Forex Crypto Scam

₹970 करोड़ का Forex Crypto Scam उजागर, दिल्ली बिज़नेसमैन गिरफ्तार

भारत में एक बड़ा Forex Crypto Scam सामने आया है। कानपुर पुलिस ने दिल्ली निवासी रविंद्र नाथ सोनी को गिरफ्तार किया है, जिस पर लगभग ₹970 करोड़ की भारी धोखाधड़ी का आरोप है। प्रारंभिक जांच संकेत देती है कि लेन-देन के कुछ लिंक दुबई, जापान और मलेशिया से जुड़े हो सकते हैं, लेकिन पुलिस द्वारा इसकी गहन जांच अभी जारी है। पुलिस की प्रारंभिक रिपोर्ट में संकेत मिले हैं कि Forex Crypto Scam में क्रिप्टो चैनल, हवाला नेटवर्क और शेल कंपनियों का संभावित उपयोग हुआ हो सकता है।

Forex Crypto Scam

Source: यह इमेज Bitinning की X पोस्ट से ली गई है जिसकी लिंक यहां दी गई है।  

Blue Chip Trading का फर्जी फॉरेक्स मॉडल


पुलिस के अनुसार, Forex Crypto Scam के लिए सोनी ने कई साल पहले दुबई जाकर लगभग 12 शेल कंपनियाँ बनाईं, जिनमें एक आकर्षक नाम "Blue Chip Trading" भी शामिल था। इस कंपनी के ज़रिए वह एनआरआई भारतीयों और स्थानीय निवेशकों को यह कहकर आकर्षित करता था कि वह हाई-एंड फॉरेक्स ट्रेडिंग करता है और निवेश पर 30-40% तक तुरंत रिटर्न मिल सकता है।


पहले कुछ महीनों तक सोनी ने लोगों को छोटे-बड़े पेआउट दिए, ताकि भरोसा बढ़े। यह तरीका बिल्कुल क्लासिक पोंजी मॉडल जैसा था, जहाँ शुरुआती भुगतान सिर्फ नए निवेशकों के पैसों से किया जाता है। 


क्रिप्टो स्कैम लगातार बढ़ते जा रहे है, हाल ही में विशाखापट्टनम में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां Vizag में करोड़ों का Crypto Scam हुआ था, जिसमें करीब 230 पुलिसकर्मी खुद एक बड़े क्रिप्टो फ्रॉड के शिकार हो गए। शुरुआती जानकारी के मुताबिक, दो पुलिस कॉन्स्टेबल ने अपने सहकर्मियों को एक नकली और आकर्षक क्रिप्टो निवेश स्कीम में पैसा लगाने के लिए उकसाया। भरोसा जीतकर इन दोनों ने पुलिस स्टाफ से लगभग 7 करोड़ रुपये तक इकट्ठा कर लिए। मामला सामने आते ही विभाग में हड़कंप मच गया है और जांच तेजी से जारी है।


₹970 करोड़ का अमाउंट कैसे सामने आया 


Forex Crypto Scam में पुलिस अनुमान के अनुसार, बैंक और डिजिटल ट्रांसफर रिकॉर्ड में लगभग ₹970 करोड़ के लेन-देन में दिखाई देते हैं। कुछ अमाउंट लौटाया भी गया, जिससे लोगों को विश्वास होता रहे। हालाँकि, बड़ी मात्रा में पैसा तुरंत क्रिप्टोकरेंसी, हवाला चैनलों और अन्य विदेशी अकाउंट में भेज दिया गया। Forex Crypto Scam की जाँच में यह भी पाया गया कि यह नेटवर्क UAE, जापानी नागरिकों और मलेशियाई निवेशकों तक फैला हुआ था। 


घोटाले का खुलासा कैसे शुरू हुआ


Forex Crypto Scam के इस पूरे नेटवर्क की लेयर्स धीरे-धीरे तब खुलनी शुरू हुईं, जब कानपुर के एक व्यक्ति ने जनवरी में शिकायत दर्ज कराई कि सोनी ने उसका ₹42 लाख का चेक बाउंस कर दिया। जैसे ही पुलिस ने पूछताछ शुरू की, एक बड़ा नेटवर्क सामने आने लगा। जाँच के दौरान पता चला कि दो निवेशकों ने दावा किया कि वे अकेले ₹4 करोड़ गंवा चुके हैं। कई और विक्टिम्स केरल, दुबई और देश के अन्य राज्यों से पुलिस से संपर्क कर रहे हैं।


पहले भी रहे हैं धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार


पुलिस ने बताया कि सोनी को 2019 में अलीगढ़ में भी एक फ्रॉड केस में गिरफ्तार किया गया था। सूत्रों के अनुसार, वह दुबई की जेल में भी कुछ महीनों तक फाइनेंशियल विवादों के कारण रहा था। इस बार की कार्रवाई के बाद कई देशों की एजेंसियों का ध्यान इस मामले पर गया है।


क्रिप्टो और हवाला के ज़रिए मनी लॉन्ड्रिंग


Forex Crypto Scam की जाँच में सामने आया है कि सोनी ने पैसे को छुपाने और आगे बढ़ाने के लिए:


