क्रिप्टो मार्केट में Ethereum Supply को लेकर एक अहम जानकारी सामने आई है। ऑन-चेन डेटा के अनुसार, क्रिप्टो एक्सचेंजों पर मौजूद ETH की सप्लाई 2016 के बाद अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है। यह ट्रेंड न केवल कम बिक्री दबाव की ओर इशारा करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि निवेशक इसे लंबे समय तक होल्ड करने को प्राथमिकता दे रहे हैं।
नीचे दिए गए ग्राफ में Exchange Supply Ratio और Ethereum की कीमत के बीच का संबंध स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।
Source: X Post
CryptoRank और CryptoQuant जैसे भरोसेमंद ऑन-चेन डेटा प्लेटफॉर्म्स के मुताबिक, नवंबर 2025 के अंत तक Exchange Supply Ratio (ESR) करीब 0.137 तक गिर चुका है। यह स्तर लगभग 2016 के आसपास देखा गया था।
CryptoQuant की रिपोर्ट के अनुसार, Binance पर ESR गिरकर 0.0325 पर पहुंच गया है, जो पिछले महीनों की तुलना में काफी निचला स्तर है। यह संकेत देता है कि क्रिप्टो एक्सचेंज पर इस दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी की सप्लाई लगातार कम हो रही है। जिससे स्पॉट मार्केट में तुरंत बिक्री के लिए उपलब्ध टोकन की संख्या कम होती जा रही है।
हालांकि रियल-टाइम डेटा में कुछ अंतर संभव है, लेकिन उपलब्ध ऑन-चेन आंकड़े और इंडस्ट्री रिपोर्ट्स इस बात की पुष्टि करते हैं कि Ethereum Supply on Exchanges ऐतिहासिक रूप से काफी कम हो चुकी है।
1. लॉन्ग-टर्म होल्डिंग (HODLing): निवेशक इसे एक्सचेंज से निकालकर प्राइवेट वॉलेट्स में स्टोर कर रहे हैं। यह संकेत देता है कि वे शॉर्ट-टर्म ट्रेडिंग की बजाय लॉन्ग-टर्म वैल्यू पर भरोसा कर रहे हैं। दुनिया के सबसे बड़े Ethereum Holder Bitmine की Holding अब लगभग 40 लाख ETH हो चुकी है।
2. स्टेकिंग और DeFi में बढ़ता उपयोग: PoS सिस्टम के बाद बड़ी मात्रा में ETH स्टेकिंग में लॉक हो चुका है। साथ ही DeFi प्रोटोकॉल्स में इसकी मांग बढ़ने से एक्सचेंज सप्लाई और कम हुई है। हाल ही में हुए Fusaka Upgrade के बाद अब इसकी मांग और भी बढ़ने की सम्भावना है।
3. Institutional Accumulation: हालिया रिपोर्ट्स के अनुसार, संस्थागत निवेशकों द्वारा लाखों ETH का संचय किया गया है। ETF और कॉर्पोरेट ट्रेजरी जैसे स्ट्रक्चर एक्सचेंज सप्लाई को और घटाते हैं।
कीमत पर बुलिश दबाव: अगर मांग बनी रहती है, तो कम सप्लाई की वजह से सप्लाई शॉक बन सकता है, जिससे इसकी कीमत में तेजी आ सकती है।
कम लिक्विडिटी, ज्यादा वोलैटिलिटी: एक्सचेंजों पर कम $ETH होने से बड़े ऑर्डर्स कीमत को तेजी से ऊपर-नीचे कर सकते हैं।
मजबूत लॉन्ग-टर्म सेंटिमेंट: यह ट्रेंड दर्शाता है कि मार्केट इसे सिर्फ एक ट्रेडिंग एसेट नहीं, बल्कि लॉन्ग-टर्म वैल्यू स्टोर के रूप में देख रहा है।
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कुल मिलाकर, यह कहना गलत नहीं होगा कि Ethereum Supply 2016 के बाद सबसे निचले स्तर पर पहुंचना क्रिप्टो मार्केट के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत है। स्टेकिंग, संस्थागत निवेश और HODLing की बढ़ती प्रवृत्ति $ETH के लिए लॉन्ग-टर्म पॉजिटिव आउटलुक को मजबूत करती है। हालांकि, निवेशकों को संभावित वोलैटिलिटी और बाजार जोखिमों को भी ध्यान में रखना चाहिए।
Disclaimer: यह आर्टिकल एजुकेशनल पर्पस से लिखा गया है। इसमें किसी भी तरह की फाइनेंशियल एडवाइस नहीं है। क्रिप्टो मार्केट वोलेटाइल है, किसी भी इन्वेस्टमेंट से पहले अपनी रिसर्च जरुर करें।
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