Ethereum एक डिसेंट्रलाइज्ड ब्लॉकचेन प्लेटफॉर्म है, जिसकी नींव 2013 में Vitalik Buterin ने रखी थी और इसे 2015 में लॉन्च किया गया। यह केवल एक Cryptocurency नहीं है, बल्कि एक ग्लोबल कंप्यूटर नेटवर्क है जो डेवलपर्स को डिसेंट्रलाइज्ड एप्लिकेशन्स (dApps) और स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स बनाने की अनुमति देता है।
Bitcoin की तरह यह भी Blockchain Technology पर आधारित है, लेकिन इसकी क्षमताएं कहीं अधिक व्यापक हैं। जहाँ Bitcoin डिजिटल पेमेंट के लिए सीमित है, वहीं प्रोजेक्ट का लक्ष्य इंटरनेट को डिसेंट्रलाइजेशन की दिशा में ले जाना है।
एथेरियम एक ओपन-सोर्स, डिसेंट्रलाइज़्ड ब्लॉकचेन नेटवर्क है जो स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स को सपोर्ट करता है। यह सिर्फ एक क्रिप्टोकरेंसी नहीं, बल्कि एक पूरा इकोसिस्टम है जिसमें NFT, DeFi, DApps और Web3 एप्लिकेशन चलाए जाते हैं।
भारत में इथेरियम की लोकप्रियता तेजी से बढ़ी है क्योंकि यह डेवलपर्स और इन्वेस्टर्स दोनों को एक सुरक्षित और स्केलेबल प्लेटफॉर्म देता है।
Ethereum Blockchain एक डिजिटल लेजर है जहां ट्रांजैक्शन्स को डिसेंट्रलाइज़्ड तरीके से वेरिफाई और रिकॉर्ड किया जाता है। इसमें इस्तेमाल होते हैं Smart Contracts यानी कोडिंग के ज़रिए चलने वाले ऑटोमैटिक एग्रीमेंट्स।
Ethereum Network की नेटिव क्रिप्टोकरेंसी को Ether (ETH) कहा जाता है। इसका उपयोग नेटवर्क पर ट्रांजेक्शन करने, dApps चलाने और स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स को एक्सीक्यूट करने के लिए किया जाता है। ETH को एक डिजिटल एसेट के रूप में भी खरीदा और बेचा जा सकता है। यह इथेरियम नेटवर्क पर “एनर्जी” और “फ्यूल” का काम करता है।
इसकी शुरुआत 2013 में हुई, जब इसके सह-संस्थापक Vitalik Buterin ने इसका विचार प्रस्तुत किया। उनका उद्देश्य था कि एक ऐसा ब्लॉकचेन प्लेटफॉर्म बनाया जाए, जो सिर्फ डिजिटल करेंसी तक सीमित न रहे, बल्कि स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स और एप्लिकेशन डेवलपमेंट की सुविधा भी प्रदान करे।
2014 में इस प्रोजेक्ट ने फंडिंग के लिए एक क्राउडसेल (ICO) लॉन्च किया, जिसमें लगभग $18 मिलियन जुटाए गए। यह उस समय की सबसे बड़ी क्राउडफंडिंग पहलों में से एक थी। इस फंड से तकनीकी विकास और लॉन्च की तैयारी की गई।
अंततः 2015 में Ethereum Network को आधिकारिक रूप से लॉन्च किया गया, जिससे डेवलपर्स को ब्लॉकचेन पर dApps बनाने का एक नया प्लेटफॉर्म मिला।
2022 में प्रोजेक्ट ने एक ऐतिहासिक बदलाव करते हुए अपने कंसेंसस मैकेनिज्म को Proof of Work (PoW) से Proof of Stake (PoS) में बदल दिया। इस बदलाव से नेटवर्क अधिक एनर्जी-एफिशिएंट, स्केलेबल और टिकाऊ बन गया।
Ethereum को पहली बार Vitalik Buterin और उनकी टीम ने 2015 में लॉन्च किया था। इसकी ICO (Initial Coin Offering) 2014 में हुई थी और तब से यह दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बन गई है।
इथेरियम की लॉन्चिंग ने क्रिप्टो इंडस्ट्री में सिर्फ करंसी नहीं, बल्कि एप्लिकेशन डेवलपमेंट के लिए ब्लॉकचेन के इस्तेमाल की नींव भी रखी।
Ethereum Ecosystem में शामिल होते हैं:
भारत में Ethereum Ecosystem को अपनाने वाली कंपनियों की संख्या बढ़ रही है और डेवलपर्स भी इस पर Web3 ऐप्स बना रहे हैं।
Ethereum Wallet एक डिजिटल टूल या एप्लिकेशन होता है, जो यूज़र्स को Ethereum (ETH) और अन्य ERC-20 टोकन्स को सेफ तरीके से स्टोर, भेजने और रिसीव करने की सुविधा देता है। यह वॉलेट ब्लॉकचेन पर यूज़र की निजी पहचान (Private Key) और सार्वजनिक पता (Public Address) को मैनेज करता है।
भारत में Ethereum Wallet का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है, खासकर उन लोगों के बीच जो DeFi, NFT और Web3 एप्लिकेशन से जुड़े हुए हैं। ये वॉलेट दो तरह के हो सकते हैं:
