विशाखापट्टनम से सामने आई एक चौंकाने वाली घटना में लगभग 230 पुलिसकर्मियों के साथ बड़ा Crypto Scam होने का मामला उजागर हुआ है। TNIE Andhra Pradesh की X पोस्ट के अनुसार, शुरुआती जांच में सामने आया है कि दो कॉन्स्टेबल ने कथित तौर पर एक आकर्षक क्रिप्टो निवेश योजना चलाकर अपने ही डिपार्टमेंट के कर्मचारियों से लगभग 7 करोड़ रुपये वसूल लिए। इस Crypto Scam ने तेज़ी से फैलकर कई लोगों को प्रभावित किया, क्योंकि इसमें कम समय में ज्यादा फायदे का दावा किया गया था। अधिकारियों के अनुसार, यह घटना सिर्फ फाइनेंशियल नुकसान नहीं है, बल्कि भरोसे की बुनियाद को भी हिला देने वाली है, क्योंकि इसमें दो कर्मचारियों का नाम सामने आया है।
सोर्सेज से सामने आया है कि इस कथित रैकेट को दो पुलिसकर्मियों ने मिलकर चलाया। इनमें एक 2007 बैच का कॉन्स्टेबल और दूसरा 2009 बैच का बताया जा रहा है। दोनों पर आरोप है कि उन्होंने निवेशकों को 3 लाख रुपये लगाने पर हर महीने 50,000 रुपये तक रिटर्न देने का दावा किया। इसके अलावा Crypto Scam की इस योजना में यह भी कहा गया कि निवेश करने वाले को रोज़ाना 1,200 रुपये तक मिलेंगे और 110 दिनों बाद मूल राशि भी वापस कर दी जाएगी। इस प्रकार, टोटल अमाउंट 1,32,000 रुपये बताया गया, जो कम समय में मिलने वाले एक आकर्षक कमाई के रूप में पेश किया गया।
विक्टिम्स में ज्यादातर पुलिसकर्मी थे और उन्हें यह विश्वास दिलाया गया कि यह योजना सुरक्षित है, क्योंकि इसे उनके ही डिपार्टमेंट के लोगों द्वारा चलाया जा रहा है। योजना UB Coin, EPZ, Yes World और GTFS जैसे नामों से आगे बढ़ाई गई। लोगों को इन कंपनियों के नामों और डिजिटल करेंसी की तेजी से बढ़ती लोकप्रियता के कारण भरोसा हुआ। इसके साथ, निवेश लाने पर “स्टार रेटिंग” और कमीशन जैसे एक्स्ट्रा प्रॉफिट भी बताए गए, जिससे कई लोग अपने पहचान के लोगों को भी शामिल करने लगे।
यह Crypto Scam तब सामने आया जब डिपार्टमेंटल लेवल पर कुछ पुलिसकर्मियों ने Crypto Scam की इस योजना पर सवाल उठाना शुरू किए। कई निवेशकों ने बताया कि समय पूरा होने पर उन्हें वादा किए गए रिटर्न नहीं मिले। इसके बाद मामले की जानकारी सीनियर ऑफिशल्स तक पहुंची, जहाँ पुलिस आयुक्त Dr. Shanka Brata Bagchi ने साइबर क्राइम ब्रांच को इस पर गौर करने के लिए कहा। हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि बिना औपचारिक शिकायत के कोई मामला दर्ज नहीं किया जा सकता।
आयुक्त ने मीडिया के माध्यम से कहा कि अभी तक उनके पास किसी भी विक्टिम की लिखित शिकायत नहीं आई है। उन्होंने सभी विक्टिम्स से इंसिस्ट किया कि वे सामने आएं और औपचारिक शिकायत दर्ज कराएं। उन्होंने यह भी बताया कि विक्टिम्स सीधे 7995095799 नंबर पर संपर्क कर सकते हैं ताकि आगे की प्रोसेस शुरू की जा सके।
कई पुलिसकर्मी अभी भी सामने आने से डर रहे हैं। वजह यह है कि वर्दी में रहते हुए ऐसी स्कीम में पैसा लगाना उन्हें शर्मिंदगी महसूस करा रहा है। दूसरी तरफ, लाखों रुपये खो देने का दर्द उनके परिवारों को भी भारी पड़ रहा है। कई लोगों ने अपनी सालों की बचत इस योजना में लगा दी थी और अब उन्हें पैसे वापस मिलने की उम्मीद बहुत कम दिखाई दे रही है।
Crypto Scam की यह घटना साफ दिखाती है कि निवेश करते समय जानकारी की कमी कितनी बड़ी गलती बन सकती है। क्रिप्टोकरेंसी की बढ़ती लोकप्रियता और जल्दी पैसे कमाने की चाह ने कई लोगों को बिना रिसर्च के इस जाल में फंसा दिया। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि अब पुलिसकर्मियों के लिए जागरूकता कैंपेन चलाए जाएंगे, ताकि कोई भी कर्मचारी भविष्य में ऐसी गलतियों का शिकार न हो सके।
हालांकि अभी तक किसी भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया है, विभाग का कहना है कि शिकायत मिलते ही कार्रवाई शुरू होगी। साइबर सेल इस योजना में उपयोग किए गए डिजिटल ट्रांज़ैक्शन, वॉलेट और प्लेटफॉर्म की जांच करने को तैयार बैठी है। अधिकारियों ने यह भी कहा है कि यदि निवेशकों ने समय रहते शिकायत दर्ज की होती, तो शायद कुछ नुकसानों को रोका जा सकता था। फिर भी, देर से मिली शिकायत पर भी जांच की संभावना खत्म नहीं होती।
क्रिप्टो इंडस्ट्री में अपने 7 साल के अनुभव से मैं कह सकती हूँ कि ऐसे हाई-रिटर्न स्कैम हमेशा भरोसे का फायदा उठाते हैं। बिना रेगुलेशन और बिना रिसर्च किए किसी भी योजना में निवेश करना सबसे ज्यादा जोखिम भरा होता है। यह घटना शिक्षा का बड़ा सबक है।
यह आर्टिकल सिर्फ जानकारी और जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई जानकारी किसी भी प्रकार की फाइनेंशियल सलाह, निवेश सुझाव या लीगल गाइडेंस नहीं है। आप किसी भी निवेश से पहले रिसर्च करें और एक्सपर्ट्स की सलाह अवश्य लें।
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