Crypto Enforcement Training

Crypto Scams रोकने के लिए शुरू हुई हाई-टेक Crypto Enforcement Training

Crypto Crime से निपटने के लिए Crypto Enforcement Training बनी गेमचेंजर


भारत के वित्त मंत्रालय ने हाल ही में वर्चुअल डिजिटल एसेट्स से जुड़े मामलों को ट्रैक करने के लिए तैयार किए गए खास Crypto Enforcement Training प्रोग्राम्स का विस्तार किया है। यह बदलाव दिखाता है कि सरकार का ध्यान अब सिर्फ टैक्स और नियमों तक नहीं है, बल्कि ऑफिसर्स की टेक्निकल समझ बढ़ाकर गलत कामों पर सीधे रोक लगाने पर है। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब इलीगल ट्रांज़ैक्शन, फ्रॉड इंवेस्टमेंट्स, सस्पीशियस ट्रांसफर के मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है और जांच एजेंसियां इन एक्टिविटीज की गहराई तक जाने की कोशिश कर रही हैं। 


Crypto Enforcement Training

Source: यह इमेज Crypto India की X पोस्ट से ली गई है जिसके लिंक यहां दी गई है।


ताज़ा जांचों में बड़ा खुलासा, अब तक ₹4,189 करोड़ की डिजिटल एसेट्स जब्त


Crypto Enforcement Training पहल के पीछे सबसे बड़ा कारण हाल की बड़ी कार्रवाईयां हैं।


  • एन्फोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) ने बताया है कि उसने अलग-अलग मामलों में लगभग ₹4,189 करोड़ की डिजिटल एसेट्स फ्रीज़ या अटैच की हैं।

  • इसके अलावा, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने पिछले वर्षों में लगभग 44,000 नोटिस भेजे, जिनमें कई पुराने सालों के अन-रिपोर्टेड ट्रांज़ैक्शन भी शामिल थे।

  • इन्हीं कदमों के चलते 2022 से अब तक 1,000 करोड़ रुपए से ज्यादा TDS इकट्ठा हुआ है। 


NFSU Goa में एडवांस ट्रेनिंग, डिजिटल फॉरेंसिक और ब्लॉकचेन एनालिसिस पर ध्यान


वित्त मंत्रालय की जानकारी के अनुसार, अफसरों को Blockchain Technology, ट्रांज़ैक्शन कैसे चलता है, वॉलेट ट्रैकिंग, पब्लिक लेज़र पढ़ने और डिजिटल फॉरेंसिक के एडवांस इस्तेमाल पर Crypto Enforcement Training दी जा रही है। इन प्रोग्राम का ऑपरेशन नेशनल फॉरेंसिक साइंसेस यूनिवर्सिटी (NFSU) गोवा में किया जा रहा है, जहाँ एक्सपर्ट्स टीमें असली मामलों पर बेस्ड प्रैक्टिस, अलग-अलग वर्कशॉप और इंटरएक्टिव लैब सेशन करवा रही हैं। यह ट्रेनिंग नवंबर 2025 के आखिरी हफ्ते में शुरू हुई थी और इसे धीरे-धीरे देशभर की कई जांच एजेंसियों तक बढ़ाया जा रहा है।


AI-बेस्ड सिस्टम और CERT-In ऑडिट से शुरू हुआ निगरानी का नया दौर


  • इस साल कई टेक्निकल कदम उठाए गए, जिनमें AI बेस्ड टूल भी शामिल हैं, जिनसे लगभग ₹437 करोड़ की टैक्स रिकवरी का दावा किया गया था।

  • इसके साथ ही, वर्चुअल डिजिटल एसेट सर्विस देने वाली कंपनियों के लिए CERT-In ऑडिट अनिवार्य किए गए, ताकि साइबर सुरक्षा और डेटा रिपोर्टिंग मजबूत रहे।

  • इसी दिशा में, साइबर क्राइम केसेस में मदद के लिए Indian Cybercrime Coordination Centre से भी ट्रेनिंग प्रोग्राम भी जोड़े गए हैं।


सोशल मीडिया पर इस Crypto Enforcement Training अपडेट को शेयर करने वाले क्रिप्टो-फाउंडर @simplykashif के अनुसार, कम्युनिटी में दो तरह के रिएक्शन्स देखने को मिले है।


  1. कई लोग कहते हैं कि अगर सरकारी अफसरों को क्रिप्टो और ब्लॉकचेन जैसी टेक्नोलॉजी की अच्छी समझ होगी, तो गलत कार्रवाई होने की संभावना कम होगी। इससे आम यूज़र्स को भी बिना वजह डर नहीं लगेगा।

  2. कुछ लोगों को चिंता है कि नुकसान की कटौती (Loss-Offset) जैसे जरूरी नियम अभी भी साफ नहीं हैं। इस वजह से नियम बनाने वालों और क्रिप्टो इनोवेशन करने वालों के बीच थोड़ा तनाव बना हुआ है।