  • Crypto Wallets का उपयोग किया।

  • हवाला सिस्टम से रकम बाहर भेजी। 

  • शेल कंपनियों के जरिए ट्रांजैक्शन घुमाए।

  • विदेशी सहयोगियों की मदद से धन को कई हिस्सों में बाँटा।


पुलिस के अनुसार, लगभग 12 विदेशी सहयोगियों की पहचान की जा चुकी है।


जांच में नेशनल सिक्योरिटी भी जुड़ा


अधिकारियों का कहना है कि Forex Crypto Scam में बड़े पैमाने पर धन का विदेशों में ट्रांसफर होने की वजह से राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े पहलुओं की भी जांच की जा रही है। इतने ज्यादा पैसों का क्रिप्टो, विदेशों के अकाउंट और हवाला के ज़रिए बाहर जाना एक गंभीर खतरा माना जा रहा है। इसलिए सिर्फ फ्रॉड ही नहीं, बल्कि देश की सुरक्षा से जुड़े पहलुओं की भी जांच हो रही है। अधिकारियों का कहना है कि बिना रिकॉर्ड के बाहर गया पैसा गलत कामों में भी इस्तेमाल हो सकता है, इसलिए जांच बहुत सावधानी से की जा रही है। 


जांच आगे बढ़ी, नए विक्टिम्स सामने आए


Forex Crypto Scam के केस में सोनी को अदालत से न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। फोरेंसिक अकाउंटिंग टीमें, साइबर एक्सपर्ट्स, पासपोर्ट रिकॉर्ड जांच अधिकारी और डिजिटल फाइनेंस एक्सपर्ट्स उसके बैंक लॉग, एंट्री रिकॉर्ड और क्रिप्टो ट्रांसफर की गहराई से जांच कर रहे हैं। ऑफिसर्स का मानना है कि आने वाले दिनों में शिकायतों की संख्या तेजी से बढ़ सकती है।


मेरे 7 साल के क्रिप्टो और फाइनेंशियल फ्रॉड एनालिसिस एक्सपीरियंस में, ऐसे केस दिखाते हैं कि हाई-रिटर्न का लालच सबसे बड़ा रिस्क बन जाता है। असली समस्या निवेशकों की जागरूकता और रेगुलेशन की कमी है। यह केस बताता है कि बिना लाइसेंस वाले फॉरेक्स-क्रिप्टो मॉडल भविष्य में और बड़े नुकसान करा सकते हैं।


कन्क्लूजन 


Forex Crypto Scam का यह केस साफ दिखाता है कि फ़ॉरेक्स और क्रिप्टो जैसे तेज़ी से बढ़ते ऑनलाइन इन्वेस्टमेंट सेक्टर में ज्यादा ट्रांसपेरेंसी और सही नियमों की जरूरत है। बड़े प्रॉफिट के चक्कर में लोग जल्दी भरोसा कर लेते हैं और ठगी का शिकार बन जाते हैं। अब जांच एजेंसियां पूरे नेटवर्क को समझने, सबूत जुटाने और विक्टिम्स के पैसे वापस दिलाने की कोशिश में लगी हैं। उम्मीद है कि सख़्त कार्रवाई से ऐसे घोटालों पर रोक लगेगी और लोग अधिक सुरक्षित महसूस करेंगे। 


डिस्क्लेमर: यह रिपोर्ट सिर्फ सूचना के उद्देश्य से है। इसमें दिए गए तथ्य पुलिस जांच और उपलब्ध रिकॉर्ड पर आधारित हैं। यह किसी भी व्यक्ति, कंपनी या निवेश मॉडल के पक्ष या विरोध में सलाह नहीं है, तो किसी भी निवेश से पहले पूरी जांच जरूर करें। 

About the Author Akansha Vyas

Crypto Journalist Cryptohindinews.in

आकांक्षा व्यास एक स्किल्ड क्रिप्टो राइटर हैं, जिनके पास 7 वर्षों का अनुभव है और वे ब्लॉकचेन और Web3 के कॉम्पलेक्स टॉपिक्स को सरल और समझने योग्य बनाने में एक्सपर्ट हैं। वे डीप रिसर्च के साथ आर्टिकल्स, ब्लॉग और न्यूज़ लिखती हैं, जिनमें SEO पर विशेष ध्यान दिया जाता है ताकि रीडर्स का जुड़ाव बढ़ सके। आकांक्षा की राइटिंग क्रिएटिव एक्सप्रेशन और एनालिटिकल अप्रोच का एक बेहतरीन मिश्रण है, जो रीडर्स को जटिल विषयों को स्पष्टता के साथ समझने में मदद करता है। क्रिप्टो स्पेस के प्रति उनकी गहरी रुचि उन्हें इस उद्योग में एक अच्छे राइटर के रूप में स्थापित कर रही है। अपने कंटेंट के माध्यम से, उनका उद्देश्य रीडर्स को क्रिप्टो की तेजी से बदलती दुनिया में गाइड करना है।

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यह एक मल्टी-लेयर घोटाला है जिसमें फर्जी फॉरेक्स ट्रेडिंग, क्रिप्टो ट्रांसफर, हवाला और शेल कंपनियों का इस्तेमाल कर करोड़ों रुपये जुटाए गए।
दिल्ली निवासी रविंद्र नाथ सोनी को इस पूरे नेटवर्क का मुख्य आरोपी माना जा रहा है।
हाँ, दुबई, जापान और मलेशिया जैसे देशों के लोगों को भी इसमें शामिल किया गया था।
कानपुर के एक व्यक्ति द्वारा ₹42 लाख का चेक बाउंस होने की शिकायत से जांच शुरू हुई।
यह फर्जी फॉरेक्स ट्रेडिंग का दावा करती थी और निवेश पर 30-40% रिटर्न देने का वादा करती थी।