कर्नाटक सरकार ने Blockchain, Artificial Intelligence (AI) और Quantum Computing जैसे DeepTech को बढ़ावा देने वाली नई Karnataka Startup Policy 2025-2030 को मंजूरी दे दी है। यह पॉलिसी राज्य को Blockchain और DeepTech Hub बनाने की दिशा में मजबूत कदम साबित होगी, जो भविष्य में क्रिप्टोकरेंसी और फ्यूचर टेक्नोलॉजी में भारत की लीडरशिप को भी मजबूत कर सकता है।

Source: यह इमेज SiliconSnark की X Post से ली गयी है।
कर्नाटक कैबिनेट ने गुरुवार को ‘Karnataka Startup Policy(2025-30)’ को मंजूरी दी, जिसके तहत अगले पांच वर्षों में 25,000 स्टार्टअप्स स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है। इनमें से 10,000 स्टार्टअप्स बेंगलुरु क्लस्टर के बाहर विकसित किए जाएंगे। इसके लिए कुल 518.27 करोड़ रुपये की फंडिंग को मंजूरी दी गयी है।
कर्नाटक के कानून और संसदीय मामलों के मंत्री HK Patil ने कैबिनेट मीटिंग के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा, “यह पॉलिसी कर्नाटक को Blockchain, AI और Quantum Computing का ग्लोबल हब बनाएगी। हम Bengaluru के बाहर के क्षेत्रों में भी इनोवेशन को फैलाना चाहते हैं।”
इंडिया दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम है, जहां 1.59 लाख स्टार्टअप्स सक्रिय हैं, जिनमें से 73,151 महिलाओं द्वारा लीड किए जा रहे हैं। Karnataka Startup Policy इसी इकोसिस्टम को डीपटेक फोकस देकर ग्लोबल लेवल पर मजबूत बनाएगी।
यह पॉलिसी स्टार्टअप्स को फंडिंग, इंफ्रास्ट्रक्चर और मेंटरशिप प्रदान करेगी, जो ब्लॉकचेन-बेस्ड प्रोजेक्ट्स को तेजी से स्केल करने में मदद करेगी।
समय के साथ कर्नाटक सरकार का यह कदम दुसरे राज्यों को भी इस तरह के कदम उठाने के लिए प्रेरित कर सकता है।
हमारा स्टार्टअप इकोसिस्टम पहले से ही मजबूत है, लेकिन डीपटेक में निवेश की कमी रही है। कर्नाटक की पॉलिसी इस गैप को भरते हुए AI और ब्लॉकचेन स्टार्टअप्स को इंसेंटिव्स देगी।
विशेषज्ञों का मानना है कि इससे क्रिप्टोकरेंसी रेगुलेशन और डेवलपमेंट में नई राह खुल सकती है, क्योंकि ब्लॉकचेन डिसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस (DeFi) और NFTs का बेस है। ब्लॉकचेन और AI जैसे क्षेत्र क्रिप्टो इनोवेशन के लिए क्रिटिकल हैं।
सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि महिलाओं द्वारा लीड 73,151 स्टार्टअप्स देश की इनोवेशन स्ट्रेंथ को दर्शाते हैं। यह पॉलिसी इन्हें डीपटेक में आगे बढ़ाने का मौका देगी। इस तरह से यह न केवल टेक्नोलॉजी बल्कि वीमेन एम्पावरमेंट की दिशा में भी बड़ा कदम हो सकता है।
Quantum Computing को सपोर्ट करके कर्नाटक भारत को फ्यूचर टेक्नोलॉजी में लीडर बनाएगा। गौरतलब है कि क्वांटम टेक को क्रिप्टोकरेंसी जैसे Bitcoin के लिए बड़ा खतरा माना जा रहा है। लेकिन इसका एक और पहलु यह है कि यह क्रिप्टोग्राफी और ब्लॉकचेन सिक्योरिटी को रिवॉल्यूशनाइज कर सकती है, जो क्रिप्टो एसेट्स की सेफ्टी बढ़ाएगी।
Karnataka Startup Policy के तहत क्वांटम रिसर्च लैब्स और फंडिंग से देश न केवल ग्लोबल क्वांटम रेस में आगे निकलेगा, बल्कि क्रिप्टोकरेंसी को भी फ्यूचर रेडी बनाने की दिशा में आगे बढ़ सकता है।
इस तरह से भले ही इंडिया में क्रिप्टो रेगुलेशन की कमी के कारण नए क्रिप्टो इनोवेशन की कमी हो लेकिन यह इसके सुरक्षित भविष्य के लिए तैयार कर सकता है।
ब्लॉकचेन फोकस भारत में क्रिप्टोकरेंसी डेवलपमेंट के लिए गेम-चेंजर साबित होगा। पॉलिसी स्टार्टअप्स को ब्लॉकचेन इंफ्रा, टेस्टिंग और रेगुलेटरी सपोर्ट देगी, जिससे DeFi, Web3 और टोकनाइजेशन प्रोजेक्ट्स तेजी से उभरेंगे।
विशेषज्ञों के अनुसार, यह क्रिप्टो मार्केट में भारत की पोजीशन को मजबूत करेगा और जॉब क्रिएशन को बूस्ट देगा। गौरतलब है कि भारत भले ही अब तक क्रिप्टो रेगुलेशन से दूर रहा है लेकिन Amaravati जैसे बड़े शहरों के द्वारा Blockchain पर सरकारी रिकॉर्ड रखने जैसे फैसले दिखाते हैं कि यह ज्यादा दिनों तक इससे दूर नहीं रहने वाला है।
Karnataka Startup Policy (2025-30) ब्लॉकचेन, AI और क्वांटम कंप्यूटिंग को केंद्र में रखकर राज्य को डीपटेक हब बनाएगी। 25,000 स्टार्टअप्स का लक्ष्य क्रिप्टो इनोवेशन को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा, जबकि भारत को फ्यूचर रेडी बनाएगा। यह पॉलिसी न केवल आर्थिक ग्रोथ देगी, बल्कि ग्लोबल क्रिप्टो इकोसिस्टम में भारत की लीडरशिप स्थापित करेगी।
India Crypto Adoption में दुनिया भर में पहले नंबर पर है, अब Karnataka Government का यह निर्णय हमें क्रिप्टो Blockchain, Artificial Intelligence और Crypto Innovation में भी नंबर 1 बना सकता है।
Disclaimer: क्रिप्टो मार्केट वोलेटाइल है, किसी भी इन्वेस्टमेंट से पहले अपनी रिसर्च जरुर करें। यह आर्टिकल केवल एजुकेशनल पर्पस से लिखा गया है।
Copyright 2025 All rights reserved