इथेरियम पहले Proof of Work (PoW) पर काम करता था, जहां माइनर्स को कंप्यूटेशनल पॉवर से ब्लॉक वैलिडेट करने होते थे। लेकिन 2022 में Merge के बाद, Ethereum अब Proof of Stake (PoS) पर शिफ्ट हो गया है। अब इसे माइन नहीं किया जाता बल्कि Staking के ज़रिए वेरिफाई किया जाता है।
एथेरियम ब्लॉकचीन क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में एक अहम भूमिका निभा रही है, खासकर Web3, DApps और DeFi सेक्टर में इसकी पकड़ मजबूत रही है। हालांकि, हाल के समय में यह ब्लॉकचेन स्लो ट्रांज़ैक्शन स्पीड, अधिक गैस फीस और कम स्केलेबिलिटी जैसी चुनौतियों का सामना कर रही थी।
इन टेक्निकल समस्याओं से निपटने के लिए इथेरियम ने अपना नया Ethereum Pectra Upgrade Launch किया है। यह अपग्रेड 7 मई को दोपहर 3 बजे (Indian Standard Time) पर लाइव हुआ। इसका उद्देश्य Ethereum Network को तेज़, अधिक स्केलेबल और यूज़र फ्रेंडली बनाना है।
Pectra असल में दो अपग्रेड्स का मेल है:
Ethereum Virtual Machine (EVM) एक वर्चुअल कंप्यूटर है, जो एथेरियम नेटवर्क पर स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स और dApps को चलाने का काम करता है। यह फिजिकली मौजूद नहीं होता, बल्कि हजारों नोड्स पर एक साथ चलता है, जिससे नेटवर्क पूरी तरह डिसेंट्रलाइज्ड और सुरक्षित रहता है।
EVM स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स के कोड को पढ़ता है, समझता है और एक्सीक्यूट करता है। यह सुनिश्चित करता है कि सभी नोड्स पर एक समान प्रक्रिया हो, ताकि ब्लॉकचेन की स्थिति एक जैसी बनी रहे।
EVM, Solidity जैसी भाषाओं में लिखे कोड को बाइटकोड में बदलकर चलाता है। इसकी वजह से ETH, Polygon और Binance Smart Chain जैसे कई नेटवर्क इसे अपनाते हैं। भविष्य में EVM ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का एक मजबूत स्तंभ बन सकता है।
इसके को-फाउंडर Vitalik Buterin ने हाल ही में डिजिटल पेमेंट सिस्टम की कमजोरियों पर चिंता जताई है। उनका मानना है कि इसे एक स्ट्रांग, प्राइवेट और सेंसरशिप-रेसिस्टेंट डिजिटल कैश के रूप में विकसित किया जाना चाहिए।
उन्होंने नॉर्डिक देशों स्वीडन और नॉर्वे का उदाहरण देते हुए बताया कि ये तकनीकी रूप से विकसित देश भी कैशलेस सिस्टम के खतरे समझकर कैश को फिर से अपनाने की ओर बढ़ रहे हैं।
साइबर अटैक और पॉलिटिकल प्रेशर के कारण इन देशों की सरकारें कैश को बैकअप के रूप में जरूरी मान रही हैं। Buterin का सुझाव है कि इसे केवल निवेश तक सीमित न रखें, बल्कि इसे एक भरोसेमंद डिजिटल कैश के रूप में अपनाया जाना चाहिए।
यह विचार भारत जैसे देशों के लिए भी महत्वपूर्ण है। अगर इस न्यूज़ को आप विस्तार से पढ़ना चाहते है तो, हमारे Crypto News Hindi सेक्शन पर जाकर पढ़ सकते है।
इसके उपयोग अलग-अलग क्षेत्रों में हो रहे है, जैसे-
वर्तमान में इसका प्राइस लगभग ₹219,776.43 है, जिसमें पिछले 24 घंटे में गिरावट देखी गई है। इसकी मार्केट कैप इसे दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बनाती है।
Vitalik Buterin के हालिया बयान इथेरियम को केवल एक निवेश टूल नहीं, बल्कि एक सुरक्षित और डिसेंट्रलाइज्ड डिजिटल कैश के रूप में विकसित करने की उम्मीद जगाते हैं। ऐसे पॉजिटिव नजरिए के साथ Price Predictionके अनुसार अगले 2-3 सालों में इसका प्राइस ₹5 लाख से ₹8 लाख तक पहुँचने की संभावना है।

Source – Trading View
इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य एक ऐसा प्लेटफॉर्म बनाना है जो दुनिया भर के डेवलपर्स और यूजर्स को सेंट्रलाइज्ड सिस्टम से आजादी दिलाए। इसके द्वारा बने Decentralized Apps (dApps) आने वाले समय में वित्त, हेल्थकेयर, और अन्य क्षेत्रों में क्रांति ला सकते हैं।
Ethereum 2.0 और Layer-2 Solutions के जरिए यह प्लेटफॉर्म और भी फास्ट, स्केलेबल और किफायती बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। What Is Ethereum( Ethereum क्या है)
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