फिर भी, यह साफ है कि भारत के लगभग 20 मिलियन से ज्यादा डिजिटल एसेट यूजर्स के लिए यह ट्रेनिंग-बेस्ड पॉलिसी भविष्य में बेहतर स्पष्टता ला सकती है।


2022 के नियमों का असर, टैक्स सिस्टम अब और सख्त निगरानी मोड में


भारत ने 2022 में 30% टैक्स और 1% TDS का नियम लागू किया था। उस समय यह काफी कड़ा नियम माना जा रहा था। लेकिन अब स्थिति बदलती दिख रही है। सरकार की नई स्ट्रेटेजी से साफ है कि ध्यान सिर्फ टैक्स वसूली पर नहीं, बल्कि सस्पीशियस एक्टिविटीज को सही तरीके से पकड़ने पर है। साथ ही, सही तरीके से निवेश करने वाले लोगों को सिस्टम बेहतर समझ सके, इसके लिए भी मंत्रालय का कहना है कि ट्रांसपेरेंसी बढ़ाने का काम जारी है।


Crypto Enforcement Training पर मेरी राय 


क्रिप्टो इंडस्ट्री को करीब 7 साल से करीब से समझने के बाद मेरा मानना है कि भारत का यह Crypto Enforcement Training बेस्ड नजरिया गेमचेंजर साबित होगा। जब ऑफिसर्स ब्लॉकचेन और डिजिटल फॉरेंसिक को टेक्निकल रूप से समझेंगे, तभी क्रिप्टो फ्रॉड कम होंगे और असली इनोवेशन को सुरक्षित जगह मिलेगी। यह कदम मार्केट की रिलायबिलिटी बढ़ाएगा।


कन्क्लूजन 


भारत सरकार के ये कदम दिखाते हैं कि अब देश क्रिप्टो नियमों को लेकर पहले से ज्यादा गंभीर और टेक्निकल रूप से तैयार होना चाहता है। ब्लॉकचेन और डिजिटल जांच की बेहतर समझ से न सिर्फ गलत काम पकड़े जा सकेंगे, बल्कि आम यूज़र्स और कंपनियों के लिए भी एक सुरक्षित माहौल बन पाएगा। भारत का क्रिप्टो मार्केट करीब $3.5 बिलियन का है, इसलिए अफसरों की ये नई Crypto Enforcement Training आने वाले समय में काफी महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।


डिस्क्लेमर: यह न्यूज़ केवल जानकारी देने के उद्देश्य से लिखी गई है। इसका उद्देश्य निवेश, टैक्स या कानूनी सलाह देना नहीं है। क्रिप्टो एसेट्स जोखिम वाले होते हैं, इसलिए किसी भी फाइनेंशियल डिसीजन से पहले एक्सपर्ट्स की सलाह अवश्य लें। सरकार की पॉलिसीस समय के साथ बदल सकती हैं।

About the Author Akansha Vyas

Crypto Journalist Cryptohindinews.in

आकांक्षा व्यास एक स्किल्ड क्रिप्टो राइटर हैं, जिनके पास 7 वर्षों का अनुभव है और वे ब्लॉकचेन और Web3 के कॉम्पलेक्स टॉपिक्स को सरल और समझने योग्य बनाने में एक्सपर्ट हैं। वे डीप रिसर्च के साथ आर्टिकल्स, ब्लॉग और न्यूज़ लिखती हैं, जिनमें SEO पर विशेष ध्यान दिया जाता है ताकि रीडर्स का जुड़ाव बढ़ सके। आकांक्षा की राइटिंग क्रिएटिव एक्सप्रेशन और एनालिटिकल अप्रोच का एक बेहतरीन मिश्रण है, जो रीडर्स को जटिल विषयों को स्पष्टता के साथ समझने में मदद करता है। क्रिप्टो स्पेस के प्रति उनकी गहरी रुचि उन्हें इस उद्योग में एक अच्छे राइटर के रूप में स्थापित कर रही है। अपने कंटेंट के माध्यम से, उनका उद्देश्य रीडर्स को क्रिप्टो की तेजी से बदलती दुनिया में गाइड करना है।

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यह सरकारी अधिकारियों को ब्लॉकचेन, डिजिटल फॉरेंसिक और क्रिप्टो ट्रैकिंग सिखाने के लिए बनाई गई एडवांस ट्रेनिंग है।
गलत क्रिप्टो ट्रांज़ैक्शन, फ्रॉड और अवैध गतिविधियों को तकनीकी तरीके से पकड़ना इसका मुख्य उद्देश्य है।
NFSU Goa एक्सपर्ट्स की मदद से अधिकारियों को असली मामलों पर आधारित लैब ट्रेनिंग और वर्कशॉप करवा रहा है।
ED ने अलग-अलग मामलों में लगभग ₹4,189 करोड़ की डिजिटल एसेट्स जब्त की हैं।
30% टैक्स और 1% TDS नियम ने ट्रांज़ैक्शन ट्रैकिंग बढ़ाई है, जिससे निगरानी और पारदर्शिता मजबूत हुई है।