब्सिडिरी BitOasis के माध्यम से ऑपरेशन्स शुरू किए हैं। कंपनी का टारगेट इस नए मार्केट से अपने कुल रेवेन्यू का 30% से अधिक अर्न करना है।
CoinDCX साल 2021 में यूनिकॉर्न बनी थी जब कंपनी ने Series-C Funding Round में $90 मिलियन जुटाए थे। इसके बाद अप्रैल 2022 में एक और फंडिंग राउंड में $135 मिलियन जुटाकर कंपनी की वैल्यूएशन $2 बिलियन से ऊपर पहुंच गई थी।
हालांकि, पिछले तीन सालों में CoinDCX ने कोई नया एक्सटर्नल फंडिंग राउंड नहीं उठाया है, जो मौजूदा मार्केट अनिश्चितता को देखते हुए समझा जा सकता है।
CoinDCX में CTO और Legal Head का इस्तीफा सिर्फ एक सामान्य ट्रांज़िशन नहीं माना जा रहा है। सोर्सेज के मुताबिक, इसके पीछे कई स्ट्रैटेजीक और प्रोफेशनल कारण हो सकते हैं। सबसे बड़ा कारण कंपनी के अंदर बड़े पैमाने पर री-स्ट्रक्चरिंग और इंटरनेशनल एक्सपैंशन को लेकर लगातार जो प्रेशर बना हुआ है उसे माना जा रहा है।
कंपनी ने Bahrain और MENA Region में विस्तार किया है, जिससे टेक्निकल और कानूनी टीमों पर नई ज़िम्मेदारियाँ आ गईं। इस बदलाव ने पुराने ऑफिसर को या तो तेज़ी से एडॉप्ट करने की चुनौती दी या नई भूमिका खोजने की ओर बढ़ने के लिए इंस्पायर किया।
इसके अलावा, भारत में क्रिप्टो रेगुलेशन की अनिश्चितता, ED की पूछताछ और तीन सालों से फंडिंग ना मिलना भी ऐसे कारण हैं, जिन्होंने इस फैसले को प्रभावित किया।
भारत में क्रिप्टोकरेंसी अभी भी एक रेगुलेटरी ग्रे जोन में है। फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन और सरकारी एजेंसियों की नजर लगातार इस सेक्टर पर बनी हुई है। हाल ही में Enforcement Directorate (ED) ने CoinDCX के साथ कई क्रिप्टो कंपनियों को Foreign Exchange Management Act (FEMA) के उल्लंघन के मामले में नोटिस भेजा था।
इसी बीच, एक रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत सरकार जून 2025 में एक डिस्कशन पेपर जारी कर सकती है, जिसमें क्रिप्टो एसेट्स से जुड़ी संभावित पॉलिसीस पर बात की जाएगी। इस पेपर में IMF और FSB के जॉइंट रिपोर्ट से मिले इनसाइट्स भी शामिल किए जाएंगे।
शुरुआत में रिपोर्ट्स में यह भी दावा किया गया था कि CoinDCX के Head of Finance भी इस्तीफा दे रहे हैं, लेकिन बाद में कंपनी ने इन खबरों को खारिज कर दिया। इस वजह से मीडिया में पब्लिश स्टोरी और हैडलाइन को अपडेट कर दिया गया।
CoinDCX की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, कंपनी इन इस्तीफों को नई लीडरशिप बिल्डिंग का हिस्सा मान रही है। फिलहाल कंपनी के पास 100 से अधिक ओपन पोजीशन्स हैं जिनमें CFO और General Counsel जैसी सीनियर भूमिकाएं भी शामिल हैं।
इसका मतलब है कि CoinDCX एक बार फिर अपनी लीडरशिप स्ट्रक्चर को रीसेट करने की तैयारी में है। इससे कंपनी को तेजी से बदलते ग्लोबल क्रिप्टो मार्केट में कॉम्पिटिशन करने का मौका मिलेगा।
इसके अलावा, भारत में जो नया क्रिप्टो पॉलिसी डिस्कशन पेपर जून में आने वाला है, वह कंपनी की आगे की स्ट्रेटेजी को तय करने में अहम भूमिका निभा सकता है। CoinDCX इस समय ग्लोबल एक्सपैंशन और लोकल रेगुलेटरी चैलेंजेस दोनों को बैलेंस करने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है।
CoinDCX के CTO और Legal Head जैसे सीनियर ऑफिसर्स का इस्तीफा एक्सचेंज की स्ट्रेटेजिक दिशा, टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट और कानूनी फैसलों पर सीधा असर डाल सकता है। खासकर ऐसे समय में जब भारतीय क्रिप्टो मार्केट रेगुलेटरी अनिश्चितता से जूझ रहा है, एक मज़बूत लीगल टीम और टेक टीम की मौजूदगी बेहद अहम होती है।
CTO के जाने से प्लेटफ़ॉर्म के टेक्निकल डेवलपमेंट और सिक्योरिटी इनोवेशन की स्पीड कम हो सकती है, जबकि Legal Head का जाना एक्सचेंज के रेगुलेटरी कंसिस्टेंसी और लीगल क्लैरिटी को प्रभावित कर सकता है। हालांकि, कंपनी का दावा है कि वह नई लीडरशिप को लेकर एक्टिव है और 100 से अधिक पोजिशन के लिए Hiring कर रही है।
इस न्यूज़ पर अच्छे से एनालिसिस करने के बाद मेरे अनुसार शार्ट टर्म में अस्थिरता रह सकती है लेकिन यदि CoinDCX तेज़ी से नई और अनुभवी टीम लाता है तो इस असर को कम किया जा सकता है।
CoinDCX इस समय बड़े बदलावों के दौर से गुजर रही है। जहां एक तरफ दो सीनियर अधिकारियों का जाना कंपनी के अंदर एक लीडरशिप शिफ्ट की ओर इशारा करता है, वहीं दूसरी ओर 100 से ज़्यादा ओपन पोजीशन और नए ग्लोबल मार्केट में विस्तार यह भी दिखाता है कि CoinDCX अपना अगला ग्रोथ फेज़ प्लान कर रही है। भारत में क्रिप्टो रेगुलेशन को लेकर स्पष्टता भले ही अभी ना हो, लेकिन CoinDCX जैसी कंपनियां पहले से ही अपनी स्ट्रेटेजी को इंटरनेशनल विस्तार और कॉर्पोरेट री-स्ट्रक्चरिंग के ज़रिए आगे ले जा रही हैं। आने वाले समय में ये बदलाव भारत की क्रिप्टो इंडस्ट्री की दिशा को तय कर सकते हैं।
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